Guruvar Aarti: गुरुवार के दिन पढ़ें ये आरती, श्रीहरि की कृपा से बाधाओं से मिलेगी मुक्ति
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Guruvar Aarti: गुरुवार के दिन पढ़ें ये आरती, श्रीहरि की कृपा से बाधाओं से मिलेगी मुक्ति

Guruvar Aarti: गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा विधि विधान के साथ करनी चाहिए. ज्योतिष शास्त्र की माने तो किसी भी व्यक्ति की कुंडली में अगर गुरु मजबूत नहीं है तो उसे जीवन में कई प्रकार की बाधाएं आ सकती है.ऐसे में उन लोगों के लिए गुरुवार का व्रत काफी लाभदायक सिद्ध हो सकता है.

Guruvar Aarti: गुरुवार के दिन पढ़ें ये आरती, श्रीहरि की कृपा से बाधाओं से मिलेगी मुक्ति

Guruvar Aarti: आज गुरुवार का दिन है. यह दिन बृहस्पति देव को समर्पित माना जाता है. धार्मिक मान्यता के मुताबिक हिन्दू धर्म में बृहस्पति देव को सभी देवताओं का गुरु माना गया है. ऐसे में गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा विधि विधान के साथ करनी चाहिए. ज्योतिष शास्त्र की माने तो किसी भी व्यक्ति की कुंडली में अगर गुरु मजबूत नहीं है तो उसे जीवन में कई प्रकार की बाधाएं आ सकती है.ऐसे में उन लोगों के लिए गुरुवार का व्रत काफी लाभदायक सिद्ध हो सकता है.

मान्यता है कि गुरुवार का व्रत करने से व्यक्ति को सभी समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है. इसके अलावा कुंडली में गुरु ग्रह मजबूत स्थिति में पहुंच जाती है.गुरुवार के दिन श्रीहरि की पूजा के बाद आरती जरूर करनी चाहिए. ऐसे में हम श्रीहरि के भक्तों के लिए यहां बृहस्पति देव के लिए आरती दे रहे हैं जिसे पढ़कर आप अपने आराध्य देव को प्रसन्न कर सकते हैं.

यहां पढ़ें पूरी आरती

जय बृहस्पति देवा,
ऊँ जय बृहस्पति देवा।
छिन छिन भोग लगा‌ऊँ,
कदली फल मेवा॥

ऊँ जय बृहस्पति देवा,
जय बृहस्पति देवा॥

तुम पूरण परमात्मा,
तुम अन्तर्यामी।
जगतपिता जगदीश्वर,
तुम सबके स्वामी॥

ऊँ जय बृहस्पति देवा,
जय बृहस्पति देवा॥

चरणामृत निज निर्मल,
सब पातक हर्ता।
सकल मनोरथ दायक,
कृपा करो भर्ता॥

ऊँ जय बृहस्पति देवा,
जय बृहस्पति देवा॥

तन, मन, धन अर्पण कर,
जो जन शरण पड़े।
प्रभु प्रकट तब होकर,
आकर द्घार खड़े॥

ऊँ जय बृहस्पति देवा,
जय बृहस्पति देवा॥

दीनदयाल दयानिधि,
भक्तन हितकारी।
पाप दोष सब हर्ता,
भव बंधन हारी॥

ऊँ जय बृहस्पति देवा,
जय बृहस्पति देवा॥

सकल मनोरथ दायक,
सब संशय हारो।
विषय विकार मिटा‌ओ,
संतन सुखकारी॥

ऊँ जय बृहस्पति देवा,
जय बृहस्पति देवा॥

जो को‌ई आरती तेरी,
प्रेम सहित गावे।
जेठानन्द आनन्दकर,
सो निश्चय पावे॥

ऊँ जय बृहस्पति देवा,
जय बृहस्पति देवा॥

सब बोलो विष्णु भगवान की जय।
बोलो बृहस्पतिदेव भगवान की जय॥

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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