Ganapati Atharvashirsha: सब संकटों से पाना चाहते हैं मुक्ति, तो रोजाना 21 बार करें ये छोटा सा काम
Advertisement
trendingNow11699336

Ganapati Atharvashirsha: सब संकटों से पाना चाहते हैं मुक्ति, तो रोजाना 21 बार करें ये छोटा सा काम

Ganesh Atharvashirsha Benefits: ज्योतिष शास्त्र में बुधवार का दिन गणेश जी को समर्पित है. इस दिन सच्चे दिल से गणेश जी की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और दुखों का नाश होता है.

 

फाइल फोटो

Ganesh Atharvashirsha Vidhi: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर माह की मासिक शिवरात्रि और प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है. दोनों ही व्रत भगवान शिव को समर्पित हैं. ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की त्रियोदशी के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है और वहीं चतुर्दशी के दिन मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है. बता दें कि इस बार दोनों ही व्रत एक ही दिन पड़ रही हैं. बुधवार यानी आज 17 मई को भगवान शिव को समर्पित प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा.

बुधवार के दिन पड़ने के कारण इस दिन भगवान शिव के साथ गणेश जी की पूजा करने से भी शुभ फलों की प्राप्ति होती है. शास्त्रों में गणेश जी को प्रथम पूजनीय माना गया है. कहते हैं अगर किसी शुभ और मांगलिक कार्य की शुरुआत भगवान गणेश की पूजा से की जाए, तो व्यक्ति के सभी कार्य निर्विघ्न पूरे होते हैं. आज के दिन भगवान गणेश जी की पूजा-पाठ और कुछ ज्योतिष उपाय से गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर आप भी जीवन में विषम परिस्थितियों से गुजर रहे हैं और  जल्द ही संकटों से निजात पाना चाहते हैं, तो नियमित रूप से 21 बार गणपति अथर्वशीर्ष स्तुति का पाठ करें.   
 

गणपति अथर्वशीर्ष

।। अथ श्री गणपति अथर्वशीर्ष स्तुति ।।

ॐ नमस्ते गणपतये।

त्वमेव प्रत्यक्षं तत्वमसि।।

त्वमेव केवलं कर्त्ताऽसि।

त्वमेव केवलं धर्तासि।।

त्वमेव केवलं हर्ताऽसि।

त्वमेव सर्वं खल्विदं ब्रह्मासि।।

त्वं साक्षादत्मासि नित्यम्।

ऋतं वच्मि।। सत्यं वच्मि।। अव त्वं मां।।

अव वक्तारं।। अव श्रोतारं। अवदातारं।।

अव धातारम अवानूचानमवशिष्यं।।

अव पश्चातात्।। अवं पुरस्तात्।। अवोत्तरातात्।।

अव दक्षिणात्तात्।। अव चोर्ध्वात्तात।। अवाधरात्तात।।

सर्वतो मां पाहिपाहि समंतात्।।

त्वं वाङग्मयचस्त्वं चिन्मय।

त्वं वाङग्मयचस्त्वं ब्रह्ममय:।।

त्वं सच्चिदानंदा द्वितियोऽसि।

त्वं प्रत्यक्षं ब्रह्मासि।

त्वं ज्ञानमयो विज्ञानमयोऽसि।।

सर्व जगदि‍दं त्वत्तो जायते।

सर्व जगदिदं त्वत्तस्तिष्ठति।

सर्व जगदिदं त्वयि लयमेष्यति।।

सर्व जगदिदं त्वयि प्रत्येति।।

त्वं भूमिरापोनलोऽनिलो नभ:।।

त्वं चत्वारिवाक्पदानी।।

त्वं गुणयत्रयातीत: त्वमवस्थात्रयातीत:।

त्वं देहत्रयातीत: त्वं कालत्रयातीत:।

त्वं मूलाधार स्थितोऽसि नित्यं।

त्वं शक्ति त्रयात्मक:।।

त्वां योगिनो ध्यायंति नित्यम्।

त्वं शक्तित्रयात्मक:।।

त्वां योगिनो ध्यायंति नित्यं।

त्वं ब्रह्मा त्वं विष्णुस्त्वं रुद्रस्त्वं इन्द्रस्त्वं अग्निस्त्वं।

वायुस्त्वं सूर्यस्त्वं चंद्रमास्त्वं ब्रह्मभूर्भुव: स्वरोम्।।

गणादिं पूर्वमुच्चार्य वर्णादिं तदनंतरं।। अनुस्वार: परतर:।।

अर्धेन्दुलसितं।।तारेण ऋद्धं।। एतत्तव मनुस्वरूपं।।

गकार: पूर्व रूपं अकारो मध्यरूपं।

अनुस्वारश्चान्त्य रूपं।। बिन्दुरूत्तर रूपं।।

नाद: संधानं।। संहिता संधि: सैषा गणेश विद्या।।

गणक ऋषि: निचृद्रायत्रीछंद:।। ग‍णपति देवता।।

ॐ गं गणपतये नम:।।

Money Plant: मनी प्लांट पर ये एक चीज बांधने से होगा चमत्कार, देखते ही देखते खाली तिजोरी में बरसने लगेगा पैसा!
 

Surya Gochar 2023: एक साल बाद इस राशि में सूर्य ने किया प्रवेश, पूरे 1 माह जमकर काटेंगे पैसा; निकलेगी बंपर लॉटरी
 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

 

Trending news