China Space Station: इस साल स्पेस में हो जाएगी चीन की 'बादशाहत'! खास मिशन को पूरा कर 6 महीने बाद धरती पर लौटे 3 चीनी
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China Space Station: इस साल स्पेस में हो जाएगी चीन की 'बादशाहत'! खास मिशन को पूरा कर 6 महीने बाद धरती पर लौटे 3 चीनी

China in Space: 5 जून को ‘शेनझोउ-14’ यान चेन दोंग, लियू यांग और काइ शूझे को लेकर अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचा था. वहां तीनों 183 दिनों तक रहे और कई रिसर्च किए. 29 नवंबर को ‘शेनझोउ-15’ के जरिये तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को उनकी जगह लेने के लिए चीनी स्पेस स्टेशन पर भेजा गया.

अंतरिक्ष पर 6 महीने बिता कर लौटे हैं तीनों चीनी

3 Chinese Astronauts Return Safely From China Space Station: चीन का अंतरिक्ष यान ‘शेनझोउ-14’ रविवार को देश के तीन अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर आंतरिक मंगोलिया स्वायत्त क्षेत्र स्थित डोंगफेंग लैंडिंग साइट पर सुरक्षित रूप से उतर गया. ये तीनों अंतरिक्ष यात्री छह महीने तक चीन के अंतरिक्ष स्टेशन में रुके थे. इससे पहले, 5 जून को ‘शेनझोउ-14’ यान चेन दोंग, लियू यांग और काइ शूझे को लेकर अंतरिक्ष स्टेशन पहुंचा था. वहां तीनों 183 दिनों तक अंतरिक्ष स्टेशन परिसर में रहे और कई रिसर्च किए. 29 नवंबर को ‘शेनझोउ-15’ के जरिये तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को उनकी जगह लेने के लिए चीनी स्पेस स्टेशन पर भेजा गया था.

लौटने से पहले तीनों ने अंतरिक्ष पर किए कई रिसर्च 

चाइना मैन्ड स्पेस एजेंसी (सीएमएसए) ने कहा कि धरती पर लौटने से पहले तीनों अंतरिक्ष यात्रियों ने पृथ्वी पर मौजूद विज्ञान एवं तकनीकी स्टाफ के सहयोग से ‘शेनझोउ-15’ के सदस्यों के साथ कक्षा में दल परिवर्तन करने, अंतरिक्ष स्टेशन परिसर की स्थिति निर्धारित करने, वैज्ञानिक प्रयोग से जुड़े डेटा को छांटने और डाउनलोड करने व कक्षा में मौजूद सामान को स्थानांतरित करने जैसे महत्वपूर्ण काम पूरे किए.

इस साल के अंत तक काम पूरा करने का लक्ष्य

चेन दोंग, लियू यांग और काइ शूझे ये तीनों इसी साल जून में तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन के लिए रवाना हुए थे. छह महीने की अवधि में इन तीनों ने अंतरिक्ष में कई वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम दिया. चीन साल 2022 के अंत तक इस अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण पूरा कर लेना चाहता है.

अमेरिका से यहां भी चीन की प्रतिस्पर्धा

बता दें कि चीन और अमेरिका के बीच सबसे ताकतवर बनने की होड़ सिर्फ सेना और मॉडर्न हथियारों तक ही सीमित नहीं है. ये दोनों देश एक दूसरे से अंतरिक्ष में भी प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं. चीन ने 2022 के अंत तक अपने अंतरिक्ष स्टेशन के काम को पूरा करने का टारगेट रखा है. अगर यह स्टेशन पूरा हो जाता है तो चीन अंतरिक्ष स्टेशन रखने वाला दुनिया का इकलौता देश होगा. रूस का अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) कई देशों की एक सहयोगी परियोजना है. चीन अंतरिक्ष स्टेशन (सीएसएस) के रूस द्वारा निर्मित आईएसएस के लिए एक प्रतियोगी होने की भी उम्मीद है.

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