Coal Transportation Science: कोयला लंबे समय से भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ बना हुआ है. देश में कोयले का प्रोडक्शन और उसका ट्रांसपोर्टेशन ऊर्जा जरूरतों और औद्योगिक विकास के लिए अनिवार्य है.
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Coal Transportation Science: कोयला लंबे समय से भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ बना हुआ है. देश में कोयले का प्रोडक्शन और उसका ट्रांसपोर्टेशन ऊर्जा जरूरतों और औद्योगिक विकास के लिए अनिवार्य है. लेकिन इसे कुशल और पर्यावरण-अनुकूल बनाने के लिए ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्क में सुधार की जरूरत है. आज हम आपको कोयले के ट्रांसपोर्टेशन से जुड़े अहम तथ्य के बारे में बताने जा रहे हैं.
परिवहन के दौरान कोयले पर क्यों छिड़का जाता है पानी?
कोयला खनन से लेकर इसके अंतिम इस्तेमाल तक की यात्रा में ट्रांसपोर्टेशन का अहम रोल होता है. चूंकि कोयला भारी और बड़ी मात्रा में होता है, इसके परिवहन के लिए मजबूत और कुशल साधनों की जरूरत होती है. मुख्य रूप से तीन तरीकों से कोयले का ट्रांसपोर्टेशन होता है. रेल मार्ग, सड़क मार्ग व जल मार्ग से भी इसका ट्रांसपोर्टेशन होता है. आपने कोयले से लदी मालगाड़ी तो देखी ही होगी. अगर आपने कभी ध्यान दिया हो तो कोयले की रेक हमेशा गीली ही रहती है. या इसपर पानी का छिड़काव होते भी देखा होगा.
कोयले पर पानी छिड़काव करने का मुख्य उद्देश्य
कोयले पर पानी छिड़काव करने का मुख्य उद्देश्य धूल के फैलाव को रोकना है. कोयले की धूल स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकती है, क्योंकि इसे सांस के जरिए शरीर में लेने से फेफड़ों में गंभीर समस्याएं हो सकती हैं. इसके अलावा, यह पर्यावरण प्रदूषण का भी कारण बनती है. पानी के छिड़काव से धूल को नियंत्रित कर सुरक्षित बनाया जाता है.
पानी कोयले को ठंडा रखने में मदद करता है
इसके साथ ही, पानी कोयले को ठंडा रखने में भी मदद करता है, जिससे गर्मी, रगड़ या खुद से आग लगने (स्पॉन्टेनियस कंबशन) का खतरा कम हो जाता है. खासकर कोयले के परिवहन के दौरान ये खतरे बढ़ जाते हैं. गर्मी और घर्षण से कोयले में आग लगने की संभावना बनी रहती है. इसलिए पानी का छिड़काव सुरक्षा के दृष्टिकोण से आवश्यक है.
कोयला भारत की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद महत्वपूर्ण
बता दें कि कोयला भारत की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. यह देश के ऊर्जा उत्पादन का प्रमुख स्रोत है. भारत में कोयला बिजली उत्पादन में लगभग 70% योगदान देता है, जो उद्योग, परिवहन और घरों की ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करने में सहायक है. कोयले का इस्तेमाल केवल बिजली उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि इस खनिज का इस्तेमाल इस्पात, सीमेंट, उर्वरक और कई अन्य उद्योगों में भी किया जाता है.