Trump on BRICS Countries: डोनाल्ड ट्रंप अभी कुर्सी पर बैठे भी नहीं हैं और उन्होंने धमकियां देनी शुरू कर दीं. ट्रंप ने ब्रिक्स देशों को चेतावनी दी है कि उन्होंने डॉलर की जगह किसी अन्य करंसी का समर्थन किया तो वो उन पर 100% टैरिफ लगा देंगे.
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Trump on Tariffs: अमेरिका के राष्ट्रपति के तौर पर ट्रंप 20 जनवरी 2025 को शपथ लेंगे लेकिन वे अभी ही अपने फुल फार्म में आ चुके हैं. ट्रंप अमेरिका को फिर से महान बनाने की दिशा में पूरी तरह सक्रिय हो चुके हैं. डॉलर पर आंच ना आए इसके लिए उन्होंने ब्रिक्स देशों को खुली धमकी दे दी है. ट्रंप ने ब्रिक्स देशों को धमकाया है कि यदि उन्होंने नई ब्रिक्स करेंसी बनाई या डॉलर की जगह किसी अन्य करेंसी को समर्थन दिया तो वह उन देशों पर 100% टैरिफ लगा देंगे. यानी कि डॉलर को कमजोर करने की कोशिश इन देशों पर बहुत भारी पड़ सकती है. ट्रंप ने साफ कह दिया है कि ऐसी कोशिश करने वाले देश अमेरिका को अलविदा कहने के लिए तैयार रहें.
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भारत समेत ये देश ब्रिक्स के सदस्य
ब्रिक्स गंठबंधन में शामिल देशों में भारत, ब्राजील, रूस, चीन, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं. यानी कि ट्रंप की ये धमकी सीधे तौर पर इन देशों के लिए है.
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अमेरिका में नहीं बेच पाएंगे अपने प्रोडक्ट्स
ट्रंप ने X पर पोस्ट करते हुए कहा है, "ब्रिक्स देश डॉलर से दूर जाने की कोशिश कर रहे हैं और हम खड़े होकर देखते हैं, ऐसा आइडिया अब खत्म हो चुका है. हमें इन देशों से यह प्रतिबद्धता चाहिए कि वे न तो नई ब्रिक्स करेंसी बनाएंगे, न ही शक्तिशाली अमेरिकी डॉलर की जगह किसी अन्य करेंसी का समर्थन करेंगे. अगर ब्रिक्स देश ऐसा करते हैं तो उन्हें 100% टैरिफ का सामना करना पड़ेगा, और उन्हें शानदार अमेरिकी अर्थव्यवस्था में उत्पाद बेचने को गुडबॉय कहने के लिए तैयार रहना चाहिए. वे किसी और "मूर्ख" को खोज सकते हैं! इस बात की कोई संभावना नहीं है कि ब्रिक्स अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में अमेरिकी डॉलर की जगह ले लेगा, और जो भी देश ऐसा करने की कोशिश करेगा, उसे अमेरिका को अलविदा कह देना चाहिए."
क्या रूस के कारण ऐसा करने पर मजबूर हुए ट्रंप?
दरअसल, 2023 में आयोजित ब्रिक्स सम्मेलन में ब्रिक्स देशों ने अपनी करेंसी लाने की चर्चा की थी, साथ ही आपसी व्यापार और निवेश के लिए कॉमन करेंसी की जरूरत जताई थी. इसके अलावा हाल ही में अक्टूबर में हुए ब्रिक्स देशों के शिखर सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका पर डॉलर को हथियार बनाने का आरोप लगाया था. साथ ही कहा था कि वे हमें काम नहीं करने दे रहे हैं, यदि वे आगे भी ऐसा करते हैं तो हमें विकल्प खोजने के लिए मजबूर होना पड़ता है. जाहिर है अब ट्रंप ने ऐसी किसी भी आशंका को पहले ही खत्म करने के लिए खुलेआम धमकी दे दी है.
भारत पर पड़ेगा बड़ा असर
भारत ब्रिक्स समूह का सदस्य है और 100% टैरिफ लगाने की यह स्थिति भारत जैसे विकासशील देश के लिए चिंताजनक है क्योंकि भारत का अमेरिका के साथ व्यापार काफी बड़ा है. भारत अमेरिका से सामान आयात भी करता है और निर्यात भी करता है. बीते साल ही यानी कि वित्त वर्ष 2023-24 में भारत और अमेरिका के बीच का व्यापार 118.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर था. ऐसे में ट्रंप यदि अपनी धमकी को हकीकत में बदलते हैं तो भारत मुश्किल में पड़ सकता है.