विनोद कांबली जैसा कोई नहीं! राहुल द्रविड़ भी हैं फैन, लेकिन...,'द वॉल' की बात से हो जाएंगे हैरान
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विनोद कांबली जैसा कोई नहीं! राहुल द्रविड़ भी हैं फैन, लेकिन...,'द वॉल' की बात से हो जाएंगे हैरान

Vinod Kambli: भारत के पूर्व क्रिकेटर विनोद कांबली इन दिनों चर्चाओं में हैं. वह मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के साथ मंच पर नजर आए थे. कांबली की हालत ठीक नहीं थी.

विनोद कांबली जैसा कोई नहीं! राहुल द्रविड़ भी हैं फैन, लेकिन...,'द वॉल' की बात से हो जाएंगे हैरान

Vinod Kambli: भारत के पूर्व क्रिकेटर विनोद कांबली इन दिनों चर्चाओं में हैं. वह मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के साथ मंच पर नजर आए थे. कांबली की हालत ठीक नहीं थी. वह बीमार लग रहे थे. उनकी बोली भी लड़खड़ा रही थी. उनके वीडियो को देखकर लाखों क्रिकेट फैंस को हैरानी हुई. फैंस उनकी हेल्थ को लेकर परेशान हैं. यहां तक कि पूर्व कप्तान कपिल देव ने मदद की पेशकश भी कर दी है.

कांबली का छोटा करियर

इसी बीच, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें भारत के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ को कांबली के बारे में बात करते हुए देखा जा सकता है. दिग्गज सचिन तेंदुलकर के बचपन के दोस्त कांबली जब मैदान में आए थे, तब वे सबसे चर्चित क्रिकेटरों में से एक थे, लेकिन वे अपना कद बरकरार रखने में असफल रहे. 1991 में डेब्यू करने के बाद भारत के लिए 104 वनडे और 17 टेस्ट खेलने के बावजूद कांबली का अंतरराष्ट्रीय करियर एक दशक भी नहीं चल सका.

द्रविड़ ने बताया कारण

वायरल क्लिप में द्रविड़ ने उदाहरण दिया कि कैसे विनोद कांबली के पास अविश्वसनीय 'बॉल-स्ट्राइकिंग क्षमता' थी, लेकिन शायद अन्य क्षेत्रों में प्रतिभा नहीं थी, जिससे यह समझ में आए कि एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर बनने के लिए क्या करना पड़ता है. द्रविड़ ने वीडियो कहा, ''मुझे लगता है कि हम प्रतिभा को गलत तरीके से आंकते हैं. हम प्रतिभा को किस रूप में देखते हैं? और मैंने भी यही गलती की है. हम प्रतिभा को लोगों की क्रिकेट बॉल को मारने की क्षमता से आंकते हैं. क्रिकेट बॉल की मिठास या टाइमिंग. यही एकमात्र चीज है जिसे हम प्रतिभा के रूप में देखते हैं. दृढ़ संकल्प, साहस, अनुशासन और स्वभाव जैसी चीजें भी प्रतिभा हैं. जब हम प्रतिभा का आकलन करते हैं, तो मुझे लगता है कि हमें पूरे पैकेज को देखना होगा.''

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सचिन, गांगुली और सहवाग का उदाहरण

द्रविड़ ने कहा, "यह समझाना मुश्किल है, लेकिन कुछ लोगों में टाइमिंग और बॉल-स्ट्राइकिंग का हुनर ​​होता है. सौरव गांगुली के पास कवर ड्राइव को टाइम करने की क्षमता थी. उनमें यह क्षमता थी. आप देख सकते हैं. सचिन में यह क्षमता है और वीरू (वीरेंद्र सहवाग) में भी. आप गौतम गंभीर जैसे खिलाड़ी के बारे में ऐसा नहीं कहेंगे, जितना आप इनमें से कुछ अन्य खिलाड़ियों के बारे में कहेंगे. ऐसा नहीं है कि गौतम कम सफल हैं. इसलिए हम प्रतिभा को इसी रूप में देखते हैं. हम वास्तव में प्रतिभा के दूसरे पहलू को नहीं देखते. हम कहते हैं कि एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी सफल नहीं हो पाया. हम हमेशा इस पहलू को देखते हैं, लेकिन शायद उनमें अन्य प्रतिभाएं नहीं थीं.''

 

 

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विनोद कांबली क्यों ज्यादा नहीं खेलें?

द्रविड़ ने आगे कहा, "मुझे यह कहना बुरा लगता है... लेकिन विनोद कांबली शायद उन सबसे अच्छे लोगों में से एक हैं जिनसे मैं मिला हूं. विनोद के पास गेंद को मारने की अद्भुत क्षमता थी. मुझे राजकोट का एक मैच याद है, विनोद ने जवागल श्रीनाथ और अनिल कुंबले के खिलाफ 150 रन बनाए थे. यह अविश्वसनीय था. पहली गेंद अनिल ने डाली और उन्होंने उसे सीधे पत्थर की दीवार पर मारा. राजकोट में एक पत्थर की दीवार हुआ करती थी. उन्होंने सीधे उस पर मारा. मेरा मतलब है, हम सभी हैरान थे, वाह यह अद्भुत था. आप ऐसा कैसे करते हैं? लेकिन शायद उनके पास अन्य क्षेत्रों में वह प्रतिभा नहीं थी जो यह समझ सके कि एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर बनने के लिए क्या करना पड़ता है, तनाव और दबाव से कैसे निपटना है. मैं केवल अनुमान लगा सकता हूं लेकिन शायद सचिन के पास इससे कहीं अधिक था. यही कारण है कि सचिन आज जहां हैं, वहां हैं.''

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