Super Baby: तीन लोगों के DNA से पैदा हुआ दुनिया का पहला बच्चा! कभी नहीं होगी जेनेटिक बीमारी..ये खूबियां भी होंगी
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Super Baby: तीन लोगों के DNA से पैदा हुआ दुनिया का पहला बच्चा! कभी नहीं होगी जेनेटिक बीमारी..ये खूबियां भी होंगी

Amazing Baby: इस बच्चे को माइटोकॉन्ड्रियल बीमारी भी नहीं होगी. इस बच्चे को सुपर बेबी कहा जा रहा है. खास बात यह है कि इस बच्चे में सिर्फ माता-पिता का डीएनए नहीं है. बल्कि एक और इंसान का डीएनए भी शामिल किया गया है.

Super Baby: तीन लोगों के DNA से पैदा हुआ दुनिया का पहला बच्चा! कभी नहीं होगी जेनेटिक बीमारी..ये खूबियां भी होंगी

Three People DNA: मेडिकल साइंस ने एक और कमाल कर दिखाया है. दुनिया के ऐसे पहले बच्चे ने जन्म ले लिया है, जिसके जींस में तीन लोगों का डीएनए शामिल किया गया है. इस बच्चे की खास बात यह होगी कि इसे कोई भी जेनेटिक रोग नहीं होगा. इसके अलावा भी इस बच्चे में कई खासियत होगी. आईवीएफ तकनीक से पैदा हुए इस बच्चे में 99.8 प्रतिशत डीएनए माता-पिता से आया है और एक बाकी डीएनए तीसरी महिला से आया है. इस प्रक्रिया में ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है जिससे माइटोकॉन्ड्रियल बीमारियों को रोका जा सकता है. 

तकनीक की मदद से पैदा 

दरअसल, ब्रिटिश मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बच्‍चे का जन्‍म ब्रिटेन के उत्तर-पूर्व में न्यूकैसल के क्लिनिक में हुआ है. हालांकि डॉक्टरों ने एमडीटी कार्यक्रम से जन्म का अतिरिक्त विवरण जारी नहीं किया है. लेकिन कई रिपोर्ट्स में कुछ बातें जरूर लिखी गई हैं. जानकारी के मुताबिक माइटोकॉन्ड्रियल बीमारी होने से रोकने के लिए एक हेल्दी फीमेल डोनर के अंडों के स्कीन की मदद से एम्ब्रियो को तैयार किया जाता है, जो हानिकारक बीमारी को पैदा होने के लक्षण को शुरू में ही कम कर देता है. इसके बाद जो बच्चा इस तकनीक की मदद से पैदा होता है, वो बीमारी मुक्त पैदा होता है. 

जेनेटिक बीमारी नहीं होगी, जिसका इलाज नहीं 

इस बच्चे के जन्म में भी इसी का यूज किया गया है. इस बच्चे को पैदा करने के लिए तीन लोगों के डीएनए का इस्तेमाल किया गया. इस डीएनए की खूबी को बरकरार रखने के लिए आईवीएफ तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. यह भी दावा किया गया है कि इस बच्चे को किसी भी तरह की ऐसी जेनेटिक बीमारी नहीं होगी, जिसका इलाज न किया जा सके. 

माता-पिता की जानकारी गोपनीय

एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक फर्टिलिटी रेगुलेटर ने पुष्टि की है कि ब्रिटेन में पहली बार तीन लोगों के DNA का इस्तेमाल कर एक बच्चे का जन्म हुआ है. यह माइटोकॉन्ड्रियल रोग से बचाने के लिए है. यह भी बताया गया कि इस प्रक्रिया से पैदा होने वाले बच्चों और माता-पिता की जानकारी को गोपनीय रखा जाता है. उनके बारे में किसी को जानकारी नहीं दी जाती है.

हालांकि यह दावा जरूर किया जा रहा है कि यह इस तरह पैदा होने वाला दुनिया का पहला बच्चा है लेकिन दूसरी तरफ कुछ रिपोर्ट्स में बताया गया कि एमडीटी से बच्चे पैदा करने वाला यूके पहला देश नहीं है. इस तकनीक के माध्यम से पैदा हुआ पहला बच्चा 2016 में अमेरिका में इलाज करा रहे जॉर्डन के एक परिवार में पैदा हुआ था. लेकिन उस बात की पुष्टि कई रिपोर्ट्स में नहीं है. फिर भी हम ना इस वाले बच्चे को इस तरह का पहला बेबी कह रहे हैं और ना ही अमेरिका वाले मामले को पहला कह रहे हैं.

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