स्कूल के बाथरूम से हटा दिए गए शीशे, ताकि स्टूडेंट बना न सके रील्स-टिकटॉक Video
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स्कूल के बाथरूम से हटा दिए गए शीशे, ताकि स्टूडेंट बना न सके रील्स-टिकटॉक Video

Trending: बाथरूम के शीशे हटाने के अलावा स्कूल ने और भी काम किए हैं. अब क्लास से बाहर जाने के लिए बच्चों को कार्ड की ज़रूरत होगी. ये एक तरह का पास है जिसे स्मार्ट पास कहते हैं. इस कार्ड से पता चल जाएगा कि कौन कब क्लास छोड़कर बाहर गया है.

 

स्कूल के बाथरूम से हटा दिए गए शीशे, ताकि स्टूडेंट बना न सके रील्स-टिकटॉक Video

Tiktok Video In School: अमेरिका के नॉर्थ कैरोलिना में एक स्कूल साउदर्न अलमांस मिडिल स्कूल को बाथरूम के शीशे ही हटाने पड़ गए. डेली मेल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बच्चे रोज़ाना 7-8 बार क्लास छोड़कर बाथरूम में जाकर TikTok वीडियो बना रहे थे. स्कूल ने आखिरकार हार मान ली और शीशे ही उखाड़ दिए, ताकि उनका ध्यान भटके न. स्कूल के अधिकारी लेस एटकिन्स ने बताया, "बच्चे तो सिर्फ बाथरूम नहीं जा रहे थे, वो वहां घंटों बैठकर वीडियो बना रहे थे." अब जब शीशे ही नहीं हैं, तो वीडियो बनाने का मज़ा भी नहीं रहा और बच्चे कम बाथरूम जाने लगे हैं. 

स्कूल के बाथरूम से हटाए शीशे

बाथरूम के शीशे हटाने के अलावा स्कूल ने और भी काम किए हैं. अब क्लास से बाहर जाने के लिए बच्चों को कार्ड की ज़रूरत होगी. ये एक तरह का पास है जिसे स्मार्ट पास कहते हैं. इस कार्ड से पता चल जाएगा कि कौन कब क्लास छोड़कर बाहर गया है. इससे टीचर्स को भी ध्यान रखना आसान होगा. स्कूल का कहना है कि ये सब कोशिशें इसलिए की जा रही हैं, ताकि बच्चों का ध्यान भटके नहीं और वो पढ़ाई पर ज़्यादा फोकस कर सकें. इस तरह स्कूल का माहौल और भी अच्छा बन जाएगा. बाथरूम के शीशे हटाने और स्मार्ट पास लाने के स्कूल के इस फैसले पर सबकी अलग-अलग राय है. कई पैरेंट्स तो स्कूल का समर्थन कर रहे हैं. उनका कहना है कि ये कदम बिल्कुल सही है, इससे मिडिल स्कूल के बच्चों का ध्यान पढ़ाई पर ज़्यादा लगेगा.

लोगों ने दिए कुछ ऐसे प्रतिक्रियाएं

एक मां ने सवाल पूछा कि क्या वो अकेली हैं जो अपने 12 साल के बेटे को स्मार्टफोन नहीं लेने देतीं? उन्होंने कहा कि उनके बेटे के पास तो सिर्फ एक नोकिया फोन है, जिससे बहुत समस्याएं बच गई हैं. उनके मुताबिक, आखिर स्कूल में क्या ज़रूरत है फोन की, सिर्फ ज़रूरत पड़ने पर बात करने के लिए तो ये नोकिया ही काफी है. एक और पैरेंट ने कहा कि मिडिल स्कूल के बच्चों को तो स्कूल में फोन की ज़रूरत ही नहीं है. ये सिर्फ एक बड़ा डिस्‍ट्रैक्शन है. कुछ लोगों का कहना है कि बच्चे जब स्कूल से वापस आएं, तब उन्हें फोन इनाम या प्रिवलेज के तौर पर मिलना चाहिए.

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