Delhi Ghazipur Landfill Fire: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कूड़े के पहाड़ के नाम से जाना जाने वाला गाजीपुर लैंडफिल फिर एक बार जल उठा है. आग किसने लगाई और कैसे लगी, फिलहाल ये पता लगाने से पहले आग पर काबू पाने की कोशिश हो रही है. लेकिन, जब तक इस आग पर काबू नहीं पाया जाता इसका खतरनाक धुआं आसपास के लोगों को परेशान कर रहा है.
दिल्ली में कूड़े का ये ज्वालामुखी गाजीपुर का वही लैंडफिल साइट है, जो एक बार फिर धधक उठा है और इस पर पूरी तरह काबू पाने की कोशिश जारी है. लैंडफिल में लगी आग देर रात काफी बड़े हिस्से तक फैल गई. अब इसे काफी हद तक काबू कर लिया गया है, लेकिन दमकल की कई गाड़ियां अभी भी आग बुझाने में लगी हैं.
दिल्ली के गाजीपुर लैंडफिल साइट पर आग लगने का सिलसिला जारी है और लगातार आग बुझाने के प्रयास भी किए जा रहे हैं. लेकिन इस बीच आग ने सियासी गलियारे तक अपनी आंच भी पहुंचा दी है. बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए पूछा है कि अब आम आदमी पार्टी किसको जिम्मेदार ठहराएगी?
आग लगने से सबसे बड़ा खतरा ये है कि इस आग का जहरीला धुआं आसपास के इलाके में फैल रहा है. लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है. आसपास की कॉलोनी में रहने वाले स्थानीय निवासियों को आग से निकले धुएं के कारण लोगो को आंखो में जलन की भी दिक्कत हो रही है. लोगो का कहना है कि कूड़े के ढेर से आने वाले बदबू के कारण पहले ही जीना बेहाल है, लेकिन बार-बार लगने वाली आग से बीमारियों का भी खतरा है.
इस बीच दिल्ली फायर सर्विस SO नरेश कुमार का कहना है कि आग लैंडफिल में पैदा हुई गैस के कारण लगी थी. किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. बताया जा रहा है कि रविवार शाम करीब साढ़े पांच बजे दमकल विभाग को आग लगने की खबर मिली थी और तब से इस आग पर काबू पाने की कोशिश हो रही है, लेकिन अब तक पूरी तरह कामयाबी नहीं मिली है.
पूर्वी दिल्ली में गाजीपुर 'लैंडफिल' स्थल को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2022 के एमसीडी चुनाव से पहले 31 दिसंबर 2023 तक इस लैंडफिल स्थल को खाली करने का वादा किया था, लेकिन कचरा हटाने के बजाय यहां और अधिक कचरा डाल दिया गया. साल 2019 में गाजीपुर लैंडफिल स्थल की ऊंचाई 65 मीटर थी, जो कुतुब मीनार से केवल आठ मीटर कम थी.
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