प्रयागराज महाकुंभ 2025 की तैयारियां अंतिम पड़ाव पर हैं. संगम किनारे साधु-संतों का जमावड़ा लगने लगा है. दिसंबर आखिर तक तंबुओं की नगरी सजकर तैयार हो जाएगी. पवित्र गंगा-यमुना में पुण्य की डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ भी आने लगेगी.
अगर आपभी प्रयागराज महाकुंभ में स्नान के लिए आना चाह रहे हैं तो यह जान लेना चाहिए कि आपके पास से कौन सा स्नान घाट पास होगा. ताकी आपको पहुंचने में कोई दिक्कत न हो.
पहले जान लेते हैं कि इस बार महाकुंभ कब से कब तक चलेगा. इस बार 13 जनवरी 2025 को महाकुंभ की शुरुआत होगी, जिसका समापन 26 फरवरी 2025, महाशिवरात्रि को होगा. महाकुंभ 45 दिन तक चलेगा.
प्रयागराज महाकुंभ के लिए गंगा किनारे पांच प्रमुख घाटों को तैयार किया जा रहा है. इसमें से एक है संगम घाट. इसे त्रिवेणी घाट के नाम से भी जाना जाता है.
तीन पवित्र नदियों गंगा-यमुना और अदृश्य सरस्वती का संगम होता है. इसलिए इसे त्रिवेणी घाट कहा जाता है. यहां तीन नदियों का संगम होता है. इसलिए इसे संगम घाट कहा जाता है.
अगर आप संगम घाट पर डुबकी लगाते हैं, तो एक ही स्थान पर इन तीनों नदियों का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं. मेला क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद संगम घाट पर जा सकते हैं.
प्रयागराज जंक्शन रेलवे स्टेशन से संगम घाट लगभग 7-8 किलोमीटर दूर है. आप यहां टैक्सी या शेयरिंग ऑटो से आसानी से पहुंच सकते हैं.
संगम घाट के पास ही राम घाट है. राम घाट से संगम घाट की दूरी मात्र 3 मिनट की है. आसानी से चलकर भी पहुंचा जा सकता है.
यमुना नदी के किनारे स्थित अरैल घाट प्राकृतिक सुंदरता और शांति के लिए प्रसिद्ध है. अरैल घाट से संगम घाट सड़क मार्ग द्वारा लगभग आधे घंटे की दूरी पर है.
अयोध्या, लखनऊ, प्रतापगढ़ और सुल्तानपुर से आने वालों के लिए फाफामऊ घाट पहले पड़ेगा. चाहे तो वह शहर में प्रवेश न करके फाफामऊ घाट पर ही स्नान करके लौट सकते हैं.
इसके अलावा जौनपुर, आजमगढ़, गोरखपुर और बनारस की तरफ से आने वालों के लिए झूंसी घाट नजदीक पड़ेगा.
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