Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकवाद से जुड़े मामलों की जांच के तहत राजौरी जिले में बड़ी कार्रवाई की है. पुलिस ने बुधवार को जिले के 25 ठिकानों पर छापेमारी की. इस दौरान कई अहम दस्तावेज और संदिग्ध सामग्री जब्त की गई.
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Jammu Kashmir News: जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आतंकवाद से जुड़े मामलों की जांच के तहत राजौरी जिले में बड़ी कार्रवाई की है. पुलिस ने बुधवार को जिले के 25 ठिकानों पर छापेमारी की. इस दौरान कई अहम दस्तावेज और संदिग्ध सामग्री जब्त की गई. इस अभियान में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवान भी शामिल रहे.
पुलिस ने आतंकियों के नेटवर्क पर कसा शिकंजा
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक यह कार्रवाई उन आतंकियों के खिलाफ की गई जो पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) से अपनी गतिविधियों को संचालित कर रहे हैं. इन संदिग्ध आतंकियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत मामले दर्ज हैं. पुलिस को इनके ठिकानों से महत्वपूर्ण सुराग मिलने की उम्मीद है. जिससे आतंकियों के नेटवर्क को तोड़ने में मदद मिलेगी.
इन इलाकों में हुई छापेमारी
पुलिस ने राजौरी, नौशेरा, थन्नामंडी, दरहाल, कोटरंका, बुद्धल, मंजाकोट और चिंगस समेत 25 स्थानों पर एक साथ छापेमारी की. यह तलाशी अभियान राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) की विशेष अदालत से मिले वारंट के आधार पर चलाया गया. पुलिस प्रवक्ता के अनुसार, यह छापेमारी पिछले साल राजौरी पुलिस स्टेशन में दर्ज एक मामले की जांच के सिलसिले में की गई है.
इफ्तिखार हुसैन के घर पर भी छापा
पुलिस ने राजौरी के टुंडी तरार इलाके में इफ्तिखार हुसैन और उसके भाई मोहम्मद परवाज के घरों पर भी छापा मारा. यह छापेमारी सुबह करीब 9:50 बजे शुरू हुई और एक घंटे से ज्यादा चली. हालांकि, पुलिस को यहां से कोई खास सामग्री नहीं मिली. अधिकारियों ने बताया कि इन दोनों का एक और भाई मोहम्मद असगर उर्फ 'बिल्ला' उर्फ 'काका' आतंकवादी है और नियंत्रण रेखा (LoC) के पार से अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है.
क्या है UAPA और क्यों हो रही है इतनी सख्ती?
UAPA यानी गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम आतंकवाद से जुड़े मामलों में इस्तेमाल किया जाने वाला सख्त कानून है. इस कानून के तहत संदिग्ध आतंकी गतिविधियों में शामिल किसी भी व्यक्ति या संगठन पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है. जम्मू-कश्मीर में हाल के दिनों में आतंकवादी घटनाओं में बढ़ोतरी के चलते सुरक्षा एजेंसियां अब ज्यादा सतर्क हो गई हैं और संदिग्धों के खिलाफ सख्त कदम उठा रही हैं.
आगे क्या होगा?
पुलिस ने जब्त किए गए दस्तावेजों और अन्य सामग्रियों की जांच शुरू कर दी है. अधिकारियों का कहना है कि इस कार्रवाई से आतंकियों के नेटवर्क को कमजोर करने में मदद मिलेगी. पुलिस आने वाले दिनों में और भी ठिकानों पर छापेमारी कर सकती है ताकि आतंकी संगठनों की कमर तोड़ी जा सके.
(एजेंसी इनपुट के साथ)