Hyperthyroidism Treatment: अगर आपके शरीर में थाइराइड हार्मोन्स बढ़ जाए तो मेटाबोलिज्म की गति में भारी इजाफा होता है. इसके उलट अगर इस हार्मोन की रफ्तार कम हो जाए तो हमारी मांशपेशिया कमजोर हो जाएंगी. जिन लोगों को इस ग्लैंड की वजह से दिक्कतें आती हैं, वो अक्सर थका हुआ महसूस करते हैं. उनके नाखून जल्दी टूट जाते हैं और कई ऐसे हैं जो डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं.
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Health Tips: नमक का सेवन रोजाना खाने के स्वाद को बढ़ाने के लिए किया जाता है. ऐसा शायद ही कोई होगा जिसने कभी नमक न खाया हो, ये हमारी डेली डाइट का एक अहम हिस्सा है. कहा जाता है कि शरीर में थाइराइड से जुड़ी परेशानी न हो इसके लिए हमें संतुलित मात्रा में नमक जरूर खाना होगा. दरअसल थाइराइड हमारे शरीर में मौजूद एक ग्लैंड है, जिसके जरिए थाइरॉक्सिन (T4) और ट्राय-आईयोडो-थाइरोनिन (T3) नामक 2 तरह के हार्मोन का सिक्रीशन होता है, जिसके जरिए हमारी बॉडी का मेटाबॉलिज्म कंट्रोल होता है. आइए जानते हैं कि नमक और थाइराइड के बीच क्या तालमेल है.
थाइराइड ग्लैंड क्या होता है?
थाइराइड ग्लैंड हमारे गले में मौजूद होता है, इसका वजन आमतौर पर महज 20 से 30 ग्राम का होता है, फिर भी ये हमारे शरीर का सबसे विशाल हार्मोन ग्लैंड है. इसमें T3 और T4 ग्लैंड मौजूद होते हैं जिसके जरिए डाइजेशन, शुगर कंट्रोल, हार्ट बीट को मेंटेन रखने में मदद मिलती है.
थाइराइड ग्लैंड में सूजन
अगर इस ग्लैंड में किसी तरह का सूजन आ जाए तो इसकी वजह से गॉल्टर हो सकता है, जो आमतौर पर आयोडीन की कमी के कारण होता है. ऐसे में गला फूला हुआ नजर आने लगता है और इसके चलते सांस की नली में प्रेशर आने लगता है और फिर ब्रीदिंग प्रॉब्लम होने लगती है. अगर थाइराइड जरूरत से ज्यादा बनने लगे तो ये कैंसर, स्ट्रोक और हार्ट अटैक जैसी जानलेवा बीमारियों की वजह भी बन सकता है.
नमक और थाइराइड का तालमेल
घरेलू नमक जिसे हम कॉमन सॉल्ट भी कहते वो मुख्य रूप से सोडियम से बना होता है, अगर इसका ज्यादा सेवन किया गया तो थाइराइड ग्लैंड को नुकसान होना तय है. अधिक हार्मोन बनने से Hyperthyroidism जैसी समस्याएं पैदा हो सकती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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