Canada Politics News: कनाडा की वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने सोमवार को प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया.
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Canada Politics News: कनाडा की वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने सोमवार को प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया. यह घोषणा उन्होंने उस दिन की जब संघीय सरकार के फॉल इकोनॉमिक स्टेटमेंट पेश होने की उम्मीद थी. फ्रीलैंड उप प्रधानमंत्री के पद पर भी कार्यरत थीं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ट्रूडो ने उन्हें शुक्रवार को सूचित किया कि वे अब उन्हें वित्त मंत्री के रूप में नहीं देखना चाहते. इसके साथ ही उन्होंने फ्रीलैंड को कैबिनेट में एक और भूमिका की पेशकश की.
ट्रूडो के लिखा लंबा खत
फ्रीलैंड ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किए गए एक पत्र में लिखा, "शुक्रवार को आपने मुझे बताया कि आप अब मुझे अपने वित्त मंत्री के रूप में नहीं देखना चाहते और मुझे कैबिनेट में एक अन्य पद की पेशकश की." फ्रीलैंड ने कहा कि उन्होंने गहराई से विचार करने के बाद इस्तीफा देने का फैसला किया. उन्होंने लिखा, "गहन आत्मनिरीक्षण के बाद, मैंने निष्कर्ष निकाला है कि ईमानदारी और व्यावहारिकता के साथ एकमात्र सही रास्ता कैबिनेट से इस्तीफा देना है."
See my letter to the Prime Minister below // Veuillez trouver ma lettre au Premier ministre ci-dessous pic.twitter.com/NMMMcXUh7A
— Chrystia Freeland (@cafreeland) December 16, 2024
जस्टिन ट्रूडो की कैबिनेट में बड़े बदलावों की अटकलें
फ्रीलैंड के इस्तीफे को जस्टिन ट्रूडो की कैबिनेट में संभावित बड़े बदलावों के संकेत के रूप में देखा जा रहा है. प्रधानमंत्री ट्रूडो का यह फैसला ऐसे समय में आया है जब उनकी सरकार आर्थिक चुनौतियों और राजनीतिक दबावों का सामना कर रही है. क्रिस्टिया फ्रीलैंड कनाडा की राजनीति में एक मजबूत और प्रभावशाली नेता मानी जाती हैं. उन्होंने वित्त मंत्री और उप प्रधानमंत्री के रूप में कई महत्वपूर्ण नीतिगत फैसलों में योगदान दिया. उनके इस्तीफे से न केवल कैबिनेट में बल्कि कनाडाई राजनीति में भी हलचल मच गई है.
आगे की चुनौतियां
फ्रीलैंड के इस्तीफे के बाद अब सवाल यह है कि प्रधानमंत्री ट्रूडो किसे अगला वित्त मंत्री नियुक्त करेंगे और क्या यह बदलाव आर्थिक और राजनीतिक चुनौतियों से निपटने में मददगार साबित होगा. क्रिस्टिया फ्रीलैंड का इस्तीफा जस्टिन ट्रूडो की सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है. यह घटना न केवल कनाडा की राजनीति बल्कि वैश्विक स्तर पर भी चर्चा का विषय बन गई है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि ट्रूडो सरकार इन बदलावों के साथ कैसे आगे बढ़ती है.