Article 167: हिंसा प्रभावित बांग्लादेश के लोगों को शरण देने वाले ममता बनर्जी के बयान पर राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने रिपोर्ट मांगी है. राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से संविधान के अनुच्छेद 167 (Article 167) के तहत एक व्यापक रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है.
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What is Article 167: हिंसा प्रभावित बांग्लादेश के लोगों को शरण देने वाले बयान पर पश्चिम बंगाल में सियासत तेज हो गई है और राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने इसको लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से रिपोर्ट मांगी है. इसको लेकर राजभवन ने कहा है कि विदेशी मामलों से संबंधित किसी भी मसले को संभालना केंद्र का विशेषाधिकार है. बता दें कि ममता बनर्जी ने बांग्लादेश के हिंसा प्रभावित लोगों को पश्चिम बंगाल में शरण देने की बात कही थी. इसी मामले में राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से संविधान के अनुच्छेद 167 (Article 167) के तहत एक व्यापक रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है. राजभवन ने सीएम से जवाब मांगा है कि किस आधार पर संवैधानिक मर्यादाओं की अनदेखी करते हुए ऐसी सार्वजनिक घोषणा की गई है. तो चलिए आपको बताते हैं कि आर्टिकल 167 क्या है, जिसके तहत राज्यपाल ने ममता बनर्जी से रिपोर्ट मांगी है.
क्या है आर्टिकल 167, जो राज्यपाल-सीएम से जुड़ा है
संविधान का अनुच्छेद 167 (Article 167) राज्यपाल को किसी फैसले की जानकारी देने के संबंध में मुख्यमंत्री के कर्तव्यों को परिभाषित करता है. आर्टिकल 167 के तहत राज्यपाल और राज्य मंत्रिपरिषद के बीच मुख्यमंत्री एक कड़ी के रूप में कार्य करता है. इसके तहत किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री का यह कर्तव्य है कि राज्य के कार्यो के प्रशासन संबंध और विधान विषयक प्रस्थापनाओं संबंधी मंत्रिपरिषद के सभी फैसलों की जानकारी राज्यपाल को दे.
मुख्यमंत्री द्वारा एडवोकेट जनरल, राज्य लोक सेवा आयोग, राज्य चुनाव आयोग आदि के अध्यक्ष और सदस्यों जैसे महत्त्वपूर्ण अधिकारियों की नियुक्ति के संबंध में राज्यपाल को जानकारी दी जाती है. इसके अलावा राज्यपाल प्रशासन संबंधी और विधान विषयक प्रस्थापनाओं संबंधी उन जानकारी को मांग सकता है, जिस पर किसी मंत्री ने फैसला लिया हो, लेकिन मंत्रिपरिषद के सामने उस पर विचार नहीं किया गया हो.
ममता बनर्जी के बयान पर राज्यपाल ने मांगी रिपोर्ट
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस द्वारा सीएम ममता बनर्जी से रिपोर्ट मांगने की जानकारी राजभवन के मीडिया सेल ने एक्स (ट्विटर) के जरिए दी है. पोस्ट में राजभवन की मीडिया सेल ने कहा कि बाहरी मामलों का हिस्सा होने वाली किसी भी चीज को संभालना केंद्र का विशेषाधिकार है. विदेश से आने वाले लोगों को आश्रय देने का मामला केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में है. किसी विदेशी देश से आने वाले लोगों को आश्रय देने की जिम्मेदारी लेने वाले एक मुख्यमंत्री द्वारा सार्वजनिक बयान देना गंभीर संवैधानिक उल्लंघन का संकेत देता है. हालांकि, पोस्ट में बताया गया है कि यह एक पोस्ट एक अधिकारी के हवाले से किया गया है. इसके साथ ही पोस्ट में एक डिस्क्लेमर भी लगाया गया है, जिसमें कहा गया है कि यहां दी गई सामग्री राजभवन के कर्मचारियों की जानकारी के लिए है और इसे राज्यपाल का बयान न माना जाए.
HG has sought a report under Article 167 on the reported comment made by Chief Minister publicly on 21.07.2024:
“…But I can tell you this, if helpless people come knocking on the doors of Bengal, we will surely provide them shelter.”
Close on its heels came Government of India’s…— Raj Bhavan Media Cell (@BengalGovernor) July 22, 2024
ममता बनर्जी ने अपने बयान में क्या-क्या कहा था?
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को कहा था कि बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा के मद्देनजर वह पड़ोसी देश में संकट में फंसे लोगों के लिए अपने राज्य के दरवाजे खुले रखेंगी और उन्हें शरण दी जाएगी. ममता बनर्जी ने संभावित मानवीय संकट पर अपने रुख को न्यायोचित ठहराने के लिए शरणार्थियों पर संयुक्त राष्ट्र के संकल्प का हवाला दिया. उन्होंने कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस की ‘शहीद दिवस’ रैली में कहा, 'मुझे बांग्लादेश के मामलों पर नहीं बोलना चाहिए, क्योंकि वह एक संप्रभु राष्ट्र है और इस मुद्दे पर जो कुछ भी कहा जाना चाहिए वह केंद्र का विषय है. लेकिन, मैं आपको यह बता सकती हूं कि यदि संकट में फंसे लोग बंगाल का दरवाजा खटखटाएंगे तो हम उन्हें शरण जरूर देंगे. ऐसा इसलिए है, क्योंकि अशांत क्षेत्रों के आसपास के क्षेत्रों में शरणार्थियों को समायोजित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र का एक संकल्प है.'
ममता बनर्जी ने बंगाल के उन निवासियों को हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया, जिनके रिश्तेदार अंतरराष्ट्रीय सीमा से पूर्व की ओर हो रही हिंसा के कारण फंस गए हैं. उन्होंने उन बांग्लादेशियों को भी सहायता प्रदान करने की बात कही जो बंगाल आए थे, लेकिन घर लौटने में कठिनाई का सामना कर रहे हैं. बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के लोगों से बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति से संबंधित मामलों पर उकसावे में न आने की भी अपील की. उन्होंने कहा, 'हमें संयम बरतना चाहिए और इस मुद्दे पर किसी भी उकसावे में नहीं आना चाहिए.' ममता बनर्जी ने पड़ोसी देश में जारी हिंसा प्रभावित लोगों के साथ अपनी एकजुटता भी व्यक्त की. बाद में मुख्यमंत्री ने राज्य प्रशासन द्वारा बांग्लादेश से लौटे लोगों को दी गई सहायता की जानकारी दी.
(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी भाषा)