Electricity Rate: बिजली मंत्रालय ने एक कार्यालय आदेश में यह भी कहा कि केंद्रीय पूल से बिजली उन राज्यों को आवंटित नहीं की जाएगी, जिनके पास नियामक संपत्ति है. नियामक संपत्ति तब अस्तित्व में आती है, जब बिजली नियामक यह स्वीकार करते हैं कि बिजली उपभोक्ताओं पर लगाए गए शुल्क, वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) की बिजली खरीद लागत को पूरा नहीं करते हैं.
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Electricity Price: बिजली की जरूरत आज के दौर में हर किसी को है. बिना बिजली के रहने की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. वहीं अब सरकार ने बिजली को लेकर बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने केंद्रीय पूल से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को बिजली आवंटन के मानदंड तय किए हैं. इसके तहत केंद्रीय पूल से उन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को बिजली आवंटित नहीं की जाएगी जो स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं पर कर लगाएंगे, राज्यों के बीच प्रवाह को बाधित करेंगे और जिन्होंने बिजली शुल्क पर सब्सिडी बकाया नहीं चुकाया है. इसको लेकर बिजली मंत्रालय की ओर से आदेश भी जारी किया गया है.
बिजली
बिजली मंत्रालय ने एक कार्यालय आदेश में यह भी कहा कि केंद्रीय पूल से बिजली उन राज्यों को आवंटित नहीं की जाएगी, जिनके पास नियामक संपत्ति है. नियामक संपत्ति तब अस्तित्व में आती है, जब बिजली नियामक यह स्वीकार करते हैं कि बिजली उपभोक्ताओं पर लगाए गए शुल्क, वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) की बिजली खरीद लागत को पूरा नहीं करते हैं.
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बिजली का आवंटन
मंत्रालय ने 31 मार्च, 2023 के आदेश में कहा कि केंद्रीय उत्पादन केंद्रों के आवंटित कोटे से बिजली के आवंटन के लिए जब भी किसी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश से अनुरोध मिलेगा, तो इन पहलुओं की जांच की जाएगी. आदेश में कहा गया कि गैर-आवंटित कोटे के लिए ऐसे राज्यों को प्राथमिकता दी जाएगी, जो वित्तीय अनुशासन का पालन करते हैं और दूसरे राज्यों को बिजली के प्रवाह पर शुल्क लगाने से बचते हैं.
बिजली की दर
बता दें कि हर राज्य में बिजली के लिए वसूल किया जाने वाला चार्ज अलग-अलग है. कहीं पर बिजली लोगों को सस्ते दामों में मुहैया हो जाती है तो कहीं पर बिजली महंगी रहती है. ऐसे में हर राज्य में बिजली के दाम अलग-अलग हो जाते हैं.
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