पानी बॉडी के लिए जरूरी है लेकिन पैदा होने के 6 महीने बाद तक इंसान को पानी की जरूरत नहीं होती है. यदि इससे पहले बच्चे को पानी दिया जाए तो वाटर इंटॉक्सिकेशन से जान जाने का भी जोखिम होता है.
यह सच है कि यदि एक व्यस्क व्यक्ति गर्मी के दिनों में यदि पानी का सेवन पर्याप्त मात्रा में ना करे तो बॉडी में डिहाइड्रेशन के कारण कई परेशानी पैदा होने लगती है. लेकिन 6 महीने से कम उम्र के बच्चों पर यह लागू नहीं होता है. बल्कि यदि पानी पिलाया जाए तो इससे उन्हें कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं.
जॉन्स हॉपकिन्स चिल्ड्रन सेंटर में एड्रियाटिक इमरजेंसी फिजिशियन, डॉ. जेनिफर एंडर्स ने रॉयटर्स से बातचीत में बताती हैं कि 6 महीने तक शिशु की किडनी पूरी तरह से परिपक्व नहीं हुए होते हैं जिसके कारण उन्हें पानी देने से शरीर से अतिरिक्त पानी के साथ सोडियम भी निकलता है.
सोडियम की कमी मस्तिष्क की गतिविधि को प्रभावित कर सकती है, इसलिए पानी के नशे के शुरुआती लक्षणों में चिड़चिड़ापन, उनींदापन और अन्य मानसिक परिवर्तन शामिल हो सकते हैं. अन्य लक्षणों में शरीर का कम तापमान (आम तौर पर 97 डिग्री या उससे कम) चेहरे पर सूजन और दौरे शामिल हैं.
एक्सपर्ट बताती हैं कि कुछ मामलों में बड़े शिशुओं को थोड़ी मात्रा में पानी देना उचित हो सकता है; उदाहरण के लिए कब्ज में मदद करने के लिए या बहुत गर्म मौसम में, लेकिन माता-पिता को ऐसा करने से पहले हमेशा अपने बाल रोग विशेषज्ञ से परामर्श जरूर करनी चाहिए, और बच्चे को एक बार में केवल एक या दो औंस पानी ही देना चाहिए.
6 महीने से पहले पानी के सेवन से नवजात शिशु को कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. इसमें मुख्य रूप से पोषक तत्वों की कमी, धीमा विकास, कुपोषण, वजन में कमी शामिल है. Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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