Syria: सीरियाई राजधानी पर कब्जा होने के बाद राष्ट्रपति बशर अल असद देश छोड़कर भाग गए हैं और ऐसे में 50 से भी ज्यादा वर्षों का असद परिवार के शासन का खात्मा हो गया है. सीरिया में जारी जंगी हालात के बीच भारतीय विदेश मंत्रालय का भी बयान आया है.
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India on Syria: विद्रोहियों के ज़रिए सीरिया में सत्ता पर काबिज होने के एक दिन बाद भारत ने सोमवार को अपनी प्रतिक्रिया जारी कर दी है. भारत ने सीरिया में स्थिरता लाने के लिए सीरिया की अगुवाई वाली समावेशी और शांतिपूर्ण राजनीतिक प्रक्रिया की वकालत की. साथ ही विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह सीरिया में जारी घटनाक्रमों पर नजर रख रहा है और सीरियाई के सभी वर्गों के हितों की उम्मीद करते हैं.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा,'हम जारी घटनाक्रम की पृष्ठभूमि में सीरिया के हालात पर नजर रख रहे हैं. हम सभी दलों के सीरिया की एकता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के संरक्षण के लिए काम करने की जरूरत पर जोर देते हैं.' भारत ने कहा,'हम सीरियाई समाज के सभी वर्गों के हितों और आकांक्षाओं का सम्मान करते हुए सीरिया के नेतृत्व में शांतिपूर्ण एवं समावेशी राजनीतिक प्रक्रिया की वकालत करते हैं.' विदेश मंत्रालय ने कहा कि दमिश्क में भारतीय दूतावास भारतीय समुदाय की सुरक्षा के लिए उनके साथ संपर्क में है.'
बता दें कि सीरिया में विद्रोही गुटों ने राष्ट्रपति बशर अल-असद की दो दशक से भी पुरानी सत्ता को उखाड़ फेंका है और राजधानी दमिश्क पर कब्जा कर लिया है. कब्जे के बाद राष्ट्रपति बशर अल असद देश छोड़कर चले गए हैं. रूस की समाचार एजेंसियों की खबरों के मुताबिक सीरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति परिवार के साथ मॉस्को पहुंच गये हैं और उन्हें शरण दी गई है. समाचार एजेंसियों ‘तास’ और ‘आरआईए’ ने राष्ट्रपति कार्यालय ‘क्रेमलिन’ के अज्ञात सूत्र के हवाले से यह खबर दी है.
‘आरआईए’ की खबर में क्रेमलिन के अज्ञात सूत्र का हवाला देते हुए यह भी बताया है कि सीरियाई विद्रोहियों की तरफ से रूस को सीरिया में रूसी सैन्य ठिकानों और राजनयिक कार्यालयों की सुरक्षा की गारंटी मिली है. हालांकि खबर में ज्यादा जानकारी नहीं दी गई. असद कथित तौर पर रविवार तड़के सीरिया से रवाना हुए थे. सीरिया की राजधानी दमिश्क पर विद्रोहियों के कब्जे के साथ ही असद परिवार के 50 वर्ष के शासन का अंत हो गया है.
(इनपुट-भाषा)