इतिहास में कई ऐसे अजीबोगरीब नियम और कानून थे, जो आज के समय में लागू होते तो लोगों के लिए जीना मुश्किल हो जाता. आइए, जानते हैं ऐसे ही 10 अजीबोगरीब नियमों के बारे में.
पुराने समय में जापान, चीन और प्राचीन रोम जैसे देशों में एक अजीब नियम था कि आम लोग राजा की आंखों में आंख डालकर नहीं देख सकते थे. यह नियम शाही सम्मान और शक्ति को बनाए रखने के लिए था. जापान में, समुराई काल के दौरान लोग राजा या शासक के सामने सिर झुकाकर चलते थे, ताकि उनकी शक्ति को चुनौती न मिले. इसी तरह चीन में सम्राट को देवता जैसा माना जाता था, और लोग उसकी आंखों में आंख डालने की हिम्मत नहीं करते थे. हालांकि, यह नियम हमेशा एक जैसा नहीं रहता था. जैसे, प्राचीन रोम में जब कोई राजा युद्ध जीतकर शहर में प्रवेश करता था, तो लोगों को उसकी ओर देखना और सम्मान देना जरूरी था. इस तरह के नियम उस समय की तानाशाही और सत्ता के प्रतीक थे, जो धीरे-धीरे बदलते गए.
पुराने समय में बच्चों के साथ व्यवहार को लेकर कुछ अजीबोगरीब नियम थे. ऑडी वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, उन दिनों यह माना जाता था कि बच्चों को रोते हुए चुप कराना या उन्हें प्यार करना गलत है. यह विश्वास था कि अगर बच्चों को गले लगाया या चूमा गया, तो वे कमजोर हो जाएंगे. उन्हें बिना किसी शारीरिक स्नेह के पालन-पोषण करना जरूरी समझा जाता था, ताकि वे आत्मनिर्भर और मजबूत बनें.
प्राचीन रोम में एक अजीबोगरीब नियम था, जिसके अनुसार अगर किसी महिला का पति मर जाता, तो उसे उसकी मृत पति के रिश्तेदारों से शादी करनी पड़ती थी. इसे "लेविरेट मैरेज" कहते थे. यह नियम महिलाओं की स्वतंत्रता को बहुत सीमित करता था. अगर यह नियम आज भी लागू होता, तो समाज में बहुत असहमति और तनाव पैदा होता.
18वीं सदी के यूरोप में अगर आपको डिनर पर बुलाया जाता था, तो आपको अपने चम्मच और कांटे ले जाने पड़ते थे. लोग अपनी हैसियत के हिसाब से सोने-चांदी के बर्तन लाते थे.
विक्टोरियन काल में महिलाओं को डिनर पार्टी में 1 ग्लास शैंपेन से ज्यादा नहीं पीने दिया जाता था. ज्यादा पीने पर उन्हें अशिष्ट माना जाता था.
ब्रिटेन में एक अजीब नियम था, जिसके तहत किसी भी सामान्य नागरिक को रानी के कपड़े पहनने की अनुमति नहीं थी. इसे "स्मॉल टाइटल्स" कानून कहा जाता था. अगर यह नियम आज भी लागू होता, तो फैशन उद्योग में क्रांति आना मुश्किल होता, और लोगों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर गंभीर असर पड़ता.
मध्य काल के यूरोप में खाने के वक्त टेबल क्लॉथ पर हाथ पोछना आम बात थी. उस समय पर्सनल नैपकिन नहीं होते थे.
1894 के आस-पास छतरी इंसान के व्यक्तित्व का प्रतीक मानी जाती थी. सिल्क की छतरी इस्तेमाल करने वालों को पाखंडी माना जाता था.
आजकल हम जब किसी दोस्त या यार से मिलते हैं तो अक्सर घंटों एक जगह खड़े होकर बात करते रहते हैं, लेकिन विक्टोरियन युग में ऐसा करना बुरा माना जाता था. उस समय के समाज में सड़क पर किसी से लंबी बात करना या खड़े होकर गप्पें मारना ठीक नहीं समझा जाता था. अगर कोई शख़्स सड़क पर अपने दोस्त से मिलता, तो वे सिर्फ हाल-चाल लेकर जल्दी से आगे बढ़ जाते थे, क्योंकि यह सार्वजनिक जगह पर समय बिताने के लिए गलत माना जाता था.
साल 1940 के दशक में फोन पर बात करते समय मुस्कुराना जरूरी था. यह नियम था जिसका उल्लंघन कोई नहीं कर सकता था.
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