Dharmendra Superhit Movie: राज कुमार हिंदी सिनेमा के एक ऐसे अभिनेता थे, जो अपनी अदाकारी और स्टाइल के लिए जाने जाते थे. उन्होंने अपने करियर में 'पाकीजा', 'सौदागर', 'तिरंगा' और 'नील कमल' जैसी कई बड़ी फिल्मों में काम किया, जिनको आज भी पसंद किया जाता है. जब भी उनकी फिल्में सिनेमाघरों में रिलीज होती थी लोग उनकी अदाकारी, उनके डायलॉग बोलने के अंदाज और वे गले पर हाथ रखते हुए 'जानी...' कहते थे, तो लोग सीट से खड़े होकर तालियां बजाते थे. लेकिन उन्होंने अपने करियर में कई फिल्मों को भी ठोकर मारी है.
राज कुमार अपनी बातों और हाजिर जवाबी के लिए भी जाने जाते थे. उनके शब्दों में इतना असर था कि सामने वाला इंसान चुप हो जाता था. आज हम आप उनका एक ऐसा किस्सा और फिल्म के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसको उन्होंने ये बोलकर रिजेक्ट कर दिया था कि ये रोल उनका कुत्ता भी नहीं करेगा. लेकिन यही रोल बाद में धर्मेंद्र को मिला और इसने उन्हें सुपरस्टार बना दिया. इतना ही नहीं, ये फिल्म उस साल की सबसे बड़ी हिट थी, जिसने इतिहास रच दिया था.
ये फिल्म आज से 57 साल पहले यानी 1968 में रिलीज हुई थी, जिसको रामानंद सागर ने बनाया और निर्देशित किया था. ये एक जासूसी से जुड़ी थ्रिलर फिल्म थी, जिसमें धर्मेंद्र के अलावा माला सिन्हा, महमूद, ललिता पवार, जीवन और मदन पुरी जैसे शानदार कलाकार नजर आए थे. फिल्म में जबरदस्त कहानी होने के साथ-साथ खूब सारा एक्शन और ड्रामा भी था, जिसने दर्शकों को दिल जीत लिया था. उस दौर में इस तरह की फिल्मों को खूब पसंद किया जाता था.
हम यहां 1968 में रिलीज हुई फिल्म 'आंखें' की बात कर रहे हैं. ये फिल्म धर्मेंद्र के करियर की सबसे बड़ी हिट फिल्मों में से एक मानी जाती है, जिसने खूब कमाई की थी. लेकिन पहले इस फिल्म के लिए रामानंद सागर ने अपने दोस्त राज कुमार को कास्ट करने का सोचा था. उन्होंने राज कुमार को फिल्म की कहानी सुनाई, लेकिन राज कुमार को ये स्क्रिप्ट पसंद नहीं आई. राज कुमार ने अपने पालतू कुत्ते को बुलाया और मजाक करते हुए पूछा, 'क्या तुम ये फिल्म करोगे?'.
इसके बाद उन्होंने रामानंद सागर कहा, 'देखो, मेरा कुत्ता भी इस फिल्म में काम नहीं करना चाहता'. ये सुनकर रामानंद सागर को गहरा धक्का लगा और वो नाराज होकर वहां से चले गए. फिर 1968 में ही ये फिल्म धर्मेंद्र के साथ बनाई गई और ये बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुई. धर्मेंद्र की अदाकारी ने फिल्म को एक नई पहचान दी और ये उनके करियर की सबसे सफल फिल्मों में से एक बन गई. ये फिल्म उस साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली बन गई थी.
राज कुमार का ये किस्सा उनके मस्त और बेबाक स्वभाव को दिखाता है. उनका तरीका हमेशा ऐसा था कि वे बिना किसी हिचकिचाहट के सीधे बात कह देते थे. इसी वजह से वह अपने समय के सबसे अलग और खास अभिनेता माने जाते थे. उन्होंने अपने करियर में लगभग 70 फिल्मों में काम किया था, जिनमें 'मदर इंडिया', 'वक्त', 'हीर रांझा' और 'सौदागर' जैसी शानदार फिल्में शामिल हैं. सालों तक इंडस्ट्री और फैंस के दिलों पर राज करने के बाद उन्होंने 1996 में दुनिया को अलविदा कह दिया.
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