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Farmers Protest: पहले दागे आंसू गैस के गोले, फिर बरसाए फूल...शंभू बॉर्डर पर घमासान, आमने-सामने पुलिस-किसान

Farmers Protest Delhi March Kisan andolan: 'शंभू' बॉर्डर पर हालात तनावपूर्ण (Shambhu Border unrest) लेकिन नियंत्रण में है. सैकड़ों किसान मांगों को लेकर डटे हैं. 101 किसानों का जत्था दिल्ली जाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहा था. इस कड़ी में सुबह 10 बजे से तमाम अप्रत्याशित स्थितियां देखने को मिली. पहले किसानों की समझाइश हुई, उनके न मानने और लगातार उग्र  होने पर पुलिस ने हल्के बल प्रयोग के नाम पर आंसू गैस के गोले बरसाए और हालात को काबू किया. कुछ किसानों के घायल होने के बाद आज किसानों ने अपना दिल्ली मार्च स्थगित कर दिया.

हाई अलर्ट! शंभू बॉर्डर पर कैसे हैं हालात?

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हाई अलर्ट! शंभू बॉर्डर पर कैसे हैं हालात?

'दिल्ली चलो' मार्च शुरू होने के साथ ही किसानों का चल रहा विरोध प्रदर्शन शंभू बॉर्डर पर और तेज हो गया है. ये बॉर्डर दिल्ली, पंजाब और हरियाणा तीनों के लिए काफी अहम है. पुलिस कभी फूल बरसा रही है तो कभी आंसू गैस चला रही है. आज भी पुलिस और किसानों के बीच काफी नोकझोंक और तीखी बहस देखने को मिली.

 

किसानों को मना रही पुलिस

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किसानों को मना रही पुलिस

किसानों के विरोध प्रदर्शन के लाइव अपडेट की बात करें तो हरियाणा की पुलिस ने सहकार भारती के 8वें राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी स्थल के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को हिरासत में लिया. आपको बताते चलें कि इसी कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को आना है. 

मांझी का बयान

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मांझी का बयान

केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने शंभू बॉर्डर पर चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए आरोप लगाया कि यह कथित 'दिल्ली चलो (Delhi Chalo March)' मार्च किसानों के मुद्दों के लिए एक वास्तविक आंदोलन के चलाने के बजाय एक राजनीतिक दिखावा है. मांझी ने कहा, किसानों को दिल्ली मार्च करने की कोई जरूरत नहीं है. उनके 5 प्रतिनिधियों को आकर सरकार से बात करनी चाहिए. सरकार बात करने के लिए तैयार है.'

किसानों के नाम पर सियासत?

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किसानों के नाम पर सियासत?

केंद्र और हरियाणा सरकार का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों के कल्याण के बारे में गहराई से चिंतित हैं. पीएम मोदी किसानों की शिकायतों को दूर करने के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता पर लगातार फोकस बनाए हुए हैं. ऐसे में कुछ किसानों को उकसाने के बाद उनकी किसी नाराजगी से उपजे विरोध का इस्तेमाल कुछ लोग अपने  राजनीतिक लाभ के लिए कर रहे हैं.

तनाव बरकरार

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तनाव बरकरार

किसान नेता सरवन सिंह पंधेर का कहना है, 'प्रधानमंत्री को कार्रवाई करनी चाहिए या हमें दिल्ली तक मार्च करने देना चाहिए.'

 

आंसू गैस के गोले से घायल

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आंसू गैस के गोले से घायल

बठिंडा के भगता भाई गांव के बीकेयू क्रांतिकारी के सदस्य रेशम सिंह आंसू गैस के गोले से घायल हो गए.

हालात तनावपूर्ण किंतु नियंत्रण में

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हालात तनावपूर्ण किंतु नियंत्रण में

शंभू बॉर्डर पर, किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने अपनी मांग दोहराते हुए कहा, "101 किसानों और मजदूरों का हमारा समूह आ गया है, और हमने पहले ही इन लोगों के नाम की सूची साझा कर दी है. अगर पुलिस हमें आगे बढ़ने से पहले आईडी सत्यापित करने पर जोर देती है, तो उन्हें हमें सूचित करना चाहिए, और हम सहयोग करेंगे. हमने अनुशासन बनाए रखा है और ऐसा करना जारी रखेंगे. हालांकि, वे आज अधिक आंसू गैस का उपयोग कर रहे हैं, हम किसी भी बलिदान के लिए तैयार हैं. उन्हें हमसे बात करनी चाहिए हमारे मुद्दे वरना हमें दिल्ली तक मार्च करने दीजिए.'

दोपहर 12 बजे

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दोपहर 12 बजे

पुलिस ने किसानों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया, जिन्होंने आज अपना 'दिल्ली चलो' मार्च शुरू किया, लेकिन वो भारी प्रतिरोध मिलने पर वहीं शंभू बॉर्डर पर रुक गए. घटनास्थल पर तैनात हरियाणा पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, 'हम पहले उनकी (किसानों की) पहचान करेंगे और फिर हम उन्हें आगे जाने की अनुमति दे सकते हैं. हमारे पास उन्होंने 101 किसानों के नामों की एक सूची भेजी है, और भीड़ में वे लोग नहीं दिख रहे हैं. हमें कुछ संदेह है. इसलिए हम उनकी पहचान करना चाहते हैं उनका आईकार्ड और आधार कार्ड वगैरह देखना चाहते हैं, लेकिन किसान संगठन के लोग हमें उनकी पहचान नहीं करने दे रहे हैं. वे बस एक भीड़ के रूप में आगे बढ़ना चाहते हैं.

पुलिस ने नोकझोक

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पुलिस ने नोकझोक

पुलिस से नोकझोक के बाद एक निश्चित इलाके में उग्र हो रहे लोगों को खदेड़ा गया.

शांति की अपील

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शांति की अपील

किसान संगठनों ने भी पुलिस ने सहयोग करने की अपील की है.

भारी इंतजाम

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भारी इंतजाम

प्रदर्शन के दौरान बुरी से बुरी स्थिति संभालने के लिए पुलिस ने पुख्ता इंतजाम किए हैं.

कटीले तार

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कटीले तार

किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने शंभू बॉर्डर पर कहा कि हमनें मीटिंग के बाद तय किया कि जत्था वापस बुलाएंगे. जत्था वापस आया. शांतिपूर्ण तरीके से हम खड़े थे. सरकार को ऐसा लगता है कि उनके पास प्रचार प्रोपगंडा करने की क्षमता है. देश के किसानों को बदनाम कर देश विरोधी बताया जा रहा है. जो कुछ आज हुआ उसे देश ने देखा. आज फूल फेंका गया फिर आसू गैस के गोले और रबर की गोली छोड़ी गई. 6 किसान आज घायल हुए है. कल हम लोग फिर मीटिंग करेंगे. हालात को समझेंगे और फिर तय करेंगे आगे की रणनीति.

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