15 जनवरी को कोहरे का 'जलजला', जान हथेली पर लेकर निकले लोग, भयंकर बारिश, ठंड कब तक?
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15 जनवरी को कोहरे का 'जलजला', जान हथेली पर लेकर निकले लोग, भयंकर बारिश, ठंड कब तक?

Delhi-NCR Weather: मकर संक्रांति के बाद मौसम ने भयंकर करवट बदला है. दिल्ली-एनसीआर में मंगलवार की सुबह इतना घना कोहरा रहा कि सड़कों पर चलना जान को हथेली पर लेकर चलने जैसा था. गलन, हवा में नमी, और कड़ाके की ठंड ने लोगों का जीना बेहाल कर दिया है. पश्चिमी विक्षोभ के बाद मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है.

15 जनवरी को कोहरे का 'जलजला', जान हथेली पर लेकर निकले लोग, भयंकर बारिश, ठंड कब तक?

Aaj Ka Mausam: अक्सर कहा जाता है कि मकर संक्रांति के बाद ठंड कम हो जाती है. लेकिन इस साल मकर सक्रांति के बाद मौसम में भयंकर बदलाव दिख रहा है. मंगलवार को दिल्ली-एनसीआर से लेकर कश्मीर तक ठंड ने अपना भयंकर प्रकोप दिखाया. इस समय पूरे उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड ने लोगों का जीना बेहाल कर रखा है. दिल्ली-NCR, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार सहित कई राज्यों में शीतलहर ने ऐसा कोहराम मचाया है कि आम जनजीवन प्रभावित है. पहाड़ी राज्यों में तो तापमान में लगातार नीचे गिर रहा है. राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को ठंड का ऐसा रूप देख हर कोई फिर हैरान है. रात भर हुई बर्फबारी के बाद कश्मीर में तापमान में बदलाव दिख रहा है. इसी तरह पंजाब और हरियाणा में सोमवार को भी ठिठुरन रही और दोनों राज्यों में कुछ स्थानों पर सुबह के समय कोहरा छाया रहा.

नए साल की कड़कड़ाती ठंड ने पूरे उत्तर भारत को मुश्किलों में डाल दिया था. ठंड को देख उत्तर भारत के लोग मकर संक्रांति का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, क्योंकि अक्सर देखा जाता है कि मकर संक्रांति के बाद ठंड कम हो जाती है. लेकिन इस साल मकर संक्रांति के बाद भी तापमान में बढ़ोत्तरी नहीं होने जा रही. 

ला-नीना होगा अपने तेज गति में, बदल जाएगा मौसम का रंग
अमेरिका की क्लाइमेंट प्रिडिक्शन (भविष्यवाणी) सेंटर की एक रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी से मार्च तक ला-नीना (मध्य और पूर्वी प्रशांत महासागर में ऐसा समय जब व्यवसायिक दृष्टि से उपयोगी गति की हवाएँ और असामान्य रूप से समुद्री सतही जल का तापमान कम होता है) अपनी तेज गति में होगा. जिस वजह से महासागर का तापमान ठंडा रहेगा. पूरे विश्व में इसका असर होगा. इसका असर भारत पर भी पड़ेगा और कड़ाके की ठंड रहेगी.

उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड की संभावना ज्यादा
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एग्रो मेट्रोलॉजिस्ट डॉ. रामचंद्र साबले का कहना है कि उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड की संभावना ज्यादा है. औरंगाबाद के एमजीएम स्पेस रिसर्च सेंटर के डायरेक्टर श्रीनिवास औंधकर के अनुसार उत्तर और मध्य भारत में ज्यादा ठंड रहने से खेती, बिजनेस पर बड़ा असर झेलना पड़ेगा.

यातायात रहेगा प्रभावित
घने कोहरे और धुंध के कारण यातायात पर भी भारी असर पड़ेगा. रेल, हवाई जहाज के रद्द होने की खबरें बढ़ेंगी और इनमें विलंब होने की घटनाएं बढ़ेंगी. पूरे उत्तर भारत में इस साल ठंड का मौसम ज्यादा दिन तक रहने के आसार हैं.

पश्चिमी विक्षोभ से फिर होगी बारिश
उत्तर भारत में 15 और 16 जनवरी को पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने के चलते कई जगहों पर बारिश होने का पूर्वानुमान हैं. दिल्ली मौसम केंद्र के मुताबिक, 17 जनवरी के लिए घने कोहरे का येलो अलर्ट जारी कर दिया गया है. इन सबके बीच 18 जनवरी को एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होता हुआ नजर आ रहा है, जो फिर से पूरे दिल्ली एनसीआर में बारिश करेगा. यानी इस सप्ताह किसी को भी ठंड से राहत नहीं मिलने वाली है.

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