कैपिटल गेन के नए रूल्स 1 अप्रैल से होंगे लागू, जानें Capital Gain Tax में क्या हुए हैं बदलाव
Advertisement
trendingNow11624842

कैपिटल गेन के नए रूल्स 1 अप्रैल से होंगे लागू, जानें Capital Gain Tax में क्या हुए हैं बदलाव

Capital Gain: जब भी हम अपनी प्रॉपर्टी को बेचकर उस पर मुनाफा कमाते हैं तो उन मुनाफे पर लगने वाले टैक्‍स को कैपिटल गेन्‍स टैक्‍स कहते हैं. इनसे निपटते समय किसी भी परेशानी से बचने के लिए इस बारे में आपको पता होना बहुत जरूरी है. 

कैपिटल गेन के नए रूल्स 1 अप्रैल से होंगे लागू, जानें Capital Gain Tax में क्या हुए हैं बदलाव

New Capital Gains Tax Rules: भारत में पर्सनल फाइनेंस के लिहाज से 1 अप्रैल बहुत ही महत्वपूर्ण तारीख मानी जाती है. हर साल 1 अप्रैल से देश में फाइनेंशियल ईयर की शुरुआत होती है. ऐसे में नया फाइनेंशियल ईयर शुरू होने में अब कुछ ही दिनों का समय रह गया है. यह तारीख महत्वपूर्ण इसलिए हैं, क्योंकि अधिकतर बजट प्रस्ताव इसी दिन से लागू होते हैं. हर साल आम बजट में देश के लोगों के लिए कई घोषणाएं की जाती हैं.

इस साल यानी कि 2023 में भी आम जनता से जुड़े कई बदलावों की घोषणा हुई. इन्हीं में से एक कैपिटल गेन स्ट्रक्चर (Capital Gain Structure) भी है. ज्यादातर लोगों को कैपिटल गेन टैक्स का मतलब ही नहीं पता होता. यहां जानें कि 1 अप्रैल 2023 से लागू होने वाले कैपिटल गेन टैक्स में क्या बदलाव हुए हैं....

क्या है कैपिटल गेन टैक्स? 
सबसे पहले जान लें कि कैपिटल गेन टैक्स का मतलब क्या होता है. दरअसल, जब भी आप अपनी कैपिटल एसेट्स जैसे कि जमीन, मकान, सोना, शेयर, बॉन्‍ड्स आदि को बेचने पर मिलने वाला मुनाफा कैपिटल गेन कहलाता है. इस पर जो टैक्स लगेगा उसे कैपिटल गेन टैक्स कहते हैं. 

ये हुए हैं कैपिटल गेन टैक्स में बदलाव
गोल्ड के लिए ये होगा Rule

अब फिजिकल को डिजिटल गोल्ड में या डिजिटल को फिजिकल गोल्ड में बदलना ट्रांसफर नहीं माना जाएगा और इस पर कोई कैपिटल गेन नहीं मिलेगा. डिजिटल गोल्ड को डिपॉजिटरी गोल्ड रसीद के तौर पर परिभाषित करके स्टॉक एक्सचेंजों पर व्यवसाय करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं. यह शेयर्स के समान है और इसे भी डीमैट अकाउंट में रखा जाता है.

हाउसिंग प्रॉपर्टी बिक्री नियम
अब सरकार इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 54 और 54F के तहत हाउसिंग संपत्ति की बिक्री से पूंजीगत लाभ के रिइन्वेस्टमेंट पर 10 करोड़ रुपये की लिमिट लगाएगी. धारा 54 टैक्सपेयर को आवासीय घर बेचने और उस आय से दूसरा घर खरीदने पर लाभ का दावा करने देता है. वहीं, धारा 54F प्रॉपर्टी और अन्य कैपिटल एसेट की बिक्री से होने वाले लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स की पेशकश करती है.

मार्केट डिबेंचर पर मिलेगा ज्यादा प्रॉफिट
मार्केट से जुड़े डिबेंचर के ट्रांसफर, रिडेम्पशन या मैच्योरिटी से हासिल पूंजीगत मुनाफे को 1 अप्रैल 2023 से प्रभावी स्लैब दरों पर शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन और टैक्स योग्य माना जाएगा. पहले इन प्रॉफिट्स को इक्विटी इन नेचर होने का दावा किया था. इन पर इंस्ट्रूमेंट की होल्डिंग पीरियड के अनुसार टैक्स लगता था. बता दें कि मार्केट से जुड़े डिबेंचर नॉन-कनवर्टिबल होते हैं, जहां रिटर्न निर्धारित नहीं होते हैं.

Trending news