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Lightning Lamp Mantra: हिंदू धर्म में रोजाना घरों में सुबह-शाम पूजा-पाठ किया जाता है. ये भगवान के प्रति अपनी आस्था और उन्हें धन्यवाद देने का एक जरिया है. पूजा-पाठ करके लोग अपने ईष्ट के करीब महसूस करते हैं जिससे सकारात्मक उर्जा का संचार होता है और मन शांत रहता है. हालांकि पूजा-पाठ करने के कई नियम है जिसमें पूजा के दौरान दीपक जलाना अनिवार्य माना जाता है.
कहते हैं इसके बिना पूजा अधूरी होती है. लेकिन कई बार ऐसा होता है कि पूजा करते समय हमसे कोई गलती हो जाती है या किसी कारण दीपक जुझ जाता है. ऐसे में क्या करना चाहिए? क्या बीच में दीपक का बुझना अशुभ होता है और अगर दीपक बीच में बुझ जाए तो क्या करना चाहिए आइए जानते हैं.
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पूजा के समय दीपक के बुझने के संकेत
ज्योतिष शास्त्र पूजा करते समय कभी-कभी तेल होने से या बाती सही से नहीं जलने के कारण तो पूजा में हुई गलती या खोट होने से दीपक बुझ जाता है जो अशकुन माना जाता है. दरअसल दीपक जलाने से घर में सकारात्मक उर्जा का संचार होता है और अंधकार दूर होता है ऐसे में अचानक से दीपक का बुझना का मतलब किसी आने वाले संकट या पूजा का स्वीकार नहीं होने से हो सकता है. तो निश्चित ही अशुभ माना जाता है ऐसे में क्या दीपक को दोबारा जलाना चाहिए?
इस मंत्र के साथ दोबारा जलाएं दीपक
दीपक के बुझने पर इसे दोबारा जला सकते हैं इसके लिए आप सबसे पहले अपने ईष्ट से क्षमा मांगे और इस मंत्र ‘आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम्। पूजां चैव न जानामि क्षमस्व परमेश्वर॥ मंत्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं जनार्दन। यत्पूजितं मया देव! परिपूर्ण तदस्तु मे॥ का जाप करे और इसके बाद फिर से दीपक को प्रज्वलित करें.
हमेशा इस मंत्र के उच्चारण के बाद प्रज्वलित करें दीपक
शुभम करोति कल्याणं, आरोग्यं धन संपदाम्, शत्रु बुद्धि विनाशाय, दीपं ज्योति नमोस्तुते!! इस मंत्र के साथ दीपक प्रज्वलित करना चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)