Snoring Effects: रात के खर्राटे डाल रहे पति- पत्नी के रिश्तों में दरार, अलग-अलग सो रहे कपल; बढ़ रहे तलाक के मामले
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Snoring Effects: रात के खर्राटे डाल रहे पति- पत्नी के रिश्तों में दरार, अलग-अलग सो रहे कपल; बढ़ रहे तलाक के मामले

Snoring Effects: रात में आने वाले खर्राटे पति-पत्नी के रिश्तों में दरार डाल रहे हैं. एक स्टडी के मुताबिक खर्राटों से बचने के लिए काफी कपल अलग-अलग सोते हैं, जिससे उनमें तलाक के मामले भी बढ़ रहे हैं.

 

Snoring Effects: रात के खर्राटे डाल रहे पति- पत्नी के रिश्तों में दरार, अलग-अलग सो रहे कपल; बढ़ रहे तलाक के मामले

Effect of Snoring on Married Life: दिन भर काम के बाद हर इंसान सुकून भरी नींद चाहता है, लेकिन क्या आप जानते हैं ये नींद कई बार असल जिंदगी में आपकी नींद उड़ा सकती है. और इसकी सबसे बड़ी वजह हैं खर्राटे. आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे रात में नींद के दौरान लिए जाने वाले खर्राटे पति-पत्नी के रिश्ते तोड़ने की एक बड़ी वजह हैं. 

अमेरिकन अकैडेमी ऑफ़ स्लीप मेडिसिन के एक सर्वे के मुताबिक खर्राटे अमेरिका में तलाक की तीसरी सबसे बड़ी वजह हैं. बाकी दो वजहों में एक अवैध संबंध और दूसरा है आर्थिक विवाद यानी पैसों की लड़ाई. खर्राटों की वजह से अमेरिका में तलाक के मामले तो बढ़े ही हैं, पारिवारिक रिश्तों में भी कड़वाहट बढ़ी है. 

खर्राटों की वजह से टूट रहे पति-पत्नी के रिश्ते

खर्राटों वाली इस कड़वाहट का असर ये हो रहा है कि पति-पत्नी अलग अलग सो रहे हैं. मनोवैज्ञानिकों ने इसे स्लीप डिवोर्स का नाम दिया है. यानी पति-पत्नी एक घर में साथ रहते तो हैं लेकिन सोते अलग अलग हैं. स्लीप डिवोर्स में पार्टनर्स अलग तो नहीं होते. लेकिन रिश्ते में रहते हुए भी उनके बीच अटैचमेंट काफी कम हो जाता है. एक रिसर्च में पता चला है कि करीब 30 प्रतिशत शादीशुदा जोड़े खर्राटों की वजह से अलग-अलग सोना पसंद करते हैं. साथ नहीं सोने की वजह से उनके रिश्तों में दूरी बढ़ जाती है और आगे चलकर ये तलाक की बड़ी वजह बनती है.

खर्राटे एक शाश्वत समस्या हैं और इससे कोई नहीं बच पाया है. ना तो पुरुष और ना ही महिलाएं और ये कोई नई समस्या नहीं है बल्कि सदियों से चली आ रही है. रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में 57 प्रतिशत पुरुष और 40 प्रतिशत महिलाएं खर्राटे लेती हैं. भारत की बात करें तो 43 प्रतिशत लोग कभी-कभी खर्राटे लेते हैं और 20 प्रतिशत लोग नियमित तौर पर खर्राटे लेते हैं.

करीब 80 प्रतिशत लोग लेते हैं खर्राटे

राहत की बात ये है कि भारत में खर्राटों की वजह से तलाक के मामले बेहद कम हैं, लेकिन ये खर्राटे अक्सर पति-पत्नी के बीच झगड़े और तनाव की वजह बन जाते हैं. कई बार तो ये झगड़ा इतना बढ़ जाता है कि पति-पत्नी अलग-अलग कमरों में सोने लगते हैं. कुछ ऐसी ही कहानी दिल्ली की ऋतु गांधी की भी हैं. ऋतु 2016 से ही खर्राटों की समस्या से परेशान थीं. 

