Janmashtami 2024: कट्टरपंथी हमलों और धार्मिक असहिष्णुता के बीच बांग्लादेश में हिंदुओं पर डर का साया मंडरा रहा है. इसके बाद भी बांग्लादेश के हिंदू समुदाय ने तय किया है कि वे अपने धर्म और त्योहारों से पीछे नहीं हटेंगे, चाहे हालात कैसे भी हों.
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Janmashtami in Bangladesh: हर साल की तरह इस बार भी बांग्लादेश के हिंदू समुदाय ने श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाने की तैयारी की थी, लेकिन बढ़ते कट्टरपंथी हमलों और धार्मिक असहिष्णुता के चलते इस बार त्योहार पर डर का साया मंडरा रहा है. लेकिन, इसके बाद भी बांग्लादेश के हिंदू समुदाय ने तय किया है कि वे अपने धर्म और त्योहारों से पीछे नहीं हटेंगे, चाहे हालात कैसे भी हों. सवाल ये भी उठता है कि जन्माष्टमी मनाने से कट्टरपंथियों को ये संदेश जाएगा कि हिंदू समुदाय डरा नहीं है? इसके बाद तो हमले और बढ़ सकते हैं, लेकिन हिंदुओं को हालात सुधरने की पूरी उम्मीद है. जन्माष्टमी के मौके पर ZEE NEWS ने बांग्लादेशी हिंदुओं का डर जाना.
बांग्लादेश में कैसे जन्माष्टमी मना रहा हिंदू समुदाय?
करीब एक महिने से बांग्लादेश में हिंदुओं और उनके मंदिरों पर हमले हो रहे हैं. उनके धार्मिक स्थलों को नुकसान पहुंचाने की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं. इन घटनाओं ने हिंदू समुदाय के मन में डर पैदा कर दिया है. बांग्लादेश में हिंदू डरे हुए हैं और उन्हें डर है कि कहीं श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाने पर वे हमलों का शिकार ना हो जाएं. बांग्लादेश के हिंदुओं ने इस बार तय किया है कि वे जन्माष्टमी धूमधाम से नहीं मनाएंगे, लेकिन मनाएंगे जरूर. बांग्लादेशी हिंदुओं का कहना है कि यदि जन्माष्टमी नहीं मनाएंगे तो दूसरे लोग समझेंगे कि हम डर गए, इसीलिए गुपचुप तरीके से कृष्ण का जन्म मनाएंगे.
बांग्लादेश चिंताजनक स्थिति अभी भी बरकरार है. चारों तरफ से कट्टरपंथियों से घिरे होने के बावजूद भी हिंदू जन्माष्टमी मनाने से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. बांग्लादेश में बड़े स्तर पर कृष्ण जन्माष्टमी नहीं मनेगी. हिंदुओं का कहना है कि डीजे और संगीत नहीं करेंगे. रोड शो नहीं होगा. गुपचुप शिथिल तरीके से कृष्ण का जन्म मनाएंगे.
निराशा और आशंका में जीने पर मजबूर कृष्ण भक्त
बांग्लादेश के कट्टरपंथियों ने भगवान जगन्नाथ के कई मंदिरों को जला दिया. भगवान को उनके ही मंदिर से बेदखल कर दिया. दुनिया भर के हिंदू जहां उल्लास के साथ जन्माष्टमी मना रहे हैं, वहीं बांग्लादेश में कृष्ण भक्त हर पल निराशा और आशंका में जीने पर मजबूर हैं. बांग्लादेश की राजधानी ढाका से 300 किलोमीटर दूर मेहरपुर के इस्कॉन मंदिर में बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद हिंदुओं ने वो सब कुछ देखा, जिसकी उन्होंने यहां पर पैदा होने के बाद कभी कल्पना तक नहीं की थी. ZEE NEWS ढाका से 300 किलोमीटर दूर मेहरपुर पहुंचा, जहां ऐसे हालात बन गए हैं कि हिंदुओं को तो छिपना ही पड़ ही रहा है, उन्हें अपने भगवान को भी छिपाना पड़ रहा है.
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बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले, लेकिन दुनिया चुप
जो हिंदू बांग्लादेश में पैदा हुए, अपना बचपन और जवानी बांग्लादेश को अपना मुल्क मानते हुए बिता दिया. बुढ़ापे में बांग्लदेश के कट्टरपंथी उनसे कहते हैं कि तुम्हारे भगवान दूसरे हैं, इसलिए ये मुल्क भी तुम्हारा नहीं है. बांग्लादेशी हिंदुओं का कहना है कि बांग्लादेश अब वो मुल्क बन चुका है, जहां हिंदू पहचान हमले की गारंटी है और दुनिया इस पर चुप है.
जन्माष्टमी पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम
बांग्लादेश में श्रीकृष्णजन्माष्टमी का पर्व हिंदू समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक उत्सव है, जिसे पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है. इस साल बांग्लादेश में सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं. ढाका समेत मंदिरों, पूजा स्थलों, और आयोजन स्थलों पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. अंतरिम सरकार ने इस बार सुरक्षा को प्राथमिकता देने का वादा तो जरूर किया है,लेकिन कितनी सुरक्षा दे पाती है ये एक सवाल जरूर है. बांग्लादेश के हिंदू शांतिपूर्वक और सुरक्षित माहौल में जन्माष्टमी मना सकें.
ढाका, चटगांव, और रंगपुर जैसे बड़े शहरों में पुलिस, रैपिड एक्शन बटालियन और दूसरी सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट पर रखा गया है. प्रमुख मंदिरों के आसपास सीसीटीवी कैमरों की निगरानी भी बढ़ाई गई है, जिससे किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखी जा सके. श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए खास इंतजाम किए गए हैं. इसके अलावा, स्थानीय प्रशासन ने भी धार्मिक स्थलों के प्रबंधकों से समन्वय स्थापित किया है ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए तुरंत कदम उठाए जा सकें. हर साल लाखों श्रद्धालु श्रीकृष्णजन्माष्टमी के अवसर पर मंदिरों में जुटते हैं.
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