GameOver: टीम इंडिया के अनफिट खिलाड़ी फिट होने के लिए करते हैं ये काम, स्टिंग में खुलासा
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GameOver: टीम इंडिया के अनफिट खिलाड़ी फिट होने के लिए करते हैं ये काम, स्टिंग में खुलासा

GameOver Sting Operation: क्रिकेट को भले ही जेंटलमैन गेम कहा जाता है, लेकिन इस गेम में पर्दे के पीछे जो गेम खेला जाता है उसमें जेंटलमैन जैसा कुछ भी नहीं है. बीसीसीआई की सेलेक्शन के चेयरमैन चेतन शर्मा ने Zee News के खुफिया कैमरे पर वो राज खोले हैं.

GameOver: टीम इंडिया के अनफिट खिलाड़ी फिट होने के लिए करते हैं ये काम, स्टिंग में खुलासा

Chetan Sharma Sting Operation: क्रिकेट को भले ही जेंटलमैन गेम कहा जाता है, लेकिन इस गेम में पर्दे के पीछे जो गेम खेला जाता है उसमें जेंटलमैन जैसा कुछ भी नहीं है. बीसीसीआई की सेलेक्शन के चेयरमैन चेतन शर्मा ने Zee News के खुफिया कैमरे पर वो राज खोले हैं. आज जो खुलासा हम करने वाले हैं, वो भारतीय क्रिकेट में सेलेक्शन के लिए खिलाड़ियों के डर्टी गेम का पर्दाफाश कर देगा. मैच के दौरान कई बार आपने देखा होगा कि मैदान पर कई खिलाड़ी 100 पर्सेंट फिट नहीं दिखते और फील्डिंग करते हुए लड़खड़ाते हैं तो कई बार बीच मैच में ही मैदान से बाहर हो जाते हैं. ये देखकर आपके मन में सवाल आते होंगे कि आखिर कोई खिलाड़ी अगर फिट नहीं है तो टीम में कैसे खेल रहा है. इस सवाल का जो जवाब टीम इंडिया के चीफ सेलेक्टर चेतन शर्मा Zee Media के खुफिया कैमरे पर दिया है, उसे सुनकर आपको शॉक लगेगा.

खुलासे से वर्ल्ड क्रिकेट में हड़कंप मचना तय

चेतन शर्मा (Chetan Sharma) के मुंह से भारतीय क्रिकेट का जो सच सामने आया है, वो इतना बड़ा है कि सिर्फ भारतीय क्रिकेट में ही नहीं, बल्कि वर्ल्ड क्रिकेट में हड़कंप मचना तय है. स्टिंग के दौरान चेतन शर्मा ने खुलासा किया कि टीम इंडिया में इंजेक्शन की मदद से अनफिट खिलाड़ी भी फिट हो रहे हैं. चेतन शर्मा के मुताबिक खिलाड़ी ऐसे इंजेक्शन लेते हैं, जो डोप टेस्ट की पकड़ में भी नहीं आता. चेतन शर्मा के मुताबिक टीम इंडिया के खिलाड़ियों को ये भी पता होता है कि कौन सा इंजेक्शन डोप में आएगा और कौन सा नहीं. चेतन शर्मा का दावा है कि टीम इंडिया के फर्जी फिटनेस वाले खेल में बड़े-बड़े क्रिकेट सुपरस्टार शामिल हैं और उनके डॉक्टर भी शामिल हैं.

नियम तोड़कर खेल भावना से भी हो रहा खिलवाड़

ये दावा खुद वो शख्स कर रहा है जो ये तय करता है कि टीम इंडिया में कौन खेलेगा और कौन नहीं खेलेगा. तो इसका सीधा सा मतलब ये हुआ कि जब किसी सीरीज के लिए टीम चुनी जाती है तो उस टीम में वो खिलाड़ी भी शामिल होते हैं जो इंजेक्शन के जरिए फर्जी फिटनेस हासिल करते हैं. जो ना सिर्फ क्रिकेट के नियमों के खिलाफ हैं, बल्कि खेल भावना से भी खिलवाड़ है. लेकिन, बीसीसीआई ये सब जानते हुए भी इसे रोकती क्यों नहीं.