खर्राटों की वजह से हालात इतने बिगड़ गए थे कि ऋतु के पति दूसरे कमरे में सोने लगे थे. हालांकि बाद में ऋतु गांधी ने डॉक्टरों की मदद ली और अब उनके खर्राटे बेहद कम हो गए हैं. आंकड़ों के मुताबिक दुनिया भर में लगभग 80 प्रतिशत शादीशुदा जोड़ों में से कोई एक या दोनों खर्राटे लेते हैं. सिर्फ़ 20 प्रतिशत जोड़े ऐसे हैं, तो खर्राटों की समस्या से बचे हुए हैं.

झगड़ने के बजाय लें डॉक्टर की सलाह

दिल्ला के राज सुखवानी भी 20 साल से खर्राटों की समस्या से जूझ रहे थे. इनके खर्राटों से परेशान होकर इनकी पत्नी दूसरे कमरे में सोने लगी थीं. 
राज सुखवानी का कहना है कि जब परेशानी बढ़ गई तो उन्होंने डॉक्टरों की सलाह ली, जिससे उन्हें काफ़ी फ़ायदा हुआ है. मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि खर्राटे स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या है और इनके चलते आपस में झगड़ने की बजाय पति-पत्नी को डॉक्टरों की सलाह लेनी चाहिए. 

खर्राटे के पीछे कई सारे कारण हो सकते हैं. हो सकता है किसी को साइनस की समस्या हो. हो सकता है कि आपके अंदर मोटापा काफी ज्यादा हो, जिसकी वजह से आप खर्राटे ले रहे हो. ऐसा भी हो सकता है कि आपके गले और नाक के जो टिशु है, उसमें कुछ दिक्कत हो और उसकी वाइब्रेशन की वजह से आपको खर्राटे की बीमारी हो जाए. आप या तो इसके लिए थेरेपी ले सकते हैं, जिससे कि यह ठीक हो जाता है या तो फिर या तो फिर इसके लिए मशीन का भी इस्तेमाल किया जाता है, जिससे कि जो पेशेंट है, उनको खर्राटे से थोड़ा आराम मिल सके.

इन उपायों से पा सकते हैं निजात

जानकारों का कहना है कि जीवनशैली और सोने के तरीके में कुछ बदलाव करके खर्राटों की समस्या पर बहुत हद तक लगाम लगाई जा सकती है. इसके लिए तमाम तरह की दवाइयां, थेरैपी और एक्सरसाइज हैं. साथ ही सोने के समय और तरीके में बदलाव करके भी खर्राटों की समस्या को कम किया जा सकता है. खर्राटों से जूझ रहे लोगों को डॉक्टर्स बायीं करवट सोने की सलाह देते हैं. साथ ही वजन काबू में रहने से भी खर्राटों की समस्या कम हो जाती है. कुछ एक्सपर्ट्स लोगों को सोने से पहले गले को तर रखने की भी सलाह देते हैं.

किसी की भी लाइफस्टाइल डिसऑर्डर की वजह से सामने वाले के ऊपर एक बड़ा प्रभाव पड़ता है. खर्राटे की समस्या भी इसी में से एक है. कई बार जो खर्राटे लेते हैं उसके बेड पार्टनर को भी स्वास्थ्य के संबंधित कोई समस्या हो जाती है क्योंकि उनकी नींद पूरी नहीं होती. इससे लोगों के बीच चिड़चिड़ापन काफी ज्यादा बड़ा हो चुका है.

इगो में बिगड़ जाते हैं रिश्ते

एक्सपर्ट का कहना है कि खर्राटों की वजह से बिखरते रिश्तों की एक बड़ी वजह ये है कि दोनों पार्टनर्स में से कोई ये मानने को तैयार नहीं होता है कि वो सोते समय खर्राटे लेता है. इसका असर ये होता है कि दोनों के बीच तल्खी बढ़ने लगती है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर दोनों पार्टनर्स खर्राटे लेने की बात ईमानदारी से कबूल करें और इसके लिए मेडिकल हेल्प लें तो मामला बिगड़ने से पहले ही ये समस्या खत्म हो सकती है. 

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