world's Oldest Language: संस्कृत दुनिया की सबसे पुरानी भाषा है. इसे देवों की भाषा भी कहते हैं. वेद भी इसी भाषा में लिखे गए हैं. हजारों साल पुराने इस भाषा को आमतौर पर आज के समय में केवल पूजा-पाठ में मंत्रों के उच्चारण के लिए इस्तेमाल किया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं, भारत में आज भी ऐसे 5 गांव हैं जहां, संस्कृत को आम बोलचाल की भाषा में इस्तेमाल किया जाता है. जी, हां देश के कुछ गांवों ने इस प्राचीन भाषा की जीवंतता को आज भी संजो कर रखा है- आइए जानते हैं ऐसे ही अद्भुत गांवों के बारे में-
कर्नाटक के शिमोगा जिले में स्थित मत्तूर गांव को संस्कृत गांवों का प्रतीक माना जाता है. यहां के लगभग सभी निवासी संस्कृत में बात करते हैं. इस गांव में संस्कृत की शिक्षा और संस्कृति को संरक्षित करने के लिए कई प्रयास किए गए हैं.
मत्तूर के नजदीक ही स्थित होसा हल्ली भी संस्कृत के लिए प्रसिद्ध है. दोनों गांवों के बीच संस्कृत भाषा और संस्कृति का आदान-प्रदान होता रहता है. यह गांव भी संस्कृत के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में स्थित झिरी गांव संस्कृत के प्रति समर्पित है. यहां के घरों की दीवारों पर संस्कृत के श्लोक लिखे हुए हैं. गांव के लोग संस्कृत में बातचीत करते हैं और संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देते हैं.
ओडिशा के भद्रक जिले में स्थित सासना गांव में मुख्य रूप से ब्राह्मण परिवार रहते हैं. यहां के लोग संस्कृत भाषा को बड़ी ही श्रद्धा से बोलते हैं. गांव में संस्कृत की शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाता है.
राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में स्थित गणोदा गांव संस्कृत के लिए जाना जाता है. इस गांव में संस्कृत की शिक्षा और संस्कृति को संरक्षित करने के लिए कई प्रयास किए गए हैं. यहां के लोग संस्कृत में बातचीत करते हैं और संस्कृत साहित्य का अध्ययन करते हैं.
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