Hamas Chief Ismail Haniyeh: मछुआरे का बेटा इस्माइल हानिया (Ismail Haniyeh) 36 साल पहले ही हमास से जुड़ गया था. जानें कैसे हानिया पहले इस्लामिक यूनिवर्सिटी का डीन, फिर प्रधानमंत्री और बाद में आतंकी संगठन का चीफ बना.
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Ismail Haniyeh Latest News: इजरायल (Israel) और हमास (Hamas) के बीच छिड़ी जंग के महज दो हफ्ते में करीब साढ़े 5 हजार लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें चार हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी हैं. लेकिन इतनी मौतों के बावजूद इसे शुरू करवाने वाला इस्माइल हानिया (Ismail Haniyeh) कतर में सुरक्षित बैठा है. जान लें कि इस्माइल हानिया हमास का चीफ है. आपको जानकर हैरानी होगी कि वो एक मछुआरे का बेटा है, जिसका जन्म अल-शती रिफ्यूजी कैंप में 29 जनवरी 1962 को हुआ था. बताया जाता है कि हानिया के जन्म से पहले ही 1948 में उसका परिवार अरब-इजराइल युद्ध में बेघर हो गया था.
हमास से कब जुड़ा हानिया?
जान लें कि इस्माइल हानिया ने 1987 में गाजा की इस्लामिक यूनिविर्सटी से अरेबिक लिटरेचर में ग्रेजुएशन किया था और कॉलेज से निकलते ही 1987 में उसने आधिकारिक रूप से हमास जॉइन कर लिया था. इसी साल गाजा पट्टी में इजराइली कब्जे के खिलाफ हुए पहले विद्रोह में उसने हिस्सा लिया था और पकड़े जाने पर गिरफ्तारी के बाद उसे 18 दिनों तक जेल में रहना पड़ा था. फिर साल भर बाद प्रदर्शन करने का दोषी पाए पर उसे 6 महीने की जेल हुई थी.
जब हानिया बना इस्लामिक यूनिवर्सिटी का डीन
फिर तीसरी बार हानिया को 1989 में गिरफ्तार किया गया तो वो तीन साल के लिए जेल भेजा गया. हानिया को 1992 में छोड़ा गया तो उसे लेबनान में हमास के कई वरिष्ठ नेताओं के साथ डिपोर्ट कर दिया गया. सालभर बाद यहां से गाजा लौटने पर उसे इस्लामिक यूनिवर्सिटी का डीन बनाया गया, जहां उसने कई छात्रों को हमास में शामिल होने के लिए मोटिवेट किया.
प्रधानमंत्री से हमास बनने की कहानी
बाद में इस्माइल हानिया को उस वक्त के हमास चीफ शेख अहमद यासीन का सेक्रेटरी अपॉइंट किया गया. 2006 में हमास ने इस्माइल हानिया की लीडरशिप में चुनाव लड़ा और ‘फतह पार्टी’ को सत्ता से बेदखल कर दिया. फिर तो फिलिस्तीन के राष्ट्रपति ने इस्माइल हानिया को सरकार बनाने के लिए बुलाया और इस तरह वो प्रधानमंत्री बना. फिर 2013 में हानिया को हमास का डिप्टी चीफ अपॉइंट किया गया और चार साल बाद 2017 में हमास के फैसले लेने वाली ‘शूरा काउंसिल’ ने उसे हमास का चीफ अपॉइंट कर दिया.
कब थमेगी इजरायल से जंग?
इजरायल-हमास की जंग में भले ही इजरायल को अब तक बड़ी कामयाबी मिली हो लेकिन इस युद्ध में उसके अपने भी मारे जा रहे हैं. साथ ही इजरायल-हमास की इस जंग का असर फिलिस्तीन पर भी पड़ रहा है. हमास-इजरायल के बीच इस लड़ाई को 15 दिन बीत चुके हैं लेकिन लड़ाई फिलहाल थमेगी ऐसा कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा है. दूसरी ओर इस जंग में सैनिकों के साथ-साथ आम लोगों की जान जा रही है.
हमास की ओर से हुए हमलों में कम से कम 1,400 इजरायलियों की मौत हो चुकी है और 3,300 से ज्यादा घायल हो चुके हैं. वहीं, हमास नियंत्रित स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि फिलिस्तीन में मरने वालों की संख्या 4,385 हो चुकी है. ये जानकारी भी सामने आ रही है कि 210 से ज्यादा सैनिकों और नागरिकों को हमास ने बंधक भी बनाया है.
लेकिन संयुक्त राष्ट्र युद्ध के बीच लोगों की मदद के लिए अपनी ओर से पूरी कोशिश कर रहा है. कई दिनों से राफा बॉर्डर पर फंसे ट्रकों को आखिर गाजा में जाने की इजाजत मिल गई. UNICEF कई दिनों से इजिप्ट के राफा बॉर्डर पर 100 से ज्यादा ट्रक गाजा में घुसने का इतजार कर रहे थे. इनमें से 20 ट्रकों को आखिरकार गाजा में जाने की परमिशन मिल गई है. यह ट्रक इजिप्ट WHO और UNICEF समेत कई संस्थानों की तरफ से गाजा के लोगों की मदद के लिए भेजे गए हैं.