Aadat Hai Badal Dalo: अगर होने जा रहे हैं 30 के पार, तो सेहत के लिए जरूरी हैं Carbs और Fat Diet, जानें क्यों
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Aadat Hai Badal Dalo: अगर होने जा रहे हैं 30 के पार, तो सेहत के लिए जरूरी हैं Carbs और Fat Diet, जानें क्यों

Aadat Hai Badal Dalo: अक्सर युवा 30 की उम्र में आते ही अपनी डाइट में कार्ब्स और वसा का सेवन करना कम कर देते हैं, क्योंकि वे अपने बढ़ते वजन को लेकर फिक्रमंद होते हैं, लेकिन सभी वसा और कार्ब्स आपके लिए खराब नहीं होते और न आपका वजन बढ़ते हैं. 

 

Aadat Hai Badal Dalo: अगर होने जा रहे हैं 30 के पार, तो सेहत के लिए जरूरी हैं Carbs और Fat Diet, जानें क्यों

Aadat Hai Badal Dalo: आपके शरीर में 30 के दशक में बहुत से बदलाव होने लगते हैं. नौकरीपेशा लोग इन बदलावों की ओर वक्त रहते ध्यान नहीं दे पाते. बिजी लाइफस्टाइल और वर्कलोड के चलते इस तरह ध्यान ही नहीं जाता. दरअसल, इस उम्र में हमारी बॉडी को फैट और कार्ब्स की भी जरूरत होती है, जितनी दूसरे पोषक तत्वों की होती है, क्योंकि वे शरीर के लिए फ्यूल की तरह काम करते हैं.

साथ ही बढ़ती उम्र में हमारी फिजिकल और मेंटल हेल्थ के लिए फैट और कार्ब्स बेहद जरूरी होते हैं. अगर आप भी 30 की उम्र में प्रवेश करने जा रहे हैं, तो आपके लिए यह बेहद काम की खबर है. आज 'आदत है बदल डालो' की सीरीज में जानें कि इस उम्र में आपके लिए फैट और कार्ब्स युक्त डाइट न लेने के क्या नुकसानहैं... 

30 के दशक में महिलाओं में होने वाले बदलाव
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक 30 साल की उम्र तक पहुंचने के बाद मेल और फीमेल दोनों कम हार्मोन प्रोड्यूस करना शुरू कर देते हैं. एस्ट्रोजेन जो महिलाओं के पीरियड्स को कंट्रोल करने वाला हार्मोन है, कम होने लगता है. इसके चलते वजन तेजी से बढ़ सकता है और यौन इच्छा कम हो सकती है. आपको पेरिमेनोपॉज भी हो सकता है, जिसके कारण चिंता, चिड़चिड़ाहट बढ़ने लगती है. 

पुरुषों में होने वाले बदलाव
वहीं, 30 साल की उम्र तक पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन का लेवल कम हो जाता है, जिसके कारण तेजी से आपका वजन बढ़ने लगता है, खासतौर पर पेट के आसपास के हिस्से पर इसका ज्यादा प्रभाव पड़ता है. वहीं, मांसपेशियों को स्ट्रॉन्ग बनाए रखने में कठिनाई होती है. इसके साथ ही डिप्रेशन और यौन अक्षमता जैसे कुछ अनचाहे चेंजेस होने लगते हैं. 

स्लो मेटाबॉलिज्म
30 के दशक में मेटाबॉलिज्म स्लो होने लगता है, इसलिए आपको अपनी डाइट में ज्यादा से ज्यादा फैट और कार्ब्स का सेवन करना जरूरी है. बिना फैट और कार्ब्स वाली डाइट बेअसर होती है, जो फिजिकल और मेंटल हेल्थ के लिए बेहद हानिकारक हो सकते हैं.

मांसपेशियां पर पड़ता है असर
कम वसा और कार्ब्स के सेवन करने से आपके शरीर की मांसपेशियां कमजोर होने लगती. ऐसे में आप अक्सर थकान और कब्ज की समस्या से जूझते हैं. ओमेगा 3 फैटी एसिड जैसे जरूरी फैट जो सेंट्रल नर्वस सिस्टम और आंखों की हेल्थ के लिए जरूरी हैं, ये ब्लड कोलेस्ट्रॉल लेवल और सूजन को कम करते हैं. 

हार्मोन्स प्रोड्यूस करने के लिए है जरूरी
फैट किसी भी तरह के घावों को भरने और विटामिन अवशोषण में भी हेल्प करता है. साथ ही बॉडी में सेक्स हार्मोन जैसे टेस्टोस्टेरोन और एस्ट्रोजन समेत अन्य हार्मोन के उत्पादन के लिए वसायुक्त आहार जरूरी है. 

इन चीजों का करें सेवन
वसा और कार्ब्स की निश्चित मात्रा हमारी ओवरऑल हेल्थ के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं. ऐसे में कार्बोहाइड्रेट जैसे ओट्स, साबुत अनाज, ब्राउन राइस आदि को डाइट में शामिल करें. वसा युक्त आहार में मैक्रोन्यूट्रिएंट्स होते हैं. ओमेगा-3 से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे अलसी के बीजों, मछली, ऑलिव ऑयल, एवोकाडो और अखरोट का सेवन अच्छी हेल्थ के लिए जरूरी है.

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