इस खेल को बीसीसीआई क्यों नहीं रोक रही

ज़ी मीडिया के खुफिया कैमरे पर इसको लेकर चेतन शर्मा ने कहा कि क्रिकेट टीम में चुने जाने के लिए खिलाड़ी इंजेक्शन लेकर खुद को फिट दिखा रहे हैं. लेकिन, फिर खुद ही अपनी बात पलटते हुए कह रहे हैं कि टीम मैनेजमेंट को नहीं पता कि वो इंजेक्शन कैसे ले रहे हैं. इसको लेकर चेतन शर्मा तरह-तरह की बातें कर रहे हैं. लेकिन, अनफिट खिलाड़ियों को टीम में जगह देने के लिए चेतन शर्मा और उनके नेतृत्व में चयन समिति कैसे कैसे खेल करती है.

बुमराह हैं इसका सबसे बड़ा उदाहरण

इसका उदाहरण हैं टीम इंडिया के बॉलर जसप्रीत बुमराह. वो बुमराह जिनकी चोट हर क्रिकेट फैन को दर्द दे रही है. एशिया कप से लेकर वर्ल्डकप तक जिनकी कमी टीम के साथ साथ क्रिकेट फैन्स को भी खली. अब हम आपको बुमराह की चोट और टीम में उनके चयन को लेकर कैसे खेल हुआ. इसका खुलासा खुद चीफ सेलेक्टर चेतन शर्मा ने ज़ी मीडिया के खुफिया कैमरे पर किया है.

चेतन शर्मा ये भी कह रहे हैं कि खिलाड़ियों के इंजेक्शन लेकर फिट होने की बात उनको पता है, लेकिन सबूत नहीं है. फिर वो ये भी कह रहे हैं कि तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की फिटनेस से समझौता करके उन्हें टीम में शामिल करने की जल्दबाजी भी की गई. चेतन शर्मा के इस खुलासे से कुछ सवाल पैदा होते हैं. बुमराह अगर पहले मैच के लिए फिट नहीं थे तो चेतन शर्मा उन्हें दूसरे मैच में खिलाने के लिए कैसे तैयार हो गए? दूसरे मैच में बुमराह के अनफिट होने की बात पता चलने के बावजूद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरा मैच क्यों खिलाया गया? अनफिट और इंजर्ड बुमराह को वर्ल्ड कप खिलाने के लिए चेतन शर्मा और चयनकर्ता इतने आतुर क्यों थे?

ये सवाल और चेतन शर्मा के खुलासे अपने आप में बताने के लिए काफी है कि टीम इंडिया में खिलाड़ियों के चयन में कैसे फेवर किया जाता है. किसी खिलाड़ी को फिट होकर भी बाहर बैठा दिया जाता है तो किसी को अनफिट होने पर भी टीम में जगह दे दी जाती है. चेतन शर्मा ने Zee Media के कैमरे पर खुद ही कुबूल किया कि हार्दिक आता रहता है, रोहित आधे-आधे घंटे तक फोन पर उनके साथ बातें करता है, उमेश और हुड्डा जैसे खिलाड़ी उनसे बार -बार मिलने आते हैं. ये बहुत से लोगों को छोटी बातें लग सकती हैं. लेकिन, सोचिए कि टीम इंडिया में आने के लिए आपका टैलेंटेड से ज्यादा चीफ सेलेक्टर्स से सेटिंग जरूरी है.

ये मायने रखता है कि चीफ सेलेक्टर के साथ आपके संबंध कैसे है. अगर आपके संबंध अच्छे हैं, आप उनके घर आते जाते हैं, फोन पर आधे आधे घंटे तक बातें करते हैं, सीक्रेट बातें बताते हैं, तो टीम में आपकी जगह पक्की. क्या चेतन शर्मा यही कहना चाहते थे? दरअसल क्रिकेट प्रेमी हमेशा से ये सोचते आते हैं कि किसी खिलाड़ी को टीम में जगह, उसके प्रदर्शन के आधार पर मिलती है. लेकिन चेतन शर्मा के मुताबिक ऐसा नहीं है. उन्होंने हमारे कैमरे पर खुलासा किया है कि टीम इंडिया में आने वाले खिलाड़ी की किस्मत चीफ सेलेक्टर की पसंद नापसंद पर निर्भर करती है. अगर चीफ सेलेक्टर साहब को खिलाड़ी पसंद आ गया तो प्रदर्शन कैसा भी हो, वो खेलता रहेगा, और अगर खिलाड़ी पसंद नहीं हैं, तो चाहे वो घरेलू क्रिकेट में बढ़िया प्रदर्शन कर रहा हो, उसे टीम इंडिया में जगह नहीं मिलेगी.

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