दुनिया में सबसे ज्‍यादा ऊंचाई पर बना है यह शिव मंदिर, एक खास वजह और भी है!
Advertisement
trendingNow12088775

दुनिया में सबसे ज्‍यादा ऊंचाई पर बना है यह शिव मंदिर, एक खास वजह और भी है!

Tungnath Mandir Rudraprayag: भगवान शिव पहाड़ों पर विराजते हैं. उनका निवास स्‍थान ही कैलाश पर्वत है. इसके अलावा शिव के कई धाम भी ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों पर हैं. आज हम दुनिया में सबसे ज्‍यादा ऊंचाई पर बने शिव मंदिर के बारे में जानते हैं. 

दुनिया में सबसे ज्‍यादा ऊंचाई पर बना है यह शिव मंदिर, एक खास वजह और भी है!

World's Highest Shiva Temple: केदारनाथ, बद्रीनाथ, अमरनाथ आदि शिव के प्रसिद्ध धाम पहाड़ों पर ही हैं. साथ ही यह भी कहा जाता है कि पहाड़ों पर रहने वाले लोग भोलेनाथ के सबसे बड़े भक्त होते हैं. पहाड़ों पर ही पंच केदार स्थित हैं. जो कि केदारनाथ, मद्यमहेश्वर, कल्पेश्वर, रुद्रनाथ और तुंगनाथ धाम हैं. इनमें से उत्‍तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित तुंगनाथ मंदिर दुनिया का सबसे ऊंचाई पर स्थित शिव मंदिर है. 

समुद्र तल से 3690 मीटर की ऊंचाई

रुद्रप्रयाग में स्थित तुंगनाथ मंदिर समुद्र तल से करीब 3690 मीटर की ऊंचाई पर बना है. यह दुनिया का सबसे ऊंचाई पर स्थित शिव मन्दिर है. मान्‍यता है कि इस मंदिर का निर्माण पांडवों ने भोलेनाथ को प्रसन्‍न करने के लिए किया था. दरअसल कुरुक्षेत्र में हुए महाभारत युद्ध में हुए नरसंहार के चलते भोलेनाथ पांडवों से नाराज हो गए थे. वे पांडवों से छिपते हुए इन पहाड़ों में पहुंच गए. लेकिन पांडवों ने भी हार नहीं मानी और उनके पीछे-पीछे यहां आ गए. तब शिव जी ने वेष बदल लिया और बैल के रूप में पांडवों ने भगवान शिव के हाथ देख लिए. 'तुंग' से मतलब हाथ है. 

शिव की भुजाओं की होती है पूजा 

भगवान शिव की भुजाएं देखने के बाद पांडवों ने यहां शिव मंदिर का निर्माण कराया. इस मंदिर का नाम तुंगनाथ मंदिर रखा और यहां शिव जी की भुजाओं की पूजा की. इस तरह इस मंदिर का नाम तुंगनाथ मंदिर हुआ, जिसमें 'तुंग' से मतलब हाथ है और 'नाथ' भगवान शिव के प्रतीक के रूप में लिया गया है.

दीपावली के बाद बंद हो जाते हैं कपाट 

बेहद ठंडा स्‍थान होने के कारण तुंगनाथ मंदिर में भक्‍तगण 6 महीने ही दर्शन कर पाते हैं. दीपावली के बाद इस मंदिर के कपाट बंद हो जाते हैं और फिर वैशाखी के पर्व पर मंदिर के कपाट खुलने की तिथि घोषित होती है. जिन 6 महीनों में तुंगनाथ मंदिर के कपाट बंद रहते हैं, उस दौरान शिव जी की पूजा मक्कू मठ में होती है. सावन के महीने में बड़ी संख्‍या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं. तुंगनाथ मंदिर पहुंचने के लिएरुद्रप्रयाग होते हुए बाय रोड मिनी चोपता पहुंचना होता है. चोपता से 3 किलोमीटर की चढ़ाई करके तुंगनाथ मंदिर है. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

Trending news