Indian Navy: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 जनवरी को भारतीय नौसेना के लिए ऐतिहासिक दिन बताया. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि इस दिन भारतीय नौसेना में तीन प्रमुख युद्धपोत..
Trending Photos
Indian Navy: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 जनवरी को भारतीय नौसेना के लिए ऐतिहासिक दिन बताया. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि इस दिन भारतीय नौसेना में तीन प्रमुख युद्धपोत.. आईएनएस सूरत, आईएनएस नीलगिरि और आईएनएस वाघशीर को शामिल किया जाएगा. यह कदम भारत की आत्मनिर्भरता और रक्षा क्षेत्र में अग्रणी बनने की दिशा में एक बड़ा कदम है. 15 जनवरी भारतीय नौसेना के लिए एक ऐसा दिन होगा जो इतिहास में दर्ज होगा. यह भारत की समुद्री ताकत, तकनीकी प्रगति और आत्मनिर्भरता के सपने को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है.
तीन युद्धपोतों की कमीशनिंग का ऐतिहासिक अवसर
प्रधानमंत्री ने भारतीय नौसेना के प्रवक्ता के पोस्ट को रीपोस्ट करते हुए लिखा कि यह दिन हमारी नौसेना क्षमताओं के लिए विशेष होगा. प्रवक्ता के अनुसार, "15 जनवरी 2025 को मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में एक ऐतिहासिक समारोह होगा, जहां इन तीन युद्धपोतों को कमीशन किया जाएगा." इस अवसर पर प्रधानमंत्री स्वयं इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे.
Tomorrow, 15th January, is going to be a special day as far as our naval capacities are concerned. The commissioning of three frontline naval combatants will strengthen our efforts towards being a global leader in defence and augment our quest towards self-reliance. https://t.co/zhrVjbgA2T
— Narendra Modi (@narendramodi) January 14, 2025
आईएनएस सूरत- सबसे उन्नत विध्वंसक
आईएनएस सूरत भारतीय नौसेना की पी15बी गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर परियोजना का चौथा और अंतिम युद्धपोत है. यह जहाज दुनिया के सबसे बड़े और सबसे उन्नत विध्वंसकों में से एक है. इसमें 75% स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया गया है, जो भारत की बढ़ती आत्मनिर्भरता का प्रतीक है. यह अत्याधुनिक हथियारों और सेंसर से लैस है, जो इसे समुद्र में किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम बनाता है.
आईएनएस नीलगिरि- अगली पीढ़ी का फ्रिगेट
आईएनएस नीलगिरि भारतीय नौसेना की पी17ए स्टील्थ फ्रिगेट परियोजना का पहला जहाज है. इसे नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो ने डिज़ाइन किया है. यह स्टील्थ तकनीक से लैस है, जिससे इसे रडार पर पहचानना मुश्किल हो जाता है. यह जहाज लंबी अवधि तक समुद्री अभियानों को अंजाम देने की क्षमता रखता है और भारतीय नौसेना की ताकत को कई गुना बढ़ाता है.
आईएनएस वाघशीर- अत्याधुनिक पनडुब्बी
आईएनएस वाघशीर पी75 स्कॉर्पियन परियोजना की छठी और अंतिम पनडुब्बी है. इसका निर्माण फ्रांस के नौसेना समूह के सहयोग से किया गया है. यह पनडुब्बी उन्नत तकनीक और स्वदेशी विशेषज्ञता का प्रतीक है. इसके नौसेना में शामिल होने से भारत की समुद्री सुरक्षा और पनडुब्बी संचालन क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी.
भारत की आत्मनिर्भरता और रक्षा क्षेत्र में बढ़त
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पोस्ट में इन तीन जहाजों के शामिल होने को आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम बताया. यह न केवल भारतीय नौसेना की ताकत को बढ़ाएगा, बल्कि देश को रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रेरित करेगा.
नवी मुंबई में मंदिर उद्घाटन भी करेंगे पीएम
इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के बाद प्रधानमंत्री मोदी नवी मुंबई के खारघर में इस्कॉन परियोजना के श्री श्री राधा मदनमोहनजी मंदिर का उद्घाटन भी करेंगे.
(एजेंसी इनपुट के साथ)