वजन घटाने का नया ट्रेंड बना खतरनाक! इंटरमिटेंट फास्टिंग से बढ़ सकता है दिल की बीमारी का खतरा
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वजन घटाने का नया ट्रेंड बना खतरनाक! इंटरमिटेंट फास्टिंग से बढ़ सकता है दिल की बीमारी का खतरा

वजन घटाने के लिए दुनियभर में फेमस तकनीक इंटरमिटेंट फास्टिंग पर अब सवाल खड़े हो गए हैं. एक नए अध्ययन के अनुसार इंटरमिटेंट फास्टिंग से वजन घटाना सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.

वजन घटाने का नया ट्रेंड बना खतरनाक! इंटरमिटेंट फास्टिंग से बढ़ सकता है दिल की बीमारी का खतरा

वजन घटाने के लिए दुनिया भर में फेमस तकनीक इंटरमिटेंट फास्टिंग (intermittent fasting) पर अब सवाल खड़े हो गए हैं. एक नए अध्ययन के अनुसार इंटरमिटेंट फास्टिंग से वजन घटाना सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. शिकागो में आयोजित एक मेडिकल मीटिंग में पेश किए गए इस शोध के नतीजे चौंकाने वाले हैं. अध्ययन में पाया गया कि दिन में केवल आठ घंटे के भीतर ही भोजन करने से दिल की बीमारी से मौत का खतरा 91% तक बढ़ सकता है.

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन ने जारी किए इस अध्ययन का अभी डीटेल विवरण सामने नहीं आया है. अध्ययन को जारी करने से पहले अन्य विशेषज्ञों द्वारा इसकी समीक्षा की गई थी. हालांकि नई पीढ़ी की दवाइयां तेजी से वजन घटाने में मदद कर रही हैं, लेकिन लाइफस्टाइल में बदलाव लाकर वजन कम करने के तरीकों पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं. कुछ डॉक्टरों ने इस अध्ययन के नतीजों पर सवाल उठाते हुए कहा है कि शोध के दौरान उपवास करने वाले लोगों और अन्य ग्रुप के लोगों के बीच केवल दिल की सेहत में अंतर हो सकता है.

20 हजार लोगों पर विश्लेषण हुआ
शंघाई जिओ टोंग यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के विक्टर झोउंग के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने यूएस डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन केंद्रों के नेशनल हेल्थ एंड न्यूट्रिशन एग्जामिनेशन सर्वे में शामिल लगभग 20,000 लोगों के आंकड़ों का विश्लेषण किया. अध्ययन में 2003 से 2019 तक के मृत्यु के आंकड़ों के साथ प्रश्नावली के जवाबों को देखा गया. चूंकि अध्ययन आंशिक रूप से उन फॉर्म पर निर्भर करता था जिनमें मरीजों को यह याद रखना होता था कि उन्होंने दो दिनों में क्या खाया था, इसलिए वैज्ञानिकों का कहना है कि इसमें संभावित अशुद्धियों की गुंजाइश है. अध्ययन में शामिल लगभग आधे मरीज पुरुष थे और औसत आयु 48 वर्ष थी.

यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि मरीजों ने कितने समय तक इंटरमिटेंट फास्टिंग जारी रखा, हालांकि शोधकर्ताओं का मानना है कि उन्होंने इसे अपनाए रखा. झोउंग ने ई-मेल के जरिए बताया कि इंटरमिटेंट फास्टिंग करने वाले लोगों में युवा पुरुषों, अधिक बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) और खाने की असुरक्षा की समस्या ज्यादा थी. उन्होंने खुद बताई गई जानकारी के आधार पर हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और दिल की बीमारी भी कम पाया गया. झोउंग ने कहा कि हमने विश्लेषण में इन सभी को कंट्रोल किया, लेकिन 8 घंटे के समय-सीमित भोजन और दिल से जुड़ी मृत्यु दर के बीच पॉजिटिव संबंध बना रहा. यह सारांश अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की लाइफस्टाइल साइंटिफिक सेशंस मीटिंग में शिकागो में प्रस्तुत किया गया था.

अभी और अध्ययन की जरूरत
यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड में ह्युमन मेटाबॉलिज्म के एमेरिटस प्रोफेसर कीथ फ्रेन ने यूके साइंस मीडिया सेंटर को एक बयान में बताया कि कैलोरी कम करने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग एक लोकप्रिय तरीका है. यह अध्ययन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दिखाता है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग के लंबे समय तक प्रभावों पर हमें और लंबे समय तक चलने वाले अध्ययन की आवश्यकता है.

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