Goosebumps Suspense Thriller South Movie: कई फिल्में ऐसी बनी हैं जो महिलाओं और बच्चियों के साथ हो रहे यौन शोषण और उत्पीड़न को दर्शाती हैं. आज हम आपको एक ऐसी ही फिल्म के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें दरिंदे छोटी बच्चियों को अपनी हवस का शिकार बना रहे हैं. ये फिल्म उन भयानक घटनाओं पर आधारित है, जिनमें मासूम बच्चियों को ऐसी क्रूरता का सामना करना पड़ता है. ऐसी कहानियां समाज की सच्चाई को उजागर करती हैं और हमें इन मुद्दों पर सोचने पर मजबूर करती हैं. इस फिल्म का एक-एक सीन आपके रोंगटे खड़े कर देगा और दिल दहज जाएगा. इसके बाद शायद आप अपनों पर भी ठीक से भरोसा नहीं कर पाएंगे. चलिए जानते हैं कौनसी है ये फिल्म?
अब तक बाल यौन शोषण और उत्पीड़न पर कई फिल्में बनी हैं, जो आंखें खोलने के लिए काफी थीं. लेकिन जिस फिल्म की यहां बात हो रही है, उसमें ऐसा सस्पेंस छिपा है जो किसी के भी होश उड़ा सकता है. इस फिल्म की कहानी बाल उत्पीड़न की घटनाओं को उजागर करती है, जो हमारी सोच से परे हैं और असल जिंदगी से मेल खाती हैं. ये फिल्म बताती है कि हमारे आस-पास के लोग भी इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे सकते हैं, लेकिन हमे इसकी कानों-कान खबर तक नहीं होती. इस फिल्म का एक-एक सीन रोंगटे खड़े कर देता है.
हम अक्सर अपने बच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे में सिखाते हैं, लेकिन कई बार बच्चों की कुछ आदतें उन्हें बड़े खतरे में डाल देती हैं. जैसे कि इस फिल्म में दिखाया गया है, जहां एक शख्स बच्चियों की आदतों का फायदा उठाकर उन्हें बहला-फुसलाकर अपने साथ ले जाता है और फिर उनके साथ दुष्कर्म करता है. इसके बाद वो शख्स उन बच्चियों को जलाकर मार डालता है. पुलिस को जब तक एक बच्ची की लाश मिलती है, तब तक दूसरी बच्ची स्कूल या घर के रास्ते से गायब हो चुकी होती है, लेकिन सवाल ये है कि आखिरकार ये सब कर कौन रहा है?
इस फिल्म की कहानी चिट्ठा ईश्वरन (सिद्धार्थ) के ईद-गिर्द घूमती है. जो अपनी भतीजी सुंदरी (सहस्र श्री) से बेहद प्यार करता है और सुंदरी भी अपने चाचा से बेहद प्यार करती है. लेकिन एक दिन वो अपनी सहेली के साथ कई घूमने का प्लान करती है. हालांकि, वो किसी वजह से जा नहीं पाती तो उसकी सहेली अकेले ही जाना पड़ता है. जहां उनके साथ कोई दुष्कर्म करता है और इसका सारा इल्जाम चिट्ठा चाचा (सिद्धार्थ) पर लग जाता है, क्योंकि वो उस बच्ची से ये पूछ रहा था कि उसके साथ ये सब किसने किया, जिसकी कोई वीडियो बनकर बच्ची के घर पर दिखा देता है.
इसके सुंदरी को जब ये सब पता चलता है तो वो खुद अपने चाचा से डरने लगती है. लेकिन एक दिन स्कूल से घर आते समय एक शख्स सुंदरी को फोन में गेम खेलने के बहाने से अपने साथ कहीं ले जाता है और उसके साथ दुष्कर्म करता है. इतना ही नहीं, वो उसको जलाकर मारने की कोशिश ही कर रहा होता है कि सुंदरी उसके चंगुल से बच जाती है और अपने घर पहुंच जाती है, जिसके बाद चिट्ठा के सिर पर खून सवार हो जाता है और वो उस आदमी की जान के पीछे पड़ जाता है जो छोटी-छोटी मासूम बच्चियों के साथ दुष्कर्म कर उनको जान से मार रहा है.
सिद्धार्थ, निमिशा सजयान और अंजलि नायर की इस फिल्म 'चिठ्ठा' को एसयू अरुण कुमार ने डायरेक्टर किया है. बाल उत्पीड़न जैसे गंभीर विषय पर आधारित ये फिल्म आपको गहराई से सोचने पर मजबूर करती है. ये फिल्म खत्म होने के बाद भी लंबे समय तक आपके मन पर अपना असर बनाए रखती है. ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर बहुत कम फिल्में बनाई जाती हैं. अगर आप भी इस फिल्म को देखना चाहते हैं, तो इसे ओटीटी प्लेटफॉर्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर देख सकते हैं और अपने बच्चों को सचेत कर सकते हैं.
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