Shardiya Navratri 2023: रावण को हराने के लिए भगवान राम ने किया था नवरात्रि का व्रत, जानिए किसने बताई पूजा विधि
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Shardiya Navratri 2023: रावण को हराने के लिए भगवान राम ने किया था नवरात्रि का व्रत, जानिए किसने बताई पूजा विधि

Shardiya Navratri 2023: नवरात्रि हिंदू धर्म में देवी दुर्गा की उपासना का महत्वपूर्ण त्योहार है. इसका संबंध भगवान राम से भी है. नवरात्रि के बाद विजयादशमी को राम ने रावण को हराया था. नवरात्रि के नौ दिनों तक व्रत और पूजा-पाठ से भक्त अपने मन को पवित्र बनाते हैं.

Shardiya Navratri 2023

Shardiya Navratri 2023: नवरात्रि की महिमा अनंत है. लंका पर विजय के साथ रावण का वध कर सीता माता को वापस लाने के लिए श्री राम ने भी नवरात्रि का व्रत किया था. देवी मां ने वहां पर प्रकट हो कर उन्हें विजयी होने का आशीर्वाद दिया था. इस बार 15 अक्टूबर 2023 आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से शारदीय नवरात्र शुरू होंगे. 

माता सीता की रावण को चेतावनी
अपने पिता अयोध्या नरेश महाराज दशरथ की इच्छा मानते हुए भगवान राम, पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ वन में घूम रहे थे तभी छल से रावण ने मारीच को सोने का हिरन बना कर जंगल में भेजा. हिरन को देख कर सीता जी ने श्री राम को शिकार करने भेजा. जंगल में हा लक्ष्मण की आवाज सुन सीता जी को लगा प्रभु श्री राम पर कोई संकट है.  इसलिए उन्होंने कुटिया में उनकी रक्षा कर रहे लक्ष्मण जी को भी वन में भेज दिया. इस मौके का फायदा उठाकर रावण ने सीता माता को छल से हर लिया. हनुमान जी ने लंका जाकर माता सीता का पता लगाने के साथ रावण की सोने की लंका को जला कर उसे चेतावनी भी दी थी कि अगर उसने सीता जी को नहीं छोड़ा तो उसकी दुर्दशा होना तय है. 

श्रीराम ने की नवरात्रि की उपासना
भगवान राम जब रावण पर विजय प्राप्त करने का विचार कर रहे थे, तभी वहां महर्षि नारद उपस्थित हुए. उन्होंने उनके दुख का कारण पूछा और रावण के वध का उपाय बताते हुऐ कहा कि आश्विन महीने में तुम श्रद्धापूर्वक नवरात्रि का अनुष्ठान करने में लग जाओ. उन्होंने बताया कि नवरात्रि में उपवास और मां भगवती की आराधना, विधि पूर्वक जाप समस्त सिद्धियों को देने वाला है. इसके पहले स्वयं ब्रह्मा, विष्णु, महेश और स्वर्ग में रहने वाले इंद्र भी इस नवरात्रि व्रत का अनुष्ठान कर चुके हैं. उन्होंने व्रत अनुष्ठान की पूरी विधि बताई जिसके अनुसार श्रीराम ने नौ दिन देवी की उपासना की और मां भगवती को प्रसन्न कर सिद्धियां प्राप्त कर लंका पर विजय प्राप्त कर ली.

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