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Nag panchami 2023 Upay: हिंदू शास्त्र के अनुसार किसी व्यक्ति की कुंडली शुभ और अशुभ योग भविष्य में होने वाली घटनाओं का कारण बनते हैं. कुंडली में ग्रहों की अशुभ स्थिति व्यक्ति के जीवन में कई तरह की परेशानियां खड़ी करती है. ऐसा ही एक योग है कालसर्प योग. व्यक्ति की कुंडली में जब कुछ ग्रह जैसे राहु और केतु के बीच आ जाते हैं तो काल सर्प योग का निर्माण होता है. वहीं, अगर राहु नीचे की स्थान में बैठा हुआ है तो भी कालसर्प दोष बनता है.
यह व्यक्ति के कुंडली के ग्रह नक्षत्रों पर पूरी तरह निर्भर करता है कि कालसर्प योग का उस पर बुरा प्रभाव पड़ेगा या नहीं. ऐसे में ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिस व्यक्ति की कुंडली में यह दोष पाया जाता है उसे कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसके लिए उसे जल्द ही कुछ उपायों को अपनाना चाहिए जिससे इन दोषों को दूर किया जा सके. इन उपायों को नागपंचमी के दिन करना अधिक फलदायी होता है. इस बार नागपंचमी श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी यानी की 21 अगस्त को मनाई जाएगी. इस दिन कालसर्प दोष से मुक्ति पाई जा सकती हैं. आइए जानें कैसे.
काल सर्प दोष के लिए करें ये उपाय
भगवान भोलेनाथ के मुख्य आभुषणों में से एक हैं नाग देवता, जो उनके गले में विराजमन रहते हैं. 21 अगस्त की सोमवार के दिन नाग पंचमी है. इस दिन भगवान भोले के साथ नाग देवता को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर तांबे के लोटे से जल अर्पित करें. पूजा करने के बाद उन पर बेलपत्र, दूध, मिठाई और फल फूल चढ़ाएं. और इसके बाद नाग देवता की भी पूजा करें.
जोड़े में करें पूजा
नागपंचमी के दिन कालसर्प दोष को दूर करने के लिए नाग-नागिन की जोड़े में पूजा करनी चाहिए. इससे ना केवल कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है. बल्कि धन-धान्य में भी बढ़ोतरी होती है.
शुभ मुहूर्त में करें पूजा
अगर कोई व्यक्ति कालसर्प दोष से मुक्ति चाहता हैं तो नागपंचमी के दिन शुभ मुहूर्त पर ही पूजा करें. पूजा का मुहूर्त सुबह 5 बजकर 53 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 30 मिनट तक है. इस दिन नाग देवता को दूध जरूर पिलाएं. साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि किसी भी जीव को नागपंचमी के दिन हानि नहीं पहुंचाए.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)