डायबिटीज एक प्रकार का मेटाबॉलिक डिसऑर्डर है जिसके कारण शरीर बहुत कम या बिल्कुल भी इंसुलिन उत्पन्न नहीं करता है. इसके चलते शरीर में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है.
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डायबिटीज दुनिया में सबसे अधिक प्रचलित रोगों में से एक है जिसको कंट्रोल नहीं किए जाने पर मौत भी हो सकती है. यह एक प्रकार का मेटाबॉलिक डिसऑर्डर है जिसके कारण शरीर बहुत कम या बिल्कुल भी इंसुलिन उत्पन्न नहीं करता है. इसके चलते शरीर में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है. डायबिटीज मूल रूप से 2 प्रकार के होते हैं- टाइप 1 डायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज. टाइप 1 मधुमेह आमतौर पर जेनेटिक्स के कारण होता है, जबकि टाइप 2 डायबिटीज अनहेल्दी लाइफस्टाइल और खाने के कारण होता है. अफसोस की बात है कि डायबिटीज का कोई इलाज नहीं है. हालांकि, लाइफस्टाइल में बदलाव से इसे कंट्रोल किया जा सकता है. फिजियोथेरेपी भी डायबिटीज को मैनेज करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. आइए समझते हैं कि डायबिटीज के मरीजों के लिए फिजियोथेरेपी कैसे फायदेमंद है.
नियमित फिजियोथेरेपी टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों पर पॉजिटिव प्रभाव डाल सकती है, विशेष रूप से वरिष्ठ लोगों के साथ-साथ उन लोगों में भी जिन्हें अन्य बीमारियां भी हैं. फिजियोथेरेपी न केवल डायबिटीज के लक्षणों को बिगड़ने से रोकने में मदद कर सकती है बल्कि मौजूदा लक्षणों को मैनेज करने में भी मदद कर सकती है. आइए जानते हैं कि फिजियोथेरेपी डायबिटीज के मरीजों की कैसे मदद करती है.
डायबिटीज के खतरे से कैसे दूर रहें
फिजियोथेरेपी में भाग लेने, बैलेंस डाइट फॉलो करना और स्वस्थ वजन बनाए रखने सहित एक हेल्दी लाइफस्टाइल का नेतृत्व करना डायबिटीज के विकास के खतरे को कम करने की कुंजी है. लोगों को हमेशा यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे भविष्य में किसी भी समस्या या मुद्दों से बचने के लिए पेशेवर फिजियोथेरेपिस्ट की सेवाओं का लाभ उठाएं.
(Disclaimer: ये स्टोरी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है. Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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