दूसरे होमलोन पर मिलेगा कई टैक्स बेनिफिट, नये घर का सपना भी होगा पूरा
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दूसरे होमलोन पर मिलेगा कई टैक्स बेनिफिट, नये घर का सपना भी होगा पूरा

एक घर रहते हुए दूसरा घर खरीदने की सोच रहे हैं और इसके लिए यदि आप एक और होम लोन लेना चाहते हैं तो यह आपके लिए यह फायदे का सौदा साबित होगा. बशर्ते आप दूसरे होम लोन से जुड़े नियमों की जानकारी रखें. आइए जानते हैं कैसे दूसरे होम लोन से आपको कई टैक्स बेनिफिट हो सकते हैं.

दूसरे होमलोन पर मिलेगा कई टैक्स बेनिफिट, नये घर का सपना भी होगा पूरा

लखनऊ: अब वह दौर बीत गया जब दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में ही लोग दूसरा घर खरीदने की प्लानिंग करते थे.अब आगरा, अलीगढ़, प्रयागराज,मेरठ, देहरादून जैसे टियर टू शहरों में भी लोग एक से अधिक घर की खरीदी की ओर बढ़ रहे हैं. घर या स्थायी प्रॉपर्टी की खरीद में होम लोन एक अहम फैक्टर होता है. यदि आप पहले से चले आ रहे होम लोन के साथ दूसरा घर खरीदने की सोच रहे हैं तो आपकी यह प्लानिंग आपको टैक्स बेनिफिट दे सकती है. बस आपको दूसरे होम लोन के नियमों के मुताबिक अपना इनवेस्टमेंट प्लान तैयार करना होगा. टैक्स संरचना पर काम करने वाले स्टार्टअप नोब्रोकर ने देश में दूसरे होम लोन से जुड़े टैक्स बेनिफिट पर रिपोर्ट जारी की है. इसके मुताबिक जिन लोगों के पास दो घर हैं, वह दूसरे होम लोन पर कई फायदे हासिल कर सकते हैं. हालांकि इसके लिए आपको कुछ खास बातों का ख्याल रखना होगा. 

दूसरे घर पर खुद का कब्जा
यदि आप अपने उपयोग के लिए एक से अधिक आवासीय संपत्ति के मालिक हैं, तो संपत्तियों में से एक को स्व-अधिकृत माना जाएगा. इसका वार्षिक मूल्य शून्य होगा. जैसा कि आयकर अधिनियम की आवश्यकताओं में साफ तौर पर कहा गया है.
खाली संपत्ति के टैक्स इम्पैक्ट का असर
यदि आप एक से अधिक घर के मालिक हैं, तो आप दो स्व-अधिकृत संपत्तियों (एसओपी) में से एक को अपने कब्जे में होने का ऑप्शन चुन सकते हैं. नियमों के मुताबिक शेष घरों को डीम्ड लेट-आउट प्रॉपर्टी (डीएलओपी) माना जाएगा. इससे कर योग्य इनकम काल्पनिक किराये की राशि के बराबर बढ़ जाएगी.
दूसरे घर को किराए / पट्टे पर देना
यदि आप किराए या पट्टे के लिए दूसरा घर खरीदते हैं, तो आपको मिलने वाला वास्तविक किराया कुछ प्रतिबंधों के अधीन आपकी कर योग्य आय का हिस्सा माना जाएगा.
नगर निगम करों के लिए कटौती
स्थानीय निकाय को किए गए भुगतान अर्थात नगरपालिका कर को भारत में दूसरे गृह ऋण कर लाभ के रूप में अनुमति दी जाती है.
रखरखाव उद्देश्यों के लिए कटौती
निर्माणाधीन दूसरे होम लोन पर पांच साल के लिए टैक्स बेनिफिट मिलेगा. निर्माण पूर्व चरण के दौरान भुगतान किए जाने वाले ब्याज का 20 प्रतिशत कटौती के लिए पात्र होगा.
इन बातों की जानकारी जुटा लें
आस-पड़ोस के बारे में जानें और अपने खरीद लक्ष्य के बारे में सतर्क रहें. टैक्स, इनवेस्टमेंट बैनिफेट या फ्यूचर प्लानिंग के लिए घर ले रहे हैं यह स्पष्ट होना चाहिए. इसी तरह अगर आप इसे किराए पर या पट्टे पर देने का इरादा रखते हैं तो घर के वास्तविक किराये का आकलन कर लें. इसके अतिरिक्त यह भी जांच करें कि स्थान किरायेदारों की अपेक्षाओं को पूरा करता है या नहीं. सभी संभावित लागतों का अनुमान पहले ही जुटा लें. क्या आप अभी भी अपने पहले घर की किस्तों का भुगतान कर रहे हैं? अगर हां, तो पुष्टि करें कि आप आवश्यक राशि के लिए सक्षम हैं. दूसरी बार के खरीदारों के लिए अलग-अलग ब्याज दर नियम लागू हो सकते हैं. कुछ बैंक ऐसे ग्राहकों से बड़े डाउन पेमेंट की मांग करते हैं.

80-सी की कटौती
मूलधन  और ब्याज बंधक भुगतान के दो अहम घटक होते हैं. धारा 80-सी 1.5 लाख रुपये तक के प्रिसिंपल अमाउंट के रिपेमेंट पर कटौती की मंजूरी देती है. दूसरे होम लोन पर अधिकतम टैक्स छूट का दायरा 1.5 लाख रुपये का होगा. आप दूसरा बंधक ही क्यों न रखते हों. लेकिन इसी मद में पब्लिक प्रोविडेंट फंड, ईएलएसएस जैसे इनवेस्टमेंट के साधन भी शामिल हैं. धारा 80-सी दूसरे होम लोन पर इनकम टैक्स बेनीफिट और दूसरे तथा पहले होम लोन पर अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक के मूलधन के रीपेमेंट की मंजूरी देता है. यह कटौती कई आवासीय संपत्तियों के लिए मौजूद है. 

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