समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को चाचा शिवपाल के घर पर जाकर उनसे मुलाकात की. लगभग डेढ़ घंटे तक चाचा और भतीजे की मुलाकात में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई है. आइए जानते हैं इस मुलाकात से क्या निकलेगा.
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मयूर शुक्ला/लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को चाचा शिवपाल के घर पर जाकर उनसे मुलाकात की. लगभग डेढ़ घंटे तक चाचा और भतीजे की मुलाकात हुई. दोनों के बीच निकाय चुनाव समेत अन्य मुद्दों पर सियासी बातें भी हुईं. कयास लगाए जा रहे हैं कि अब शिवपाल यादव और उनके बेटे आदित्य यादव को संगठन में अहम पद दिया जा सकता है. ये बैठक सपा के संगठन विस्तार को लेकर हुई जिसमें तमाम मुद्दों पर चर्चा की गई.
नेताओं के सियासी पुनर्वास पर चर्चा
सूत्रों की माने तो राज्य के साथ ही राष्ट्रीय सह संयोजक का पद बनाकर किसी बड़े चेहरे को जिम्मेदारी दी जा सकती है. इसी के साथ गैर यादव ओबीसी के बड़े नेताओं के नामों पर भी चर्चा हुई है. प्रस्पा में तमाम ऐसे बड़े नेता हैं जो अब सपा में अपना भविष्य तलाश रहे हैं. उनका राजनीतिक पुनर्वास करने पर सहमति बनती दिख रही है. सपा तमाम बड़े मुस्लिम नेताओं पर भी दांव खेल सकती है, ऐसे में अखिलेश के लिए चाचा शिवपाल की सियासी सलाह काफी मायने रखती है. इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्हें संगठन में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है.
एक दूसरे की कर रहे तारीफ
दरअसल, मैनपुरी के लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में चाचा ने पूरा दमखम दिखाया तो भतीजे ने भी उस दमखम की सराहना की. चुनाव के नतीजे सामने आए और डिंपल यादव की भारी बहुमत से जीत हुई. इसके बाद से ही यह कहा जा रहा था कि चाचा को पार्टी में एक महत्वपूर्ण पद दिया जाएगा. फिर बीच में खरमास माह के चलते चाचा और भतीजे की मुलाकात नहीं हुई. अब खिचड़ी के बाद अखिलेश यादव ने खुद शिवपाल यादव से मुलाकात की.
अखिलेश यादव और शिवपाल यादव की मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं. एक तरफ जहां समाजवादी पार्टी के संगठन को मजबूती मिलेगी. वहीं दूसरी तरफ 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए भी तैयारियां अब जोर-शोर से शुरू होगी.
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