सीरिया में इस सड़क का नाम पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री के नाम पर रखा गया, क्या हो सकती है वजह?
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सीरिया में इस सड़क का नाम पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री के नाम पर रखा गया, क्या हो सकती है वजह?

Syria Former Indian PM: भारत और सीरिया के रिश्ते भी प्रमुख राजनयिक आदान-प्रदान से प्रभावित रहे हैं. 1957 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने सीरिया का दौरा किया, जहां दमिश्क में एक प्रमुख सड़क का नाम उनके नाम पर रखा गया था, जो दोनों देशों के बीच संबंधों का प्रतीक बन गया.

सीरिया में इस सड़क का नाम पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री के नाम पर रखा गया, क्या हो सकती है वजह?

Syria Road Name: भारत ने सोमवार को सीरिया में हो रहे ताजा घटनाक्रम को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की है. जहां इस्लामिक विद्रोहियों ने राष्ट्रपति बशर अल-असद के शासन का अंत करते हुए देश पर कब्जा कर लिया है. विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि भारत स्थिति की करीबी निगरानी कर रहा है और शांति, समावेशी और सीरिया द्वारा संचालित राजनीतिक प्रक्रिया का समर्थन करता है, जो सीरिया के सभी वर्गों के हितों का सम्मान करती हो.

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भारत और सीरिया के मजबूत संबंध

भारत और सीरिया के बीच ऐतिहासिक रूप से मजबूत संबंध रहे हैं. नई दिल्ली ने हमेशा अंतरराष्ट्रीय मामलों में दमिश्क का समर्थन किया है. इसके बदले में, सीरिया ने कश्मीर संघर्ष जैसे संवेदनशील मुद्दों पर भारत का समर्थन किया है, और इसे भारत का आंतरिक मामला मानते हुए पाकिस्तान का विरोध किया है. यह समर्थन खासकर महत्वपूर्ण है, क्योंकि कुछ इस्लामिक देशों ने पाकिस्तान का पक्ष लिया है.

राजनयिक संबंधों का इतिहास

भारत और सीरिया के रिश्ते भी प्रमुख राजनयिक आदान-प्रदान से प्रभावित रहे हैं. 1957 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने सीरिया का दौरा किया, जहां दमिश्क में एक प्रमुख सड़क का नाम उनके नाम पर रखा गया था, जो दोनों देशों के बीच संबंधों का प्रतीक बन गया. इसके बाद उच्चस्तरीय यात्रा और अधिक मजबूत हुईं. साल 2000 में दिवंगत केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने सीरिया का दौरा किया और उसी साल पूर्व मंत्री मुरली मनोहर जोशी ने सीरिया के राष्ट्रपति हाफेज अल-असद के अंतिम संस्कार में भारत का प्रतिनिधित्व किया.

2002 में सीरिया के उपप्रधानमंत्री फारूक अल-शारा ने भारत का दौरा किया, इसके बाद प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 15 साल बाद सीरिया का दौरा किया. राष्ट्रपति बशर अल-असद ने 2008 में यूपीए सरकार के दौरान भारत का दौरा किया था.

भारत का ध्यान क्षेत्रीय शांति पर

सीरिया में बढ़ती हुई स्थिति के बीच, भारत का ध्यान क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनाए रखने पर केंद्रित है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत शांति की प्रक्रिया का समर्थन करता है, जिसमें सीरिया की सम्पूर्ण जनता के हितों का सम्मान किया जाए. भारत ने हमेशा सीरिया में सभी समूहों के समान अधिकारों को सुनिश्चित करने का समर्थन किया है और इस मुद्दे पर शांति और स्थिरता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है.

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