आजकल बच्चों में बढ़ता मोटापा न केवल शारीरिक समस्याएं पैदा कर रहा है, बल्कि उनके दिल की सेहत को भी गंभीर खतरे में डाल रहा है. शोध बताते हैं कि मोटापे से ग्रस्त बच्चों में दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है.
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आजकल बच्चों में बढ़ता मोटापा न केवल शारीरिक समस्याएं पैदा कर रहा है, बल्कि उनके दिल की सेहत को भी गंभीर खतरे में डाल रहा है. शोध बताते हैं कि मोटापे से ग्रस्त बच्चों में दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है. यह समस्या तेजी से बढ़ रही है और हर माता-पिता के लिए यह समझना जरूरी है कि इसके संकेतों को नजरअंदाज करना उनके बच्चों की सेहत के लिए कितना घातक हो सकता है.
मोटापे के कारण शरीर में फैट की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे नसों में ब्लॉकेज का खतरा बढ़ता है. साथ ही, हाई ब्लड प्रेशर, खराब कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर जैसे फैक्टर भी मोटापे के साथ जुड़े होते हैं. ये सभी फैक्टर दिल की बीमारियों का कारण बन सकते हैं.
माता-पिता को पता होने चाहिए ये चेतावनी संकेत
थकान और सुस्ती: बच्चे खेल-कूद में जल्दी थक जाते हैं या सुस्त रहते हैं.
सांस फूलना: हल्की शारीरिक गतिविधियों के बाद भी बच्चों को सांस लेने में दिक्कत होती है.
अचानक वजन बढ़ना: तेजी से वजन बढ़ना एक चेतावनी हो सकता है.
सीने में दर्द: बच्चे अगर सीने में दर्द की शिकायत करते हैं तो इसे हल्के में न लें.
पसीना आना: सामान्य से अधिक पसीना आना भी दिल की समस्या का संकेत हो सकता है.
बचाव के आसान उपाय
हेल्दी डाइट: बच्चों को जंक फूड से दूर रखें और उनके आहार में फल, सब्जियां और हाई-फाइबर फूड शामिल करें.
शारीरिक गतिविधि: बच्चों को रोजाना कम से कम 1 घंटे के लिए फिजिकल एक्टिविटी करने के लिए प्रेरित करें.
समय पर जांच: नियमित रूप से डॉक्टर से परामर्श लें और उनके वजन व कोलेस्ट्रॉल की जांच कराएं.
स्क्रीन टाइम कम करें: बच्चों के टीवी और मोबाइल देखने के समय को सीमित करें.
माता-पिता की भूमिका
बच्चों में मोटापे को रोकने के लिए माता-पिता को सतर्क रहना होगा. सही लाइफस्टाइल, हेल्दी आदतें और प्यार भरा माहौल बच्चों को फिट और हेल्दी रखने में मदद कर सकता है. बच्चों की सेहत के साथ समझौता न करें क्योंकि आज का बचाव उनके स्वस्थ भविष्य की कुंजी है.