Benjamin Netanyahu news: नेतन्याहू पेशी के दौरान तीन अलग-अलग मामलों में धोखाधड़ी, विश्वासघात और रिश्वत लेने के आरोपों पर जवाब देंगे. उन पर व्यक्तिगत और व्यावसायिक हितों में सहायता के बदले एक अरबपति हॉलीवुड निर्माता से हजारों डॉलर मूल्य के सिगार और शैंपेन लेने का आरोप है.
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World Quiz: क्या प्रधानमंत्री या किसी अन्य संवैधानिक पद पर रहते हुए किसी नेता को कटघरे में खड़ा किया जा सकता है, ये सवाल बहुत से लोगों के दिमाग में आया होगा. तो आइए आपको इसका जवाब भी ताजा मिसाल के साथ देते हैं. जवाब है हां. आरोप गंभीर होने पर कई देशों में ऐसा हो सकता है. हालांकि अलग-अलग देशों में इस मामवे से जुड़े अलग नियम होते हैं. कुछ जगहों पर विशेष स्थितियों में छूट मिल जाती है. लेकिन यहां बात हमास, हिजबुल्ला, हूथी समेत दुनिया के कई आतंकी संगठनों की नाक में दम करके उनकी नकेल कस चुके नेतन्याहू कि जो खुद अपने खिलाफ कोर्ट में चल रहे एक मुकदमे को लेकर न सिर्फ अदालत की चौखट पर पहुंचे, बल्कि कटघरे में खड़े होकर गवाही भी दिए.
ईरान की नजर !
इस पूरे एक्शन पर ईरान की नजर भी जरूर रही होगी. दरअसल ईरान - इजरायल के बीच 36 का आंकड़ा है. ईरान के पाले आतंकी उनकी हत्या करने की फिराक में है. ऐसी एक-दो कोशिशें हो भी चुकी हैं. इसलिए कट्टरपंथियों की पर्सनल खुंदक के चलते ऐसी खबरें हैं कि तेहरान के आकाओं के आदेश पर इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स या आईआरजीसी की एक स्पेशल यूनिट नेतन्याहू के हर एक्शन पर नजर रखती है.
पहली बार कठघरे में खड़े हुए, जब गाजा में लड़ाई जारी
खैर इस केस की बात करें तो बेंजामिन नेतन्याहू भ्रष्टाचार के मामले में पहली बार कठघरे में खड़े हुए और मामले में गवाही दी. तेल अवीव की एजेंसी ने खबर की पुष्टि की है. इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कथित भ्रष्टाचार के मामले में अपने खिलाफ लंबे समय से चल रहे मुकदमे में मंगलवार को पहली बार कठघरे में खड़े होकर गवाही दी. ऐसा उन्होंने तब किया है जब उन्हें युद्ध अपराधों के लिए अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट का सामना करना पड़ा है और गाजा में भी लड़ाई जारी है.
नेतन्याहू ने जजाों को ‘हैलो’ कहा फिर...
यह पहली बार है कि जब किसी मौजूदा इजराइली प्रधानमंत्री ने एक आपराधिक प्रतिवादी के रूप में कठघरे में खड़े होकर गवाही दी. यह एक ऐसे राजनेता के लिए शर्मनाक है जिसने एक परिष्कृत और सम्मानित राजनेता के रूप में अपनी छवि बनाने की कोशिश की है. गवाही देना शुरू करने पर नेतन्याहू ने न्यायाधीशों को ‘हैलो’ कहा.
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एक जज ने उनसे कहा कि उनके पास अन्य गवाहों के समान विशेषाधिकार हैं और वह अपनी इच्छानुसार बैठ सकते हैं या खड़ा रह सकते हैं. तेल अवीव की खचाखच भरी अदालत में कठघरे में खड़े नेतन्याहू ने कहा, ‘सच कहने के लिए मैंने इस पल का 8 साल तक इंतजार किया.’ उन्होंने अपने खिलाफ आरोपों को ‘निरर्थकता का भंडार’ करार दिया और वादा किया कि उनका बयान अभियोजन पक्ष के मामले को खत्म कर देगा. नेतन्याहू ने घटनाओं के बारे में बताना शुरू किया तो वह सहज दिखे. उन्होंने अपने जीवन के बारे में व्यक्तिगत विवरण साझा किए जिससे उन्हें उम्मीद रही होगी कि इससे न्यायाधीशों की उनके बारे में धारणा बनेगी.
अभियोजन पक्ष द्वारा अपनी छवि चमकाने वाले व्यक्ति के रूप में उन्हें चित्रित करने के प्रयासों के विपरीत नेतन्याहू ने कहा कि मीडिया कवरेज से उनकी नींद उड़ जाती थी, लेकिन उन्हें पता चला कि इसका कोई सार्थक असर नहीं है. उन्होंने कहा कि वह सिगार पीते हैं लेकिन काम के बोझ के कारण वह इसे मुश्किल से ही खत्म कर पाते हैं और उन्हें शैंपेन से नफरत है. उनके खिलाफ एक मामला अरबपति सहयोगियों से सिगार और शैम्पेन की ‘आपूर्ति ’ प्राप्त करने के इर्द-गिर्द घूमता है. उनके वकील ने अनुरोध किया कि उन्हें गवाही देते समय नोट प्राप्त करने की अनुमति दी जाए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वह देश चलाना जारी रख सकें.
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आरोंपो से इनकार कर चुके हैं नेतन्याहू
नेतन्याहू अदालत में पेशी के दौरान तीन अलग-अलग मामलों में धोखाधड़ी, विश्वासघात और रिश्वत लेने के आरोपों पर जवाब देंगे. उन पर व्यक्तिगत और व्यावसायिक हितों में सहायता के बदले एक अरबपति हॉलीवुड निर्माता से हजारों डॉलर मूल्य के सिगार और शैंपेन लेने का आरोप है. उन पर अपने और अपने परिवार के अनुकूल कवरेज के बदले में मीडिया के दिग्गज कारोबारियों के लिए लाभकारी विनियमन को बढ़ावा देने का भी आरोप है.
नेतन्याहू ने गलत काम करने से इनकार करते हुए कहा कि ये आरोप उनके लंबे शासन को खत्म करने के लिए शत्रुतापूर्ण मीडिया और पक्षपाती कानूनी प्रणाली द्वारा रचित एक साजिश है. उनकी गवाही में उन घोटालों का जिक्र है जो उनके परिवार के इर्द-गिर्द घूम रहे हैं.