Karolina Shiino: यूक्रेनी मूल की मॉडल ने क्यों लौटाया ‘मिस जापान’ का खिताब? सपोटर्स से मांगी माफी
Advertisement
trendingNow12098133

Karolina Shiino: यूक्रेनी मूल की मॉडल ने क्यों लौटाया ‘मिस जापान’ का खिताब? सपोटर्स से मांगी माफी

Miss Japan 2024: शिनो के मिस जापान खिताब की जीत ने देश में एक बहस शुरू कर दी. वह यह सम्मान पाने वाले यूरोपीय मूल की पहली महिला थी.

Karolina Shiino: यूक्रेनी मूल की मॉडल ने क्यों लौटाया ‘मिस जापान’ का खिताब? सपोटर्स से मांगी माफी

यूक्रेन में जन्मी ब्यूटी क्वीन कैरोलिना शिनो (Carolina Shiino) ने  मिस जापान 2024 का अपना खिताब लौटा दिया है.  मीडिया रिपोट्स के मुताबिक एक विवाहित शख्स के साथ रिलेशनशिप को लेकर स्थानीय समाचार पत्र में खबर छपने के बाद उन्होंने सोमवार को खिताब छोड़ने की घोषणा की थी.

शिनो ने मांगी माफी
इंस्टाग्राम पर पोस्ट किए गए एक बयान में, 26 वर्षीय मॉडल ने उस शख्स के परिवार और अन्य लोगों से माफी मांगी. उन्होंने लिखा: "मुझे कई लोगों के लिए बहुत परेशानी पैदा करने और उन लोगों को धोखा देने के लिए वास्तव में खेद है जिन्होंने मेरा समर्थन किया है.'

आयोजक ने क्या कहा?
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले सप्ताह समाचार पत्र की रिपोर्ट पर अपनी शुरुआती प्रतिक्रिया में , पेजेंट आयोजकों ने शिनो का बचाव करते हुए कहा कि उन्हें नहीं पता था कि वह आदमी शादीशुदा था.

हालांकि, सोमवार को आयोजकों ने शिनो ने उस शख्स की शादी और परिवार के बारे में जानने की बात कबूल की. रिपोर्ट के मुताबिक मिस जापान का खिताब अब शेष वर्ष के लिए खाली रहेगा, हालांकि कई उपविजेता रहीं.

शिनो के खिताब जीतने पर छिड़ गई थी बहस
शिनो के मिस जापान खिताब की जीत ने देश में एक बहस शुरू कर दी. वह यह सम्मान पाने वाले यूरोपीय मूल की पहली महिला थी.

 कई लोगों ने सोशल मीडिया पर शिनो की जीत पर सवाल उठाए. ऐसे लोगों की दलील थी कि ‘मिस जापान’ का अवॉर्ड किसी ऐसी लड़की को कैसे दिया जा सकता है जो जापानी मूल की नहीं है.

खिताब जीतने पर, शिनों ने अपने भाषण में कहा था, 'मुझे कई बार जापानी के रूप में स्वीकार नहीं किया गया था, लेकिन आज जापानी के रूप में पहचाने जाने पर मैं कृतज्ञता से भरी हूं.' शिनो जब पांच साल की थीं, तब वह अपनी मां के साथ जापान आई थी. शिनों की मां ने एक जापानी व्यक्ति से दूसरा विवाह किया था. 

शिनो खुद को ‘बोली और दिमाग’ से जापानी मानती हैं. उनका लक्ष्य एक ऐसी संस्कृति स्थापित करना है जिसमें ‘लोगों को उनकी शक्ल से नहीं आंका जाता.’

Trending news