जब प्रेम था, तो कृष्‍ण ने राधा से शादी क्‍यों नहीं की?
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जब प्रेम था, तो कृष्‍ण ने राधा से शादी क्‍यों नहीं की?

राधा और कृष्‍ण की प्रेम कहानी की आज भी लोग म‍िसाल देते हैं और आगे भी देते रहेंगे. दोनों को जब एक दूसरे से इतना प्रेम था, तो कृष्‍ण ने राधा से शादी क्‍यों नहीं की? आइये जानते हैं. 

जब प्रेम था, तो कृष्‍ण ने राधा से शादी क्‍यों नहीं की?

भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्री कृष्ण हिंदू धर्म के सबसे प्रिय देवताओं में से एक हैं. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, पृथ्वी पर श्री कृष्ण का जन्म राक्षस राजा और उनके मामा कंस के शासन को समाप्त करने के लिए हुआ था. श्री कृष्ण के जन्‍म की कहानी भी अनूठी है. उन्‍हें देवकी और वासुदेव ने जन्‍म द‍िया, लेक‍िन उनका पालन पोषण यशोदा और नंद ने किया. यशोदा और नंद के पास रहते हुए कृष्‍ण और राधा की मुलाकात बचपन में ही हो गई थी. बड़े होते-होते दोनों की दोस्‍ती प्‍यार में बदल गई. उन दोनों का प्‍यार कुछ ऐसा था क‍ि आज भी लोग कृष्‍ण नाम के आगे राधा लगाते हैं. 

लेकिन ज‍िस प्रेम की म‍िसाल आज पूरी दुन‍िया देती है, उन दोनों ने इतने प्रेम के बावजूद शादी क्‍यों नहीं की. इसके पीछे कई कहान‍ियां हैं. आइये कुछ के बारे में जानते हैं.  यह भी पढ़ें : Janmashtami Wishes: 'जय कन्हैया लाल की, मदन गोपाल की...' मैसेज में भेजें जन्माष्टमी की ये खास शुभकामनाएं

श्री कृष्ण के प्रति राधा का प्रेम दिव्य है

हालांकि राधा और कृष्ण के एक-दूसरे से बहुत प्यार करने को लेकर कई कहानियां हैं, लेकिन ऐसा कहा जाता है कि उनका प्रेम सामान्य शारीरिक अर्थ में नहीं था. ऐसा कहा जाता है कि राधा को पहले से ही पता था कि कृष्ण कोई आम इंसान नहीं हैं और इसलिए उनके लिए उनका प्रेम दिव्य था, जैसा क‍ि भगवान के प्रति एक भक्त का प्रेम होता है. इस्कॉन की वेबसाइट पर कहा गया है क‍ि भगवान कृष्ण और राधा के बीच प्रेम का बंधन शारीरिक नहीं था, बल्कि यह भक्ति का एक आध्यात्मिक और शुद्ध रूप था. इसलिए, ऐसा कहा जाता है कि भगवान कृष्ण और राधा दिव्य सिद्धांत की दो अलग-अलग अभिव्यक्तियां हैं.  

राधा कृष्ण का प्रेम विवाह के बंधन से परे था
एक और अवधारणा यह है कि राधा कृष्ण का एक दूसरे के प्रति प्रेम इतना गहरा था कि यह विवाह के विचार या बंधन से परे था. उनका प्रेम शुद्ध और निस्वार्थ था और इसलिए उन्होंने एक दूसरे से विवाह न करने का फैसला किया. इसे स्पष्ट करते हुए, इस्कॉन की वेबसाइट पर लिखा है क‍ि यह साबित करने के लिए कि प्रेम और विवाह दोनों एक दूसरे से पूरी तरह से अलग हैं, भगवान कृष्ण और राधा ने एक दूसरे से विवाह न करने का फैसला किया. यह साबित करने के लिए कि प्रेम शारीरिक होने से कहीं अधिक शुद्ध और निस्वार्थ भावना है, दोनों ने एक दूसरे से विवाह न करके प्रेम की सर्वोच्च भक्ति व्यक्त की. यह भी पढ़ें  : Janmashtami Prasad: कान्हा को भोग लगाने के लिए घर पर तैयार करें सफेद माखन, फॉलो करें ये आसान तरीका

बड़ी थीं राधा 
एक धारणा ये भी है क‍ि राधा, श्री कृष्‍ण से 11 महीने बड़ी थीं. इसल‍िए उन दोनों की शादी नहीं हो पाई. वहीं कुछ कहान‍ियों में ये सुनने को म‍िलता है क‍ि दोनों का पर‍िवेश अलग होने के कारण समाज ने उन्‍हें शादी करने की अनुमति नहीं दी. 

राधा ने क‍िया इनकार 
एक कहानी ये भी कहा जाता है क‍ि श्री कृष्‍ण ने राधा से शादी के ल‍िए पूछा था लेकिन राधा ने मना कर द‍िया था. क्‍योंक‍ि वह महलों में नहीं रहना चाहती थीं. राधा एक ग्‍वाला की बेटी थीं और इसल‍िए उन्‍होंने कृष्‍ण के साथ महल में रहने से मना कर द‍िया. 

राधा और कृष्‍ण दोनों एक ही थे
एक और मान्यता है कि राधा और कृष्ण दो अलग-अलग व्यक्ति नहीं, बल्कि एक ही आत्मा थे. वे एक-दूसरे में रहते थे, इसलिए वे विवाह कैसे कर सकते थे? इसके अलावा, एक और मान्यता है जिसके अनुसार भगवान कृष्ण और राधा एक-दूसरे को एक ही आत्मा मानते थे, इसलिए उन्होंने बताया कि वे अपनी आत्मा से कैसे विवाह कर सकते हैं. 

 

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