Kenya: केन्या में 9 अगस्त को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के दिग्गज नेता रैला ओडिंगा और उप राष्ट्रपति विलियम रुतो के बीच कड़ा मुकाबला बताया जा रहा है. हालांकि, जॉर्ज वाजाकोया ने इस रेस में वाइल्डकार्ड कैंडिडेट के रूप में एंट्री मारी है और वह अपनी घोषणाओं से लोगों के बीच काफी पॉपुलर हो रहे हैं.
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Kenyan Presidential Election Will Held on 9 August 2022: चुनाव लोकतंत्र (Democracy) का महत्वपूर्ण हिस्सा है. इसी की मदद से जनता अपना वोट देकर अपना नेता चुनती है. किसी देश में राष्ट्रपति प्रत्यक्ष रूप से चुना जाता है तो किसी देश में प्रधानमंत्री, लेकिन इनका काम जनता का प्रतिनिधित्व करना ही होता है. इसी कड़ी में इन दिनों केन्या (Kenya) में राष्ट्रपति चुनाव की तैयारियां चल रहीं हैं. 9 अगस्त 2022 यानी मंगलवार को यहां चुनाव होने हैं. रेस में कई उम्मीदवार हैं, लेकिन दो प्रमुख उम्मीदवारों के अलावा दावेदारी में एक तीसरा नाम भी आ गया है, जो अपने मुद्दों की वजह से काफी सुर्खियां बटोर रहा है. दरअसल, यह कैंडिडेट देश की आर्थिक समस्या को गांजे (Marijuana) और लकड़बग्घा (hyena) के अंडे से दूर करने का दावा कर रहा है. आइए मिलवाते हैं इस उम्मीदवार से.
क्या कर रहे हैं दावा
रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्वी अफ्रीका के सबसे धनी देशों में शामिल केन्या में 9 अगस्त को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के दिग्गज नेता रैला ओडिंगा और उप राष्ट्रपति विलियम रुतो के बीच कड़ा मुकाबला बताया जा रहा है. हालांकि, रेगे प्रशंसक जॉर्ज वाजाकोया ने इस रेस में वाइल्डकार्ड कैंडिडेट के रूप में एंट्री मारी है और वह लोगों के बीच काफी पॉपुलर हो रहे हैं. वह लोगों से अपने "गांजा समाधान" के साथ देश के कर्ज को खत्म करने का दावा कर रहे हैं.
कई लोगों को पसंद आ रहीं ये घोषणाएं
वाजाकोया मतदाताओं में युवाओं पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं. लोग वाजाकोया से प्रभावित भी नजर आ रहे हैं. कई लोगों का कहना है कि, पुराने और पारंपरिक नेता देश में भ्रष्टाचार, मुद्रास्फीति और बेरोजगारी से निपटने में विफल रहे हैं. ऐसे में उन्हें वाजाकोया की बातें अच्छी लग रही हैं. वह बाकी नेताओं से अलग सोच रहे हैं.
गांजा जनजाति बनाने का किया दावा
अपने चुनावी कैंपेन के दौरान, वाजाकोया एक मेडिकल गांजा उद्योग स्थापित करके और चीन को पशु भागों का निर्यात करके केन्या के 70 बिलियन डॉलर के कर्ज को खत्म करने की घोषणा लोगों से कर रहे हैं. उनका कहना है कि लकड़बग्घा का अंडा इसमें काफी कारगर हो सकता है. यही नहीं, अपनी लोकप्रियता के बारे में बताते हुए वाजाकोया कहते हैं कि, "मैंने एक नई जनजाति बनाई है, जिसे गांजा जनजाति के रूप में जाना जाता है,"
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