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यूरिक एसिड तुरंत कम करने में कारगर ये 5 आयुर्वेदिक उपाय

How To Reduce Uric Acid Naturally: जोड़ों में दर्द या सूजन, जोड़ों के आस-पास की त्वचा का रंग बदलना, छूने पर जोड़ों में गर्माहट महसूस होना, पीठ के निचले हिस्से में तेज दर्द होना, बार-बार पेशाब आना, मतली या उल्टी आना, पेशाब करते समय दर्द होना या पेशाब में खून आना बॉडी में यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण हैं. यदि आपको भी ऐसे संकेत अपने शरीर में दिखाई दे रहे हैं तो यहां बताए गए आयुर्वेदिक उपाय आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं-

गिलोय

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गिलोय

यूरिक एसिड को कंट्रोल करने में गिलोय बहुत फायदेमंद होता है. इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं, जो जोड़ों की सूजन और दर्द से राहत दिला सकते हैं. इसके लिए रोजाना सुबह खाली पेट गिलोय के जूस या काढ़े का सेवन कर सकते हैं.

 

तुलसी

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तुलसी

तुलसी की पत्तियों में एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं, जो यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में मदद कर सकते हैं. इसके लिए आप सुबह खाली पेट 4-5 तुलसी की पत्तियों को चबा सकते हैं या इसकी चाय का सेवन कर सकते हैं.

 

हल्दी

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हल्दी

हल्दी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो जोड़ों के दर्द और सूजन से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं. इसके लिए आप रोजाना रात को सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में आधा चम्मच हल्दी डालकर पी सकते हैं.

त्रिफला

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त्रिफला

त्रिफला तीन फलों - हरीतकी, विभीतकी और आंवला का मिश्रण है. इसमें अमीनो एसिड और फ्लेवोनॉइड मौजूद होते हैं, जो यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में मदद कर सकते हैं. इसके लिए आप रोज सुबह खाली पेट एक चम्मच त्रिफला पाउडर का सेवन एक गिलास गुनगुने पानी के साथ कर सकते हैं.

 

नीम

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नीम

नीम में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं, जो जोड़ों के दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं. आप यूरिक एसिड के लक्षणों को कंट्रोल करने के लिए नीम के पत्तों का पेस्ट बनाकर प्रभावित हिस्से पर लगा सकते हैं. इसके अलावा, आप नीम के पत्तों और छाल का काढ़ा बनाकर भी पी सकते हैं.

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