केले के छिलके पर फिसलना एक साधारण घटना लग सकती है, लेकिन इसके पीछे का विज्ञान बेहद रोचक है. ये हमें सिखाता है कि छोटी-छोटी चीजें भी हमारी जिंदगी में बड़ा असर डाल सकती हैं. सावधानी बरतें और सुरक्षित रहें.
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Why Your Foot Slip on Banana Peel: हम सभी ने फिल्मों और कॉमेडी शो में केले के छिलके पर फिसलने के फनी सीन्स देखे हैं. हालांकि, ये मजाकिया लगता है, लेकिन असल में ऐसी घटना खतरनाक हो सकती है. सवाल ये है कि ऐसा क्यों होता है? केले के छिलके पर पैर फिसलने के पीछे का जो साइंस है उसे आसानी से समझा जा सकता है, जिसके बाद आपके मन में दोबारा ये सवाल नहीं आएगा.
केले पर पैर फिसलने की वजह
1. केले के छिलके की संरचना
केले के छिलके की सतह पर एक चिकना और फिसलन भरा पदार्थ होता है जिसे 'पॉलीसैकराइड' (Polysaccharide) कहते हैं. ये सब्सटांस छिलके को चिकनाई और लचीलापन प्रोवाइड करता है. जब ये छिलका किसी सतह पर रखा जाता है, तो ये घर्षण (फ्रिक्शन) को कम कर देता है. इसी वजह से, जब कोई इंसानन इस पर कदम रखता है, तो पैर सतह पर टिक नहीं पाता और फिसल जाता है.
2. फ्रिक्शन का रोल
पैरों और जमीन के बीच पर्याप्त फ्रिक्शन होने से हम चलते हैं. केले का छिलका इस घर्षण को डिस्टर्ब कर देता है. ये छिलका पैर और जमीन के बीच एक चिकनी परत बना देता है, जिससे आपका संतुलन बिगड़ जाता है और आप फिसल जाते हैं.
3. रिसर्च में भी हुआ साबित
2001 में जापान के वैज्ञानिकों ने इस विषय पर गहराई से अध्ययन किया.उन्होंने पाया कि केले के छिलके का घर्षण गुणांक (कोएफिशिएंट ऑफ फ्रिक्शन) बहुत कम होता है. इसे दुनिया के सबसे फिसलन भरे पदार्थों में गिना जा सकता है. यही कारण है कि केले का छिलका पैर को स्थिरता नहीं दे पाता.
4. सतह के हिसाब से करता है असर
अगर केले का छिलका चिकनी सतह पर हो, जैसे टाइल्स या मार्बल, तो फिसलने की आशंका अधिर होती है। वहीं, अगर सतह खुरदरी हो, जैसे कंक्रीट या डामर, तो छिलका उतना फिसलन भरा महसूस नहीं होता.
फिसलने से बचने के उपाय
1. केले का छिलका कभी भी सड़क, फर्श या दूसरे पब्लिक प्लेसेज पर न फेंकें.
2. छिलके को डस्टबिन में ही डालें.
3. आप इस बात को लेकर सतर्क रहें कि पैर कहां रख रहे हैं.