Pakistan पीओके से हाथ धो देगा, वहां की जनता कर रही भारत में विलय की मांग?
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Pakistan पीओके से हाथ धो देगा, वहां की जनता कर रही भारत में विलय की मांग?

PoK: कश्मीरियों ने PoK में आज़ादी की लड़ाई छेड़ दी है. हज़ारों की संख्या में कश्मीरी सड़कों पर हैं, और आज़ादी की मांग कर रहे हैं.

Pakistan पीओके से हाथ धो देगा, वहां की जनता कर रही भारत में विलय की मांग?

PoK demanding merger with India: आज से कुछ वर्ष पहले तक सीमा पार के करोड़ों लोगों को Confusion था कि पाकिस्तान और हिंदुस्तान एक लेवल पर हैं...लेकिन पहले चंद्रयान, फिर आदित्य मिशन ने उनका Confusion मिटा दिया...रही सही कसर दिल्ली में हुए G-20 शिखर सम्मलेन ने दूर कर दी...पाकिस्तान, ख़ासकर PoK के लोग समझ चुके हैं, कि बीते छियत्तर वर्षों से उनके साथ सिर्फ़ धोखा हुआ है...क्योंकि भारत और पाकिस्तान की जिस Rivalry के क़िस्से सुन-सुन कर वो बड़े हुए, उन्हे आज पता चल चुका है कि Rivalry तो बराबर वालों के साथ होती है, जबकि भारत और पाकिस्तान के बीच कोई तुलना है ही नहीं...

और आप अगर PoK से आ रहे बयानों को सुनेंगे तो आपको भी यकीन हो जाएगा कि सीमा पार के कश्मीर ने भारत के साथ विलय का फैसला कर लिया है....यानी वो समय अब दूर नहीं जब PoK में तिरंगा लहराएगा, पूर्व सेनाध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह का बयान भी कुछ इसी तरफ इशारा कर रहा है...हालांकि ये पहला मौका नहीं है...इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह से लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह तक कह चुके हैं कि PoK भारत का हिस्सा है और भारत अपना हिस्सा ले कर रहेगा...

इसीलिए आज हम केंद्रीय मंत्री वी.के. सिंह के बयान का विश्लेषण तो करेंगे ही, PoK और वहां के लोगों के साथ हुए धोखे का DNA टेस्ट भी करेंगे. किसी भी देश का सबसे पहला एजेंडा अपने देश और अपनी आवाम की बेहतरी होना चाहिए. लेकिन पाकिस्तान की कहानी अलग है. क्योंकि अपने जन्म के 75 वर्षों में पाकिस्तान का सिर्फ़ एक एजेंडा रहा. और वो एजेंडा था कश्मीर पर जबरन क़ब्ज़ा करना. कश्मीर के लिए पाकिस्तान ने भारत के ख़िलाफ़ चार चार जंग लड़ीं. आतंकवाद को पाल पोस कर बड़ा किया. दुनिया के हर मंच से कश्मीर का मुद्दा उठाया.

लेकिन अब हालात कुछ ऐसे हैं कि पाकिस्तान जल्दी ही पीओके से भी हाथ धो सकता है. फिलहाल जम्मू कश्मीर के कुछ इलाक़े और गिलगित बाल्टिस्तान का रीज़न पाकिस्तान के अवैध क़ब्ज़े में है...और भारत के हमेशा से कहता आया है कि PoK हमारा है और हम इसे लेकर रहेंगे...लेकिन अब तो PoK की जनता ख़ुद भारत में विलय की मांग करने लगी है.

कश्मीरियों ने PoK में आज़ादी की लड़ाई छेड़ दी है. हज़ारों की संख्या में कश्मीरी सड़कों पर हैं, और आज़ादी की मांग कर रहे हैं. पिछले हफ्ते पाकिस्तान के कब्ज़े वाले गिलगिट बाल्टिस्तान की कुछ तस्वीरें सामने आई थीं. और ये तस्वीरें बताती हैं कि ऐसा प्रदर्शन वहां आज तक नहीं हुआ. सड़कों पर, छतों पर, खिड़कियों पर...जहां तक भी नज़र गई लोगों की भीड़ नज़र आई. ये भीड़ और इस भीड़ का ग़ुस्सा बताता है कि अब यहां के लोग पाकिस्तान से ऊब चुके हैं और उन्हे अपना भविष्य भारत में नज़र आ रहा है.

