China-US Relations: व्हाइट हाउस ने ताइपे के लिए 34.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर की सैन्य सहायता की घोषणा की है. डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के नेतृत्व में ताइवान के सत्तारूढ़ प्रशासन ने चीनी आक्रमण के खिलाफ निवारक रणनीति के हिस्से के रूप में अमेरिका से हथियारों की खरीद बढ़ा दी है.
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US Military Aid To Taiwan: चीन ने अमेरिका पर ताइवान को ‘हथियार डिपो’ में तब्दील करने का आरोप लगाया है. उसने यह आरोप तब लगाया है, जब व्हाइट हाउस ने ताइपे के लिए 34.5 करोड़ अमेरिकी डॉलर की सैन्य सहायता की घोषणा की है. चीन के ताइवान मामलों के कार्यालय ने शनिवार देर रात एक बयान जारी कर ताइवान को सैन्य सहायता दिए जाने का विरोध किया. बता दें चीन ताइवान पर अपना दावा जताता है.
‘हमारा संकल्प नहीं डगमगाएगा’
ताइवान मामलों के कार्यालय के प्रवक्ता चेन बिनहुआ ने कहा, ‘इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि ताइवान की अलगाववादी ताकतें आम करदाताओं का कितना पैसा खर्च करती हैं, अमेरिका कितने हथियार देता है, लेकिन इससे ताइवान समस्या को हल करने या हमारी मातृभूमि के एकीकरण को साकार करने का हमारा संकल्प नहीं डगमगाएगा.’
‘युद्ध का खतरा बढ़ रहा है’
बयान में कहा गया है, ‘अमेरिका का कृत्य ताइवान को बारूद के ढेर और हथियार डिपो में बदल रहा है, जिससे ताइवान जलडमरूमध्य में युद्ध का खतरा बढ़ रहा है.’
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने हाल के वर्षों में ताइवान के प्रति लक्षित सैन्य गतिविधियां बढ़ा दी हैं, जिसमें द्वीपीय देश को घेरने के लिए क्षेत्र में लड़ाकू विमान और युद्धपोत भेजना शामिल है. रविवार को, ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसने द्वीप के पास छह चीनी नौसेना जहाजों को ट्रैक किया.
डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के नेतृत्व में ताइवान के सत्तारूढ़ प्रशासन ने चीनी आक्रमण के खिलाफ निवारक रणनीति के हिस्से के रूप में अमेरिका से हथियारों की खरीद बढ़ा दी है. गौरतलब है कि 1949 में गृहयुद्ध के बीच चीन और ताइवान अलग हो गए और ताइवान पर कभी भी चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी का शासन नहीं रहा।
(इनपुट – न्यूज एजेंसी- भाषा)