Worship: सप्ताह के दिनों के अनुसार करें भगवान की पूजा, हर सपना होगा पूरा; नहीं सताएंगे रोग
Advertisement
trendingNow11773484

Worship: सप्ताह के दिनों के अनुसार करें भगवान की पूजा, हर सपना होगा पूरा; नहीं सताएंगे रोग

Pray According to Week Days: भगवान शिव ने जब सप्ताह के सातों दिन और उन दिनों को देवताओं को सउनके स्वामियों अर्थात लॉर्ड तय कि इन देवताओं की विधि-विधान से पूजा करने पर शिवजी पूजा करने वाले को उसका मनोवांछित फल प्रदान करते हैं.

WORSHIP

Week Days and Worship: भगवान शिव ने जब सप्ताह के सातों दिन और उनके स्वामियों अर्थात लॉर्ड तय किए तो उसके साथ ही यह नियम भी बना दिया कि किसी रोग का निदान करने के लिए अथवा किसी तरह के विशिष्ट फल की कामना के लिए किस दिन पूजा-पाठ करना चाहिए. सूर्य देव आरोग्य देते हैं अर्थात उनकी आराधना करने वाला निरोगी रहता है. चंद्रमा संपत्ति देने वाले हैं तो मंगल व्याधियों का निवारण करते हैं. देवगुरु बृहस्पति आयु की वृद्धि करते हैं. शुक्र भोग कराते हैं. शनि देव मृत्यु का निवारण करते हैं. इन देवताओं की विधि-विधान से पूजा करने पर शिवजी पूजा करने वाले को उसका मनोवांछित फल प्रदान करते हैं.  

दोनों आंखें तथा माथे से संबंधित रोगों के अलावा कुष्ठ रोग के निवारण के लिए सूर्य देव की आराधना का नियम है. सूर्य देव की पूजा करने के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए. इस तरह का प्रयोग एक दिन करके शांत नहीं हो जाना है. जिस तरह आप किसी स्थायी रोग के निदान के लिए डॉक्टर के बताए अनुसार दवा की खुराक निश्चित समय तक लेते हैं, उसी तरह सूर्य उपासना और पूजा किसी एक दिन न करके तकलीफ के अनुसार एक दिन, एक माह, एक अथवा तीन वर्ष तक करना चाहिए. 

सोमवार को विद्वान पुरुष संपत्ति की प्राप्ति के लिए मां लक्ष्मी की आराधना करते हैं. पूजन के बाद सप्तनीक ब्राह्मणों को उनका मनपसंद भोजन कराएं. मंगलवार को रोगों की शांति के लिए मां काली का पूजन करनी चाहिए. इस पूजा के बाद उड़द, मूंग एवं अरहर की दाल आदि के साथ बने भोजन को ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए. पुत्र, पत्नी और मित्र आदि के स्वास्थ्य रक्षण तथा आरोग्य प्रदान करने के लिए दही युक्त अन्न से बने पदार्थों को लेकर विष्णु जी का पूजन बुधवार को करना चाहिए. 

दीर्घायु की कामना से गुरुवार को देवताओं का यज्ञ घी मिश्रित खीर से करना चाहिए. भोगों की लालसा पूरी करने के लिए शुक्रवार को देवताओं का पूजन करने के बाद ब्राह्मणों को मनपसंद भोजन करना चाहिए. महिलाओं की प्रसन्नता के लिए वस्त्र दें. शनिवार को आरोग्यता पाने के लिए तिल से होम और तिल से बने अन्न का भोजन ब्राह्मणों को कराना चाहिए.

Trending news