Bharatpur Royal Family Dispute: भरतपुर के महाराज विश्वेंद्र सिंह अरबों रुपये की संपत्ति के स्वामी हैं. इसके बावजूद वे दर-दर भटकने को मजबूर हैं. अब उन्होंने इंसाफ के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
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Bharatpur Royal Family Property Dispute Updates: भरतपुर के पूर्व राजपरिवार की लड़ाई एक बार फिर खुलकर सामने आ गई है. पूर्व राजपरिवार के सदस्य विश्वेंद्र सिंह ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर अपनी पत्नी और बेटे पर गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कोर्ट में याचिका दाखिल कर पत्नी दिव्या सिंह और बेटे अनिरुद्ध पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. विश्वेंद्र सिंह की याचिका के मुताबिक उनकी पत्नी और बेटे ने उनके साथ मारपीट की. भरपेट खाना भी नहीं मिलने का आरोप लगाया जिससे तंग आकर उन्हें घर छोड़ना पड़ा.
कोर्ट तक पहुंची 'राजपरिवार' में संपत्ति की लड़ाई
उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि उन्हें लोगों से मिलने नहीं दिया जाता, जिससे वे खानाबदोश हो गए हैं. साथ ही उन्होंने अपनी पत्नी और बेटे से पांच लाख रुपए प्रतिमाह भरण-पोषण की मांग की. इसके अलावा मोती महल, कोठी दरबार निवास को खाली कराने की मांग कोर्ट से की. विश्वेन्द्र सिंह ने अपनी जान को खतरा बताते हुए आरोप लगाया कि उनकी पत्नी और बेटे ने संपत्ति हड़पने का प्रयास किया और उनके साथ मारपीट की, जिससे उन्हें एक कमरे तक सीमित कर दिया गया.
पत्नी और बेटे ने विश्वेंद्र सिंह पर लगाए कई आरोप
इधर, विश्वेंद्र सिंह के आरोपों का जवाब देने के लिए पत्नी दिव्या सिंह और बेटे अनिरुद्ध ने एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस की. जिसमें उन्होंने विश्वेंद्र सिंह पर कई आरोप लगाए. पत्नी और बेटे ने विश्वेंद्र सिंह के आरोपों को बेबुनियाद बताया और कहा कि वे हमें बदनाम करने की साजिश करना चाहते हैं. पत्नी और बेटे के मुताबिक विश्वेंद्र सिंह के पास कोई काम धंधा नहीं है और ये लड़ाई पुश्तैनी जायदाद बचाने की है.
बेटे ने कहा, वे (विश्वेंद्र सिंह) पुश्तैनी जायदाद को बेच रहे थे और मोती महल को भी बेचने वाले थे. जिसके बाद जायदाद की लड़ाई शुरू हुई. इन्होंने पिछले 30 साल में पूर्वजों की संपत्ति के साथ क्या क्या छेड़खानी की. है महाराज सूरजमल जी के ज़माने की संपत्ति को कैसे बेचा है. कैसे हमारे फर्जी हस्ताक्षर दस्तावेजों पर किए हैं.
मेरे साथ पिछले 30 सालों में बहुत कुछ हुआ- दिव्या सिंह
वहीं पत्नी दिव्या सिंह ने कहा, पिछले 30 सालों में उनके साथ बहुत कुछ हुआ, जिसे वक़्त आने पर बताएंगे. अगर मैं मुंह खोल दूं कि मेरे साथ क्या हुआ है 30 सालों में तो शायद ऐसा ना हो कि सुप्रीम कोर्ट तक ये केस पहुंच जाए.
भरतपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्यों के बीच पिछले करीब चार साल से विवाद चल रहा है. विवाद के कारण पूर्व राजपरिवार के सदस्य और पूर्व कैबिनेट मंत्री विश्वेंद्र सिंह मोती महल के बजाय अन्य निजी आवास पर रह रहे हैं. विश्वेंद्र सिंह के कोर्ट में याचिका दाखिल करने के बाद भरतपुर के शाही परिवार में हलचल पैदा हो गई. अब लोगों को मामले की अगली सुनवाई का इंतजार है.
करोड़ों के जेवरात पत्नी के कब्जे में- विश्वेंद्र सिंह
इस बीच विश्वेंद्र सिंह ने बताया कि भरतपुर छोड़ते वक्त कई कीमती चीज़ें छोड़ीं, जिनकी कीमत करोड़ों रुपए में हैं. उनके मुताबिक 912 लाख के सोने-चांदी के जवाहरात और आभूषण, 25 लाख के जेवर पत्नी दिव्या सिंह को दिए थे, जो उनके क़ब्जे में हैं. हालांकि बेटे अनिरुद्ध का दावा है कि संपत्ति पर उनकी मां का लीगल हक़ है. अनिरुद्ध का कहना है, प्रॉपर्टी महारानी साहब की है. प्रॉपर्टी पर पट्टा है. प्रॉपर्टी पूरी तरह से वैध है और उस पर कोई स्टे नहीं है.
कौन हैं 'महाराज' विश्वेंद्र सिंह?
अब आपको बताते हैं कि विश्वेंद्र सिंह कौन हैं. विश्वेन्द्र सिंह भरतपुर राजघराने के सदस्य हैं. उनका जन्म 23 जून 1962 में हुआ था. उनके पिता महाराजा ब्रिजेन्द्र सिंह भरतपुर रियासत के अंतिम शासक थे. विश्वेंद्र सिंह महाराजा सूरजमल के वंशज हैं. विश्वेन्द्र सिंह राजस्थान की गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री थे. उन्हें सचिन पायलट खेमे का नेता माना जाता है.