गिलगिट बाल्टिस्तान में भड़के इस जनविद्रोह के पीछे कई बड़ी वजहे हैं. पहली वजह धार्मिक है. दरअसल गिलगिट-बाल्टिस्तान ऐतिहासिक रूप से शिया मुस्लिमों का इलाक़ा रहा है और वर्ष 1947 में जब पाकिस्तान ने इस इलाक़े पर क़ब्ज़ा जमाया था, उस वक़्त यहां शियाओं की संख्या 80 प्रतिशत से भी ज़्यादा थी. लेकिन शियाओं का आरोप है कि पाकिस्तान की सेना बाहर से सुन्नी मुसलमानों को ला कर यहां बसाती रही, जिसकी वजह से शिया अपने ही घर में अल्पसंख्यक हो गए. शियाओं पर उनकी धार्मिक पहचान की वजह से अत्याचार भी हुए और वर्षों का ये ग़ुस्सा आख़िरकार विद्रोह की शक्ल में फूट पड़ा.

पाकिस्तान के ईशनिंदा क़ानून ने ग़ुस्से की इस आग को और हवा दे दी. पाकिस्तान के कुछ कट्टरपंथी संगठन और उलेमा ईशनिंद क़ानूनों को और सख़्त करने की मांग कर रहे हैं. लेकिन शिया संगठनों ने ईशनिंदा क़ानून का विरोध शुरू कर दिया. शियाओं का मानना है कि ईशनिंदा का क़ानून का इस्तेमाल सरकार उन्हे टारगेट करने के लिए करेगी.

यही नहीं ईशनिंदा क़ानून के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने पर शिया समुदाय के एक लोकप्रिय उलेमा के ऊपर FIR दर्ज कर उन्हे जेल भेज दिया गया. इसके बाद जो हज़ारों की संख्या में शिया आबादी सड़कों पर उतर आई. लोगों ने भारत की तरफ़ जाने वाले कारगिल हाइवे को खोलने की मांग शुरू कर दी.

पाकिस्तान से नाराज़गी की दूसरी वजह ग़रीबी, बेरोज़गारी और भुखमरी है. पाकिस्तान में चाहे किसी भी सरकार रही हो. POK और गिलगिट-बालटिस्तान के लोगों के साथ हमेशा सौतेला बर्ताव हुआ है. जबकि भारत ने जम्मू कश्मीर के विकास के लिए कभी कोई कसर नहीं छोड़ी, इसीलिए आज POK के लोग समझ चुके हैं कि उनके साथ धोखा हुआ है.

इस विद्रोह को कुचलने के लिए पाकिस्तान ने वहां सेना और पैरामिलिट्री फोर्सेज़ उतार दी हैं. लेकिन जिस तरह के हालात हैं, उसे देखते हुए तो यही लग रहा है कि अब फिलहाल वहां मामला आउट ऑफ कंट्रोल है. और केंद्रीय मंत्री वी.के. सिंह भी इसी तरफ़ इशारा कर रहे हैं.

केंद्रीय मंत्री वी.के. सिंह ने कहा कि PoK के हालात इतने ख़राब हैं कि आज वहां के लोग ख़ुद पाकिस्तान को छोड़कर भारत आना चाहते हैं. वैसे तो उनके बयान में कुछ भी नया नहीं है, क्योंकि PoK भारत का अभिन्न हिस्सा है और भारत की संसद में इसे लेकर प्रस्ताव भी पारित हो चुका है. ये प्रस्ताव 22 फरवरी वर्ष उन्नीस सौ चौरानवे को संसद के दोनों सदनों में सर्वसम्मति से पास हुआ था और इस प्रस्ताव में कहा गया था कि PoK भारत का अटूट अंग है. और पाकिस्तान को PoK से अपना अवैध क़ब्ज़ा खाली करना ही होगा. लेकिन जब केंद्रीय मंत्री वी.के. सिंह ने ये यही बात दोहराई तो इस पर सियासत भी शुरू हो गई.

केंद्रीय मंत्री वी.के. सिंह के इस बयान पर भले ही सियासत हो रही हो. लेकिन सच्चाई यही है कि आज पाकिस्तान की जनता ही नहीं वहां के नेता और वहां की मीडिया भी मानती है कि अब भारत और पाकिस्तान के बीच कोई तुलना नहीं बची. क्योंकि भारत अब उनसे मीलों आगे निकल चुका है, और जियो Politics में आज उसकी एक अलग जगह है, जबकि पाकिस्तान आज भी बुनियादी चीज़ों के लिए ही जूझ रहा है.

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